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प्रमोशन की मज़बूरी में लंड की गुलामी

Posted on:- 2024-12-13


नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब , मेरा नाम डेनिश फोब्स  है और एक बार मुझे काम के सिलसिले में वाराणसी  जाना पड़ा, वहाँ मुझे 3 महीने का काम था. मेरे दफ़्तर में मेरी सहकर्मी जो कि सीनियर क्लर्क है, जिसका नाम फातिमा कुरैशी  है, जिनकी उम्र 34 साल की है, उनकी शादी 15 साल पहले हुई थी और उनके पति दुबई में 2 साल से सर्विस कर रहे थे, फातिमा कुरैशी  का फिगर 37-34-40 गोरी, लेकिन मोटी थी. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.


 क्या गजब चुदकड़ अंदाज थी में तो उसके चूतड़ पर बहुत फिदा था, वो अपनी गांड मटका-मटकाकर चलती थी, वो एक महीने में ही काम के दरमियाँ काफ़ी घुल मिल गयी थी. एक बार तो बातों-बातों में उसने मुझसे रिक्वेस्ट की सर आप चाहे तो मेरा प्रमोशन हो सकता है इसलिए आप हेड ऑफीस में मेरी सिफारिश करेंगे तो मेरा प्रमोशन हो जाएगा और वो इसके लिए कुछ दे भी सकती है, तो तब मैंने कहा कि आप क्या दे सकती हो? तो वो कुटिल मुस्कान भरते हुए खुमारी के साथ बोली कि चाय पानी, तो में भी हंसकर रह गया. लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों.


 मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया फिर उसके बाद से तो मैंने महसूस किया कि वो मुझे अजीब निगाहों से देखती थी और उसकी नज़रों में काम वासना की ललक नज़र आती थी, तो में समझ नहीं सका कि वो ऐसे क्यों देखती है? तो तब मुझे लगा कि या तो वो प्रमोशन के लिए ऐसा कर रही है या फिर 2 साल से प्यासी होगी. फिर में भी अक्सर फातिमा कुरैशी  को देखकर अपना लंड सहलाता था, तो वो मुझे देखकर केवल मुस्कुरा जाती थी. फिर एक दिन उसने मुझे डिनर के लिए इन्वाइट किया. मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.


 मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है उस दिन शुक्रवार था तो में ऑफीस से उसके घर उसके साथ चला गया तो उसने मेरे लिए रास्ते से बियर की बोतल खरीद ली और होटल में डिनर का ऑर्डर दे दिया. फिर उसने घर पहुँचकर पहले अपने कपड़े चेंज किए और फिर वो मेरे लिए बियर लेकर आ गयी. अब में बियर पी रहा था और बातें कर रहा था, अब वो बार-बार मुझे अजीब निगाहों से देख रही थी और बातों-बातों में कभी-कभी आँख भी मार देती थी और अपने होंठों को अपने दातों से दबा लेती थी. अब में समझ गया था कि वो आज गर्म हो चुकी है और अब वो मेरे सामने कुर्सी पर बैठी थी. ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा .


 मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है     फिर मैंने फातिमा कुरैशी  का हाथ पकड़कर उनको अपनी तरफ खींच लिया तो उसने कोई प्रतिरोध नहीं किया. फिर मैंने फातिमा कुरैशी  को दीवार के सहारे खड़ा कर दिया और फातिमा कुरैशी  के होठों को चूमने लगा और उसके लिप्स को चूसने लगा. अब फातिमा कुरैशी  एकदम पागल सी हो रही थी, जैसे उसे जन्नत का मज़ा आ रहा हो. अब में फातिमा कुरैशी  की जीभ को चूसे जा रहा था और अब मेरे हाथ फातिमा कुरैशी  की पीठ पर चल रहे थे. फिर मेरा बायाँ हाथ फातिमा कुरैशी  की कमर पर जाकर रुक गया और फिर उसकी बाई चूची को दबाने लगा तो अब फातिमा कुरैशी  बेताब होने लगी थी. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.


 मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है  मैंने फातिमा कुरैशी  के कान में कहा कि फातिमा कुरैशी  मेरी जान तू बहुत भूखी है, तो फातिमा कुरैशी  सिर्फ़ अपना सिर हिलाकर हाँ कह सकी. फिर मेरा हाथ धीरे-धीरे फातिमा कुरैशी  के सलवार के नाडे पर आ गया और फातिमा कुरैशी  को किस करते हुए एक झटके में ही उसके सलवार के नाड़े को खोल दिया. अब फातिमा कुरैशी  की लाल सलवार सरक कर नीचे ज़मीन पर गिर गयी थी और अब वो नीचे से नंगी थी, उसकी मोटी गोरी चूत पर छोटी-छोटी झांटे थी, उसकी चूत गीली थी.    मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था.    


 चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए  फातिमा कुरैशी  ने मेरी पेंट से मेरा लंड बाहर निकाल लिया और सहलाते हुए बोली कि हाइईईई सर आपका यह तो काफ़ी मोटा और लंबा है. फिर में फातिमा कुरैशी  की कमीज़ को ऊपर की तरफ करने लगा, तो फातिमा कुरैशी  और जोश में आ गयी और फातिमा कुरैशी  ने अपनी सहूलियत के लिए अपने हाथ ऊपर की तरफ कर दिए. साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.


 अब सुनिए चुदाई की असली कहानी मैंने उसकी कमीज़ उतार दी और उसकी कमीज़ उतारने के बाद पीछे से फातिमा कुरैशी  की ब्रा का हुक खोल दिया और एक झटके से फातिमा कुरैशी  की ब्रा को उतारकर फेंक दिया. फिर मैंने उसको दीवार की तरफ मुँह करके खड़ा किया और पीछे से उसकी चूचीयों को अपने दोनों हाथों में पकड़ लिया और मसलने लगा. फिर मैंने उसके निप्पल को मसलना शुरू किया तो फातिमा कुरैशी  सिसकारियाँ भरने लगी तो मैंने उसको दीवार के सहारे और दबा दिया. मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया.


 वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों   अब फातिमा कुरैशी  की गांड पर मेरा लंड सटा हुआ था और फातिमा कुरैशी  के दोनों चूचिया  मेरी मुट्ठी में थे, अब में मेरी उंगली और अंगूठे से फातिमा कुरैशी  के निप्पल को बेदर्दी से मसलने लगा था. अब फातिमा कुरैशी  तो जैसे जोश में एकदम पागल सी हो रही थी. फिर 10 मिनट के बाद में फातिमा कुरैशी  को पकड़कर टेबल के पास ले गया और टेबल पर बैठने को कहा तो फातिमा कुरैशी  टेबल पर बैठ गयी. मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.


 वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों   अब मेरा मोटा और लंबा तना हुआ लंड फातिमा कुरैशी  के सामने था तो उसने तुरंत ही मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ा और सहलाने लगी. फिर मैंने बोला कि रानी इसको अपने मुँह में लेकर चूसो, तो फातिमा कुरैशी  मेरे लंड को पकड़कर अपनी जीभ से चाटने लगी. फिर थोड़ी ही देर के बाद फातिमा कुरैशी  ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और मेरे लंड के सुपाड़े को चूसने लगी थी. मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया.


 ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों   अब फातिमा कुरैशी  भी जोश से अपने आपको काबू में नहीं रख पा रही थी और बोली कि सर प्लीज जल्दी कुछ कीजिए ना, नहीं तो में पागल हो जाउंगी. फिर मैंने फातिमा कुरैशी  की गांड को टेबल के किनारे पर रख दिया और उसकी टागों के बीच में आकर खड़ा हो गया. फातिमा कुरैशी  की टागें बहुत मोटी और टाईट थी और अब फातिमा कुरैशी  टेबल पर आधी लेटी हुई थी. मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया.


 उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब  फिर मैंने फातिमा कुरैशी  के पैरो को अपने हाथों से पकड़कर फैला दिया और अपने लंड के सुपाड़े को उसकी चूत के बीच में रख दिया और एक झटका दिया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया. अब फातिमा कुरैशी  दर्द से चिल्ला उठी और कहराने लगी कि उईईईई माँ में मर जाउंगी, आहह सर रुक जाइए प्लीज, तो में रुक गया और अपने लंड को फातिमा कुरैशी  की चूत में से बाहर निकाल लिया. फिर मैंने एक तकिया उठाकर फातिमा कुरैशी  की गांड को उठाकर उसकी गांड के नीचे रख दिया तो अब फातिमा कुरैशी  की चूत थोड़ी और ऊपर हो गयी थी. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों  .


