कैसे है आप सब आशा है अच्छे होंगे और चुदाई के जुगाड़ में होंगे , मेरा नाम हिमेश श्वेतानन्द , यह मेरी पहली कहानी है तो मुझे लगता है कि मुझसे कुछ गलतियाँ भी हुई होगी तो प्लीज आप सभी मुझे अपना समझकर मुझे माफ़ जरुर करें, लेकिन में उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आप सभी को बहुत पसंद आएगी, क्योंकि यह मेरा पहला चोदा पेली अनुभव है और यह दो महीने पुरानी घटना है. दोस्तों मेरी अभी तक शादी नहीं हुई है और मेरी उम्र 21 साल है, में कोटद्वार में रहता हूँ और में दिखने में एकदम ठीक ठाक हूँ और मेरे लंड की लम्बाई 8 इंच और 3.5 मोटा है. दोस्तों में आज जो कहानी आपको सुनाने जा रहा हूँ वो मेरी पड़ोस में रहने वाली एक लड़की की है जो अभी अभी जवान हुई है और अब धीरे धीरे उसके जिस्म ने अपने हर एक अंग को उभारना शुरू कर दिया है और अब में आप सभी को पूरी विस्तार में वो घटना सुनाता हूँ. लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों.
मेरे मित्रगणों क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया दोस्तों मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती है जिसका नाम शिवानी सिन्हा है और उसकी माँ बड़ी ही बातूनी किस्म की औरत थी और वो कहीं भी किसी के भी घर में घुस जाती थी और ऐसे ही वो धीरे धीरे मेरे घर में भी घुस आई थी और मेरे घरवालों से मिलना शुरू किया और कुछ भी माँगना शुरू हो गया जैसे शक्कर या दूध या या और कुछ भी. में गणित में बहुत अच्छा था और शिवानी सिन्हा 10th क्लास में थी और उसके बोर्ड के एग्जाम थे तो उसकी माँ ने एक दिन मुझसे कहा कि मेरी बेटी गणित में बहुत कमजोर है इसलिए क्या तुम शिवानी सिन्हा को कुछ दिन ट्यूशन दे सकते हो? मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.
मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है में उनके बहुत कहने पर मान गया और उसको ट्यूशन देकर मेरा भी अभ्यास हो जाता और शिवानी सिन्हा जैसी सुंदर और सेक्सी लड़की को अपने पास बैठाकर मज़ा आएगा. तो मैंने यह सोचा और वैसे शिवानी सिन्हा थी बहुत साफ रंग, थोड़ी कम हाईट, करीब 5 फीट 1.2 इंच और उसका फिगर वाह 34-35 बूब्स 28 कमर और 36 गांड और वो हमेशा स्कर्ट और टॉप पहना करती थी. ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना लड खड़ा ही हो जायेगा.
मेरे मित्रगणों चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है तो उसके अगले दिन से वो मेरे पास पड़ने आने लगी और में उसको पढ़ाता, लेकिन फिर मौका देखकर उसको देखता था क्योंकि वो बहुत खुबसूरत थी और अब में उसको पूरे ध्यान से पढ़ाता और मुझको वो अच्छी भी लगती थी, लेकिन जब वो पड़ती थी तब में नजरे चुराकर उसके पैरों को देखता था वो बहुत ही गोरी थी और उसकी छोटी सी स्कर्ट से बहुत ऊपर तक नजर आता. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.
मेरे मित्रगणों मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है एक बार में उसको देख रहा था कि उसने मुझसे कुछ पूछा, लेकिन मेरा पूरा ध्यान उसकी गोरी गोरी जांघो पर था और में उसकी बात ध्यान नहीं दे सका, लेकिन फिर भी उसने मुझे दो बार बुलाया भैया, भैया. तो मैंने एकदम से उसकी तरफ देखा और कहा कि हाँ क्या हुआ? तो वो मुझसे बोली कि आपको क्या हुआ है और आप इतना ध्यान से क्या देख रहे हो? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं, कुछ नहीं तो वो बोली कि नहीं आप कुछ तो देख रहे थे प्लीज बताओ ना बताओ. मेरे मित्रगणों क्या मलाई वाला माल लग रहा था.
चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए वो मुझसे बहुत जिद करने लगी और मैंने थोड़ी हिम्मत करके उससे कहा कि शिवानी सिन्हा में देख रहा हूँ कि तुम्हारे पैर पर एक भी बाल नहीं है. तो वो बोली कि हाँ मैंने कुछ दिन पहले ही साफ किए है वो मेरे स्कूल में ऊँची स्कर्ट है ना इसलिए मैंने साफ किए है क्योंकि मेरे पैरों पर बाल अच्छे नहीं लगते है और वो बहुत काले है इसलिए मैंने उन्हे साफ कर दिया है. तो मैंने कहा कि हाँ ठीक और अब थोड़ा माहोल और साथ में उसका मूड दोनों ही एकदम ठीक थे तो मैंने भी सही मौका देखकर उससे पूछा कि क्या तुम्हारा स्कूल में कोई बॉयफ्रेंड है? तो वो फटाक से बोली कि हाँ बहुत है, मैंने कहा कि बहुत है इसका क्या मतलब है? साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.
