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पहली बार शादीशुदा वंदना को चोदा

Posted on:- 2024-12-04


क्या हाल चाल मेरे मित्रगणों  कैसे है आप सब आशा है अच्छे होंगे और चुदाई के जुगाड़ में होंगे  मेरा नाम विश्रवा  है और मुझे शुरू से ही चुदाई कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और मैंने भी एक दिन सोचा कि क्यों ना में भी अपनी एक सच्ची घटना जो अभी कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई है उसे आप सभी को सुना दूँ. मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.


मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है दोस्तों मेरी उम्र अभी 26 है और में सेल्स का काम करता हूँ, लेकिन जब में कॉलेज के दूसरे साल में था तब तक मेरे पास मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी और में तब तक अपनी जिन्दगी में खुश था, लेकिन मेरे दोस्तों को मुझसे आपत्ति थी कि में इतना कैसे पढ़ लेता हूँ? क्योंकि मेरे सभी दोस्त पूरे आलसी और कमीने थे जिनसे पढ़ाई नहीं होती थी और वो हमेशा मुझसे बोलते थे कि अभी तक तुमने किसी भी लड़की को पटाया नहीं, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और भी वो मुझसे बहुत कुछ कहते थे. ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा .


 मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है     एक दिन बातों ही बातों में मैंने उनसे शर्त लगा ली कि में तुम्हे कोई लड़की जरुर पटाकर दिखाता हूँ एक ही महीने के अंदर मैंने 8 औरतों को पटाया और कुछ से गालियाँ भी खाई, लेकिन मैंने कभी कुछ गलत नहीं सोचा कुछ से में मिला कुछ से नहीं मिला और जब में अपनी शर्त जीत गया तो मैंने बहुत सारे दोस्तों से पार्टी ली. फिर उसके बाद मैंने उस सभी औरतों को अपनी लाइफ से हटा दिया, लेकिन मेरे साथ अभी भी तीन औरतें रह गई, उनमे से एक शादीशुदा औरत मुझसे पांच साल बड़ी, एक तीन साल बड़ी और एक शादीशुदा औरत मुझसे एक साल छोटी थी, लेकिन फिर भी वो मुझसे उम्र में बड़ी थी. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.


 मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है दोस्तों यह घटना मेरे साथ सबसे पहली वाली औरत के साथ घटित हुई है जिसका नाम वंदना था और उसकी उम्र मुझसे पांच साल बड़ी थी और उसकी शादी करीब पांच साल पहले हुई थी और उसके एक तीन साल का बेटा भी है और वो रहने वाली बिहार से थी और में भी अभी कोलकाता में रहती है, वो डांस करना सिखाती है. उनके फिगर का साईज मुझे नहीं पता और मैंने कभी उनसे पूछा भी नहीं, मैंने उससे सात महीने तक लगातार फोन पर बात की, उसके सारे सुख दुख मुझे पता थे और वो मेरे साथ एकदम दोस्त की तरह थी. दोस्तों में हमेशा उससे मिलने से बहुत डरता था और मेरे मन में ना जाने क्यों एक डर सा रहता था, लेकिन सात महीने बाद वो एक दिन पटना आ गई और तब में पहली बार उससे मिलने चला गया. उस दिन उसका जन्मदिन भी था और वो एक मंदिर के बाहर बैठी हुई थी उसके साथ उसकी एक दोस्त भी थी और मैंने जब उसे पहली बार देखा तो में उसकी दोस्त को वंदना समझ बैठा. मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था.


 चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए फिर वंदना मेरे सामने आई, उसने पीले रंग की साड़ी और काले कलर का ब्लाउज पहना हुआ थी, वो दिखने में मस्त, चुदाई, गोरी थोड़ी तंदुरूस्त, लेकिन उसका भरा शरीर था और उसके पास पैसे की कोई कमी नहीं थी. फिर हम लोग पास ही के एक रेस्टोरेंट में चले गये. मैंने उन्हें अपनी तरफ से एक जन्मदिन का तौहफा दिया, केक भी खाया, लेकिन फिर उसने भी मुझे एक घड़ी गिफ्ट किया और वो मेरी एक अच्छी दोस्त की तरह थी. मुझे उसके साथ बहुत मज़ा आया और हमने बहुत मस्ती की. साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.


अब सुनिए चुदाई की असली कहानी दोस्तों वो सच में बहुत अच्छी दिख रही थी और उसने एक बार मुझसे बोला भी था कि वो बंगाली फिल्मों में काम करने जाने की कोशिश भी कर रही है. फिर उसने मुझसे कहा कि तुम तो बहुत अच्छे दिखते हो और बच्चे की तरह लगते हो, लेकिन उस वक़्त में 23 का था. में बहुत हंसने वाला इंसान हूँ और बहुत देर तक गप्पे हंसी मजाक करने के बाद में वापस आने लगा तो मैंने देखा कि उसकी आखों में आंसू थे, लेकिन मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि वो आंसू उसकी आखों में क्या कर रहे थे? मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया.


 वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों   फिर हमारे बीच फोन पर बातें हुई, उसे में बहुत पसंद आया और फिर धीरे धीरे उसकी दोस्त से भी मेरी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई और अब तक सब कुछ ठीक ठाक था और करीब पांच बार उससे मिलने के बाद आखरी दिन आखरी बार मिलने पर हमारे बीच बहुत प्यार हुआ, लेकिन मुझे वो सब पता नहीं कि यह सब कैसे? हम एक पार्क में मिले, वो उस पार्क में मेरी गोद में अपना सर रखकर लेटी हुई थी और वैसे में कभी भी उसके बारे में कुछ ग़लत नहीं सोचता था. दोस्तों यह घटना 2014 नवम्बर महीने की थी और उस समय हल्की हल्की ठंड थी. में उससे बातें करते करते अचानक से उसके नरम गुलाबी होंठो को छूने लगा. मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.


 वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों   दोस्तों उसके होंठ बहुत गुलाबी, रसभरे और चुदाई थे. बूब्स थोड़े बड़े और गदराया हुआ बदन था. तो मैंने महसूस किया कि मेरे यह सब करने के बाद भी उसे मुझसे कोई आपत्ति नहीं हुई. फिर मैंने थोड़ी और हिम्मत करते हुए उसके पूरे चेहरे को छू लिया और फिर उसकी गर्दन को भी छूने लगा और अब मैंने हल्का सा उसकी गोलाईयों को भी छुआ था और वो उस वजह से बहुत मस्त हो चुकी थी, लेकिन यह शाम ख़त्म होने वाली थी और मुझे भी वापस जाना था, लेकिन उस दिन बातों ही बातों में वो जाते जाते मेरे होंठो पर एक किस करके चली गई. दोस्तों उस दिन पहली बार मैंने यह सब किसी के साथ किया था जिसकी वजह से मेरा लंड खड़ा हो चुका था. मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया.


 ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों   फिर उसने भी मेरे लंड को अच्छा मौका देखकर छुआ था और फिर मुझसे गले लगकर अलग हो गई और वो मुझे एक लाल कलर का गुलाब देकर चली गई. उस दिन से करीब एक साल तक हम लोग बहुत आगे तक जा चुके थे और अब हम दोनों फोन सेक्स भी करते थे, लेकिन मैंने कभी उसे चोदने की बात नहीं सोची थी. मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया.


उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब  अब तक हम तीन बार मिल चुके थे और वो हमेशा मुझे कोलकाता के नाम से बुलाती थी, लेकिन मुझे यह बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था, क्योंकि मुझे पता था कि क्या हो सकता था? फिर मेरी नौकरी 2014 सितम्बर में लग गई और फिर मुझे ट्रैनिंग कोलकाता में करनी थी पहले तो मैंने उसे यह सब नहीं बताया, लेकिन कोलकाता जाने के 12 दिन बाद मैंने उसे सब कुछ बता दिया और वो मुझसे मिलने आ गई हमारे बीच. उस दिन बहुत सारी बातें हुई और हमने एक साथ में बैठकर खाना खाया और फिर उसने मुझे एक शर्ट गिफ्ट की थी और कुछ घंटे रुकने के बाद वो वापस अपने घर पर चली गई और में अपने रूम पर था. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों . 

 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया फिर उसने मुझे अपनी कसम देकर मुझसे कहा कि मुझे उसके घर पर आना ही होगा और इस बीच मुझे एक अच्छी खबर भी मिल गई कि उसके पति को 15 दिन के लिए तमिलनाडू जाना है. वैसे उसके पति भी दिखने में अच्छे थे और वो एक डांस कॉरियोग्राफर थे. फिर तीन दिन बाद मेरी ट्रैनिंग ख़त्म हो गई और मुझे अब अपनी नौकरी पर जाने में सात दिन बचे थे और तब मैंने उसके घर पर जाने का विचार किया. कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था .


 उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये  दोस्तों अब आपकी असली कहानी यहाँ से शुरू होगी. मैंने आप सभी को बहुत ज़्यादा पकाया इसके लिए प्लीज मुझे माफ़ करें. दोस्तों उसके पति दो दिन पहले ही तमिलनाडू जा चुके थे और में एक छोटे से बेग के साथ उसके घर पर पहुंच गया. दोस्तों वो एक कॉलोनी थी जिसमे वंदना का घर था और में पहली बार सुबह 9 बजे उसके घर पर पहुंचा और वो मुझे बहुत मस्त लग रही थी और मुझे अंदर से हल्की हल्की गुदगुदी हो रही थी. फिर मैंने दरवाजे पर लगी घंटी को बजाया और उसने ही आकर दरवाजा खोल दिया. मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है.


 उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है वो मेरी जिन्दगी की अब तक की सबसे अच्छी सुबह थी. वो काली कलर की साड़ी में खड़ी हुई थी और मुझे उसकी कमर इतनी मस्त लग रही थी कि उसे देखकर मेरा मन कर रहा था कि अभी उसको खा जाऊं, लेकिन मुझसे ज़्यादा जल्दी तो उसे थी. उसने दरवाजा बंद करते ही वो तुरंत मुझसे लिपट गई और उसने मुझे लिप किस किया और बहुत देर तक चूमने के बाद उसने मुझे छोड़ा, वो बहुत खुश थी. मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया.


 मेरे मित्रगणों  चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए फिर करीब दो घंटे बात करने के बाद मुझे पता चला कि उसकी जिन्दगी में सेक्स की बहुत कमी थी और उसके पति हमेशा अपने कामों में बहुत व्यस्त रहते थे और उसका बच्चा (विशू) स्कूल भी जाता था उसके घर पर और कोई नहीं था. फिर हमने बैठकर नाश्ता किया और उसने मुझे अपने हाथ से खिलाया. फिर मैंने उसे एक लाल कलर का सूट गिफ्ट किया. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है .

 एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया अभी तक वो नहाई नहीं थी और मैंने उससे कहा कि तुम नहा लो फिर हम बात करते है. अब पहले में फ्रेश हुआ और वो अपने कपड़े लेकर नहाने के लिए जाने लगी तभी मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर किस करने लगा में और वो अब तक हम एक दूसरे के साथ बहुत खुल चुके थे, लेकिन तभी उसने मुझसे बोला कि नहाने दो उसे बिना नहाए यह सब करने में बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था और मुझे भी. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.


 मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया फिर वो नहाने चली गई और में अब अपना बेग ठीक कर रहा था. उस समय घर पर कोई नहीं था क्योंकि अयांश  भी अपने स्कूल से दो बजे आने वाला था. तभी कुछ देर बाद वो नहाकर बाहर आ गई और कपड़े सुखाने बाहर चली गयी. उसके बाद वो रूम में आई और मेकअप करने लगी. फिर में उसके पीछे से आकर उससे पूछने लगा कि मुझे क्यों बुलाया था? तो वो आकर मुझसे गले से लग गयी और मेरे गाल को पकड़कर बोली क्यों तुम्हे कहीं जाना है क्या? मेरे मित्रगणों  कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया .


में : नहीं में तो ऐसे ही पूछ रहा हूँ

उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों   वंदना : वो मेरे गालो को गरमा गरम किस करते हुए मुझसे बोली, क्यों इतने भागते रहते हो?

में : नहीं में भाग कहाँ रहा हूँ, अभी तो में तुम से इतने करीब हूँ.

वंदना : इतने सालों बाद मुझे ऐसा मौका मिला है इतने करीब आने का, जी भरकर देख लेने तो दो.

 उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी   फिर उसने मेरी पेंट में कुछ महसूस किया और मैंने भी उसकी आखों में शरारत महसूस की, लेकिन मैंने फिर भी अपने आप पर बहुत कंट्रोल किया और फिर हम अलग हो गये और फिर मेकअप करने के बाद उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम खाना खाओगे और हम साथ में बैठ गए और हमारे बीच वहीं पर गप्पे होने लगे. तब तक उनका बेटा भी आ गया था और हम लोगों ने खाना खाया. मेरे मित्रगणों  मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु .


फिर अयांश  को सुलाने के बाद वो मुझे दूसरे कमरे में लेकर चली गई और उसने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और अपनी चुन्नी को हटाकर वो तुरंत मुझसे चिपक गई और अब हम दोनों बेड पर आ गए. मुझे अब हद से ज़्यादा मज़ा आ रहा था और मेरी पेंट भी अब थोड़ी सी गीली होती जा रही थी. दोस्तों मैंने आज पहली बार उसे ज़ोर से पकड़ा और उससे चिपक गया और उसके गालो पर किस करने लगा. वाह क्या मुलायम, गोरे गाल थे और फिर उसकी गर्दन पर किस किया, फिर कानों पर और चेहरे पर फिर उसके ऊपर आकर उसके होंठो को अपने होंठो से छूने चूमने लगा और अब धीरे धीरे चूसने लगा. तो वो अपने पूरे जोश में थी. उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मेरे मित्रगणों. 


 अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मेरे मित्रगणों     मैंने मन ही मन अपने दोस्तों को धन्यवाद बोला कि यारो तुमने तो मुझे जन्नत दे दी है. मैंने पहली बार उसके बूब्स को ऊपर से पकड़ा था, बहुत मज़ा आया. फिर वो मेरे लंड को छूने लगी और में पागल हो चुका था और मुझे बहुत लिप किस मिले और वो मुझे इसलिए मिले क्योंकि वो इससे पहले लीप किस नहीं करती थी क्योंकि उसके पति गुटखा खाते थे जो उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं था जिसकी वजह से मुझे यह लाभ मिला. फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या कभी तुमने सेक्स किया है? मेरे मित्रगणों  मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार.


में : नहीं मुझे कभी ऐसा मौका ही नहीं मिला.

वंदना : लेकिन आज तो बहुत मौका है.

में : लेकिन सेक्स तो हो ही रहा है ना.

वंदना : क्या यह सेक्स है?

में : हाँ.

वंदना : तो फिर क्या चुदाई करोगे.

 उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मेरे मित्रगणों   जैसे उसके चुत में माखन भरा हो दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल हैरान था और मुझे पहले से ही यह तो पता था कि यह काम ज़रूर होगा. फिर इतने में दरवाजे पर लगी घंटी बजी और हम लोग झट से अलग हुए और खुद को ठीक करके बहार निकले. मैंने देखा कि उसकी कुछ दोस्त आई हुई थी और अब में दूसरों की नज़र में उनका भाई बन गया. फिर जब शाम हुई तो हम मार्केट घूमने चले गए और फिर हम लोगों ने रात के बारे में भी प्लान बनाया. फिर मैंने कुछ कंडोम खरीदे, मैंने मिश्री, दही और कुछ गुलाब भी खरीदे क्योंकि मुझे पता था कि आज कुछ स्पेशल है और आज तक में वर्जिन था, लेकिन आज यह ख़त्म होने वाला था. उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मेरे मित्रगणों .


 मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता फिर रात हुई और हम लोगों को बातें करते करते करीब दस बज गये थे और वंदना उठकर चली गई और अब अयांश  भी अब सोने वाला था. में टीवी देख रहा था और जैसे 10:30 हुए तो मुझे वंदना का फोन आया, उसने .मुझसे कहा कि रात भर टीवी देखने का इरादा है क्या? तो मैंने बोला कि नहीं, तुम तो उसको सुला रही थी, अब उसने कहा कि में तो उसे सुलाकर अपने रूम में आ चुकी हूँ, मैंने सॉरी बोला और बोला कि में अभी आता हूँ मेरी जान. एक बात और मेरे मित्रगणों  चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है.


 उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है फिर में जैसे ही रूम में गया तो मैंने देखा कि हल्की रोशनी में वंदना बेड पर लेटी हुई थी और मैंने लाईट को जलाया तो में उसे देखकर बिल्कुल दंग रह गया, क्योंकि वो उस समय बहुत सुंदर लग रही थी. फिर में रूम का दरवाजा बंद करके उसके पास बैठ गया और मैंने उसे छुआ और आवाज़ लगाई, मुझे भी यहीं सोना है क्या? तो उसने कहा कि तुम्हारी मर्ज़ी और फिर में उसे छूने लगा. मेरा लंड अभी से तनकर खड़ा हुआ था और उसे छूते ही वो मेरे गले से लग गई. दोस्तों आज मेरे पास वो पूरी रात थी और मुझे सेक्स से ज़्यादा प्यार करना अच्छा लगता है. मेरे मित्रगणों  देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी.


 मेरे मित्रगणों  चुत को चाटेने के  समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे   मैंने उसे सीधा किया और वो मुझे ही देख रही थी और में उसके साथ लेटकर उसके गालों को धीरे से चूमने लगा, फिर कान पर चूमा और उसने मदहोश होकर मुझे पकड़ लिया. मैंने उसके कानों को चूमते हुए उसके झुमके हटाए और पूरे बदन को चूमते हुए मैंने उसकी साड़ी का पल्लू हटाया और उसके ब्लाउज को दोनों कंधो से नीचे सरकाया और कंधो को चूमकर दाँत से काटकर उसके पूरे शरीर को ऊपर से नीचे तक किस किया. फिर उसके ऊपर चढ़कर उसके ब्लाउज के बटन खोलने शुरू किए और करीब पांच बटन खोलने के बाद ब्लाउज को उसके शरीर से अलग किया और किस करने लगा और उसके पेट पर किस किया. मेरे मित्रगणों  मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था.

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