 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया फिर में फातिमा कुरैशी  के ऊपर झुक गया और फातिमा कुरैशी  के होठों को अपने मुँह में ले लिया और मेरे लंड का सुपड़ा एक बार फिर से उसकी चूत के मुहाने पर रखकर एक ज़ोरदार धक्का मारा तो फातिमा कुरैशी  की चीख निकलते-निकलते रह गयी, क्योंकी मैंने उसके होठों को अपने होठों से दबा रखा था. अब फातिमा कुरैशी  दर्द से कराह उठी तो में रुक गया. फातिमा कुरैशी  के पति का लंड छोटा था और उसकी चूत के छेद का साईज़ छोटे लंड के लिए मुनासिब था. कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था. 


 उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये  अब मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर घुस चुका था और फिर में 2-3 मिनट तक उसके ऊपर बिना हिले लेटा रहा. फिर मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया तो फातिमा कुरैशी  अभी भी दर्द से कराह रही थी. फिर अचानक से मैंने एक जोरदार धक्का दिया तो मेरा लंड सनसनाता हुआ फातिमा कुरैशी  की चूत में और ज़्यादा अंदर तक घुस गया और फातिमा कुरैशी  चिल्लाने लगी और मुझे रुक जाने को कहा, लेकिन में नहीं रुका और फातिमा कुरैशी  को तेज़ी से चोदने लगा. अब मेरा लंड बिजली की तरह फातिमा कुरैशी  की चूत में अंदर बाहर होने लगा था. मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है.


 उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है अब जैसे ही फातिमा कुरैशी  की चीख कुछ कम होती तो में एक धक्का ज़ोर से लगा देता था और फातिमा कुरैशी  फिर चीख पड़ती थी. फिर कुछ देर तक में इसी तरह उसको चोदता रहा और अब धीरे-धीरे मेरा पूरा लंड फातिमा कुरैशी  की चूत की गहराई तक जगह बना चुका था और तेज़ी के साथ अंदर बाहर हो रहा था. अब फातिमा कुरैशी  दर्द से तड़प रही थी. मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया.


 मेरे मित्रगणों  चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए फिर 8-10 मिनट के बाद फातिमा कुरैशी  को भी मज़ा आने लगा तो उसने अपने हाथ मेरी कमर पर कैंची की तरह कस दिए और अपनी गांड उठा-उठाकर मेरा साथ देने लगी, तो में बोला कि शाबाश मेरी रानी अब तो तुझे चोदने में मज़ा आ गया. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है.


 एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया फिर में उसको लगभग 15-20 मिनट तक चोदता रहा और इस दौरान फातिमा कुरैशी  3-4 बार झड़ चुकी थी, लेकिन मेरा लंड था कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था. फिर में फातिमा कुरैशी  के ऊपर से हट गया और उसको घोड़ी की तरह बन जाने को कहा. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.

 मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया फिर फातिमा कुरैशी  उठकर ज़मीन पर आ गयी और घोड़ी की तरह हो गयी. फिर मैंने उसकी कमर पकड़कर अपना लंड पीछे से फातिमा कुरैशी  की चूत में डाल दिया. अब 32 साल की फातिमा कुरैशी  फिर से दर्द से कहराने लगी थी, लेकिन कुछ ही देर में फातिमा कुरैशी  का दर्द जैसे ही कम हो गया तो फातिमा कुरैशी  को और मज़ा आने लगा. अब फातिमा कुरैशी  अपनी गांड को पीछे कर-करके ताल से ताल मिलाने लगी थी. मेरे मित्रगणों  कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया.


उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों   फिर 10-15 मिनट के बाद में फातिमा कुरैशी  की चूत में ही झड़ गया और अपना लंड फातिमा कुरैशी  की चूत में से बाहर निकालकर फातिमा कुरैशी  के मुँह में दे दिया तो फातिमा कुरैशी  ने मेरे लंड को चाट-चाटकर साफ किया और फिर हम दोनों साथ ही साथ ज़मीन पर ही लेट गये. फिर हम लोगों ने नंगे ही खाना खाया और खाना खाने के बाद मैंने फातिमा कुरैशी  से कहा कि फातिमा कुरैशी  और मज़ा दोगी? तो फातिमा कुरैशी  ने अपना सिर हाँ में हिला दिया, तो तब मैंने अपना लंड जो कि फिर से खड़ा हो गया था, फिर से अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी.  