मेरे मित्रगणों एक बार चोदते चोदते मेरा लंड घिस गया वो बोली कि हाँ स्कूल के अंदर और बाहर मेरे बहुत सारे लड़के मेरे फ्रेंड है. मैंने कहा कि वो नहीं में तुम्हारे बॉयफ्रेंड की पूछ रहा था तो उसने कहा कि हाँ मैंने भी तो बॉयफ्रेंड का बताया है. तो मैंने कहा कि में वो वाला बॉयफ्रेंड कह रहा था और उसने पूछा कि वो वाला कैसे वाला? तो में मन ही मन में सोचने लगा कि या तो यह पागल बन रही है या फिर मुझे बनाने की कोशिश कर रही है, मैंने कहा कि चलो अब वो बात छोड़ो और चुपचाप पड़ो. वहा का माहौल बहुत अच्छा था मेरे मित्रगणों.
मेरे मित्रगणों उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया तो उसने कहा कि नहीं पहले आप बताओ क्या कह रहे थे? मैंने कहा कि वो फ्रेंड जो तुमको बहुत प्यार करता है और फिर उसने कहा कि हाँ मेरी कई फ्रेंड फोन पर बात करती तो है, लेकिन मुझको समझ नहीं आता. तो मैंने कहा कि ठीक है छोड़ो चलो अब पढ़ाई पर ध्यान दो, लेकिन वो बिना मन से पढ़ने लगी और मैंने उसके पैरों को देखकर अपने लंड को खड़ा कर रखा था और कुछ देर की पढ़ाई के बाद वो अपने घर पर चली गई, तो मैंने बाथरूम में जाकर उसके नाम की मुठ मारी और अपने लंड को शांत किया. वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों.
ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों करीब दो सप्ताह के बाद मेरे सभी परिवार वाले मेरे किसी रिश्तेदार की शादी में बाहर चले गये और उनको दो, तीन दिन बाद वापस आना था, लेकिन मुझे घर पर कोई जरूरी काम था तो में उनके साथ नहीं गया. वो शनिवार का दिन था और में दो बज़े घर पर वापस आ गया और फिर कुछ देर बाद दरवाजे की घंटी बजी, तो मैंने उठकर दरवाज़ा खोला और मैंने देखा कि सामने शिवानी सिन्हा खड़ी हुई थी और उसके हाथ में किताब थी शायद वो मुझसे कुछ समझने आई थी. मेरे मित्रगणों एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया.
उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों गजब तो मैंने उससे बोला कि घर पर कोई नहीं है, वो बोली कि हाँ मुझे पता है और उसने एक नॉटी सी स्माइल दे दी. फिर में इससे पहले कुछ कहता वो सीधा अंदर आ गई और उसने बोला कि फिर तो आज पढ़ाई नहीं होगी, आज सिर्फ़ एंजाय करेंगे और फिर वो सोफे पर बैठ गई उसने टीवी चालू किया और एक चॅनेल पर शिवानी सिन्हा ने एक मूवी लगा ली और उसने अपना नरम नरम हाथ मेरे लंड पर रख दिया और धीरे धीरे अपने हाथ को ऊपर नीचे करके मेरे लंड को खड़ा कर दिया. में एकदम मस्ती में आ गया और अब मैंने सोचा कि इसको चोदा जाए. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों .
क्या बताऊ मेरे मित्रगणों मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया मैं ने कहा कि अब अपनी स्कर्ट उतारो में भी देखता हूँ कि अंदर कैसा नजारा होगा? तो वो मेरी बातों को मानने लगी और एक हाथ से लंड को पकड़े रही और दूसरे हाथ से स्कर्ट उतार रही थी, मैंने उसका साथ दिया और स्कर्ट को नीचे कर दिया उसकी नीले कलर के पेंटी वाह मैंने उसे दोनों साईड से पकड़ा और उतार दिया. तो मैंने देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं थे मैंने कहा कि क्यों इस पर बाल नहीं है? तो उसने कहा कि में जब पैर के बाल साफ करती हूँ तभी इसको भी साफ कर लेती हूँ, मुझको इस पर रेज़र लगाते हुए बहुत मज़ा आता है. कुछ भी हो माल एक जबरजस्त था.
उसको देखकर किसी का मन बिगड़ जाये फिर मैंने कहा कि प्यार में भी यही सब होता है, लेकिन बस प्यार में यह मज़ा बहुत ज़्यादा होता है. तो मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरा वो एकदम मचल गई और मुझसे कहने लगी कि गुदगुदी होती है और फिर मैंने उसको लेटाया और चूत पर हाथ फेरता रहा और एक हाथ उसके बूब्स पर ले गया और बूब्स को दबाने लगा. हाथ के घुमाने से उसको मज़ा आ रहा था कि उसको पता भी नहीं चला कि मेरा एक हाथ कब उसके टॉप में घुस गया में बूब्स को ब्रा के ऊपर से सह ला रहा था और वो बोल रही थी कि हाँ और दबाओ मज़ा आ रहा है अच्छा लग रहा है तो मैंने कहा कि टॉप को भी उतारो. मेरे मित्रगणों मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है.
उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है उसने एकदम से टॉप को नीचे उतारा और फिर ब्रा को उतारा और लेट गई. में हाथ फेरते फेरते अपना मुहं उसकी चूत पर ले गया और मैंने जैसे ही अपनी जीभ को उसकी चूत के होंठ पर रखा वैसे ही वो सिसकियाँ लेने लगी और में जीभ से उसकी गरम चूत को चाटने लगा वो मचलने लगी. तो मैंने और भी जीभ को अंदर डाला, वो मज़े से पागल हो गई और अब मेरा लंड भी पूरी मस्ती में था तो मैंने सोचा कि अब डाल ही देता दूँ, जो भी होगा देखा जाएगा और में उसके ऊपर लेट गया और मैंने अपने होंठ से उसके होंठ मिलाए, वो मज़े में मदहोश थी और अब उसकी चूत पानी छोड़ रही थी. मैंने फ्रेंच किस स्टार्ट किया और मुहं एकदम से अपने मुहं से बंद करके अपना लंड उसकी मस्त चूत पर रखा और धीरे से डालने लगा तो वो मचलने लगी. मेरे मित्रगणों एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया ब ड़ा मजा आया.
मेरे मित्रगणों चोदते चोदते कंडोम के चीथड़े मच गए तो मैंने देखा कि यह धीरे का काम नहीं है और मैंने एक झटका मारा, लेकिन लंड, चूत से एकदम फिसलता हुआ इधर उधर होने लगा. तो मैंने अपने एक हाथ से लंड को पकड़ा और दूसरे हाथ से उसकी चूत की पंखड़ियों को थोड़ा सा फैला दिया और लंड को चूत के मुहं पर रखकर एक जोरदार धक्का दिया. तो मेरा पूरा का पूरा लंड, चूत में फिसलता, रगड़ खाता हुआ घुस गया और उसके मुहं से एक बहुत ज़ोर की चीख निकली और वो अपने पैरों को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और मुझसे लंड को बाहर निकालने को कहने लगी. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है.
एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया उसके पूरे चेहरे पर पसीने की छोटी छोटी बूंदे बहने लगी वो अपने दर्द से छटपटाने लगी, लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और उसके मुहं पर अपना मुहं लगाया तो उसकी आवाज़ अंदर ही अटक गई और में बिल्कुल चुपचाप बिना हिले लंड को चूत में डाले पड़ा रहा और उसका मुहं चूसता रहा और उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से सहलाने लगा और फिर करीब दस मिनट के बाद मैंने महसूस किया कि वो अपनी गांड को उठकर मेरे लंड के साइड से धक्के दे रही है. तो में समझ गया कि उसको अब दर्द कम है और शायद मुझसे अपनी चूत चुदाई में मज़ा भी आ रहा है. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.
मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया तो में धीरे धीरे धक्के मारता रहा और उसका मुहं छोड़कर बूब्स चूसता रहा और 10-12 मिनट बाद एक तूफान सा आया और मैंने देखा कि शिवानी सिन्हा एक बिन पानी मछली की तरह तड़प रही थी और फिर में समझ गया कि उसका झड़ने का समय अब करीब आ चुका है और उसकी तड़प से मेरी स्पीड और भी तेज़ हो गई और में भी झड़ने पर पहुंचने लगा और वो सिसकियाँ लेने लगी अह्हह्ह्ह्ह्ह् उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ् और ज़ोर से हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह फाड़ दो मेरी चूत को अह्ह्ह दो मुझे चुदाई का पूरा सुख. मेरे मित्रगणों कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया.
उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों फिर कुछ देर बाद हम दोनों का पानी एक साथ निकल गया और वो एकदम शांत होकर लेट गई. उसने मुझे अपनी बाहों में भर रखा था और में उसकी चूत में झड़ने के साथ साथ उसके बूब्स को सहला रहा था. फिर कुछ देर बाद में भी थककर उसके ऊपर लेट गया और उसके जिस्म को सहलाने लगा. फिर हम दोनों उठे तो मैंने देखा कि बेडशीट पर मेरे वीर्य के अलावा उसकी चूत से निकला हुआ खून भी था जो आज उसकी चुदाई में उसकी सील टूटने की तरफ इशारा कर रहा था. तो हमने अपने कपड़े पहने और उस समय शाम के 7 बज गये थे. उसके मम्मी, पापा के आने का टाईम भी हो गया था. तो वो सोफे पर बैठकर अपनी किताब को लेकर बैठ गयी. तो मैंने बेडरूम से खून से भरी हुई बेडशीट उठाई और उसे धोने लगा, लेकिन उस पर लगा हुआ वो चुदाई का खून नहीं निकला. उसकी बूब्स देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मेरे मित्रगणों अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मेरे मित्रगणों मै पागल सा हो गया .