 मेरे मित्रगणों  मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु  फिर थोड़ी देर के बाद मैंने अपनी बीच की मोटी उंगली फातिमा कुरैशी  की चूत में घुसा दी तो फातिमा कुरैशी  तड़प उठी. अब मेरी उंगली फातिमा कुरैशी  की चूत में अंदर बाहर होने लगी थी और अब फातिमा कुरैशी  को भी मज़ा आने लगा था और वो आहें भरने लगी थी. फिर अचानक से में उठा और फातिमा कुरैशी  के पैरों के बीच में आ गया और उसके दोनों पैरो को ऊपर उठाया और अपने कंधो पर रख लिया. अब मेरा तना हुआ लंड फातिमा कुरैशी  की चूत से बस केवल 1 इंच की ही दूरी पर था. उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मेरे मित्रगणों .

 अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मेरे मित्रगणों      मैंने उसकी आँखो में देखा और बोला कि चोदू मेरी रानी, तो फातिमा कुरैशी  ने अपना सिर हाँ में हिला दिया और अपनी चूत को मेरे लंड से सटा दिया और बोली कि धीरे-धीरे चोदना प्लीज़, बहुत दर्द होता है. फिर मैंने उसकी चूची को पकड़ा और निप्पल को मसलते हुए अपने लंड को उसकी चूत में घुसाने लगा. अभी तक मैंने हल्का सा धक्का मारा था, लेकिन मेरा आधा लंड फातिमा कुरैशी  की चूत में घुस चुका था. मेरे मित्रगणों  मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार.


 उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मेरे मित्रगणों   जैसे उसके चुत में माखन भरा हो फिर में फातिमा कुरैशी  की चूची को दबाते हुए और उसके दोनों निपल्स को खींचते हुए बोला कि एक बार में पूरा अंदर लोगी? तो अब फातिमा कुरैशी  तो एकदम जोश में थी और फातिमा कुरैशी  ने दर्द की परवाह ना करते हुए कहा कि हाँ सर और फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया, अब इसके पहले कि फातिमा कुरैशी  कुछ समझ पाती मैंने एक ही धक्के में अपना पूरा लंड वापस से फातिमा कुरैशी  की चूत की गहराई तक घुसा दिया. अब फातिमा कुरैशी  अपनी चीख बड़ी मुश्किल से रोक पा रही थी. उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मेरे मित्रगणों. 


 मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता फिर थोड़ी देर के बाद मैंने फातिमा कुरैशी  को तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया. अब फातिमा कुरैशी  के पैरों की पायल मेरे हर धक्के के साथ बजने लगी थी और उसकी पायल की आवाज़ से मुझको और जोश आने लगा था और में फातिमा कुरैशी  को तेज़ी के साथ चोदने लगा था. अब मेरे हाथ अभी भी फातिमा कुरैशी  की चूची के निपल्स को मसल रहे थे और फातिमा कुरैशी  को दर्द हो रहा था, लेकिन वो चुप थी क्योंकि आज 12 साल के बाद कोई मोटा, तगड़ा लंड उसकी चूत की प्यास को बुझा रहा था. एक बात और मेरे मित्रगणों  चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है.


 उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है फिर थोड़ी देर के बाद मैंने फातिमा कुरैशी  के पैरो को ऊपर उठाया और फातिमा कुरैशी  के कंधों की तरफ़ झुका दिया. तो फातिमा कुरैशी  एकदम दोहरी हो गयी और फातिमा कुरैशी  की चूत और ऊपर उठ आई और फिर मैंने उसके पैरों को पकड़कर बहुत ही तेज़ी के साथ फातिमा कुरैशी  की चुदाई करनी शुरू कर दी. अब मुझे मेरे लंड के सुपाड़े पर उसकी बच्चेदानी का मुँह महसूस होने लगा था. अब फातिमा कुरैशी  और भी जोश में आ गयी थी और उसने अपनी आँखें बंद कर ली थी. मेरे मित्रगणों  देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी.


 मेरे मित्रगणों  चुत को चाटेने के  समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे   अब फातिमा कुरैशी  के मुँह से केवल यही आवाज़ें निकल रही थी सर ऐसे ही और कस-कसकर, ज़ोर से चोदीए और ज़ोर से चोदीए, फाड़ दीजिए मेरी चूत को. अब मेरे चेहरे का पसीना फातिमा कुरैशी  के चेहरे पर गिर रहा था, लेकिन मेरा लंड राज रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था. अब तक फातिमा कुरैशी  2-3 बार झड़ चुकी थी. मेरे मित्रगणों  मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था…


 अब चुदाई करने को  १००% तैयार थी    कुछ ही देर में मेरे लंड ने उसकी चूत में अपना पानी छोड़ दिया तो फ़िर हम दोनों थोड़ी देर तक एक दूसरे के ऐसे ही ऊपर पड़े रहे और फातिमा कुरैशी  मुझे किस करती रही. फिर में फातिमा कुरैशी  के ऊपर से हट गया और फातिमा कुरैशी  के बगल में लेट गया. फिर थोड़ी देर के बाद फातिमा कुरैशी  ने मेरे मुरझाए हुए लंड को अपने हाथों में लिया तो मैंने रूबीना की आँखों में देखा तो जैसे वो एक बार फिर से चोदने की इज़ाज़त माँग रही हो. मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था .


 अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मेरे मित्रगणों  मै पागल सा हो गया  फिर फातिमा कुरैशी  ने अपने होठों को दाँत से काटते हुए कहा कि अगर आप बुरा ना मानो तो में आपके लंड को फिर से चूसना चाहती हूँ प्लीज, तो में बोला कि इसमें इज़ाज़त की क्या बात है? ये लंड तो अब सिर्फ़ तुम्हारा ही है. तो फातिमा कुरैशी  मेरे पैरों के बीच में आकर बैठ गयी और अपने दोनों हाथों से मेरे लंड को पकड़ा और मेरे लंड के सुपाड़े पर धीरे से किस किया और मेरी तरफ देखकर आँख मारी और वापस से अपने होठों को मेरे लंड पर रख दिया. अब फातिमा कुरैशी  मेरे लंड को पकड़कर अपने मुँह को ऊपर नीचे करने लगी थी और मेरा लंड बिल्कुल तन गया था. ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था मेरे मित्रगणों  .
 मॉल था चुदाई के लायक  फिर फातिमा कुरैशी  उठकर मेरे ऊपर आ गयी और अपने हाथ से मेरे लंड को पोज़िशन में करके अपनी चूत के बीच में रख दिया और ऊपर से दबाने लगी, लेकिन मेरा सिर्फ़ सुपाड़ा ही फातिमा कुरैशी  की चूत में अंदर घुस पाया और उसने तरसती निगाहों से मेरी तरफ देखा, तो में उसका इशारा समझ गया. मैंने सोचा पेलुँगा जरूर  कभी न कभी .    
 माल चुदाई के लिए तड़प रही थी मेरे मित्रगणों   फिर मैंने उसकी कमर को पकड़कर कसकर नीचे किया तो एक ही झटके में मेरा आधे से ज़्यादा लंड फातिमा कुरैशी  की चूत में अंदर घुस गया. अब फातिमा कुरैशी  धीरे-धीरे ऊपर नीचे होने लगी थी और में फातिमा कुरैशी  की कमर को पकड़े हुए था. फिर फातिमा कुरैशी  ने अपनी आँखें बंद कर ली और चुदाई का मज़ा लेने लगी. अब फातिमा कुरैशी  की रफ़्तार बढ़ने लगी थी और वो इतनी तेज हो गयी की पता ही नहीं लगा कि कब हम दोनों झड़ गये? फिर हम दोनों एक दूसरे की बाहों में ही लिपटकर लेट गये. फिर लगभग 1 घंटे के बाद मैंने अपना लंड फातिमा कुरैशी  के हाथों में दे दिया और अब वो फिर से तन गया था चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं  चोदना चाहेगा  है न मेरे मित्रगणों  आया .

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