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कामवाली को उसका पति बन कर चोदा

Posted on:- 2024-12-18


मेरे मित्रगणों  मै आप सब का हार्दिक अभिनंदन करता हु मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है मेरे डैड का ट्रान्सफर एक छोटे से प्लेस से मेरठ  हुआ. हमारा घर सिटी से बहुत दूर था. तो वहां पर कोई काम वाली आने को तैयार नहीं थी. मेरे माँ ने हमारी पुरानी काम वाली को मेरठ  साथ में ले आई. उसका नाम कनक  था. वो थोड़ी सांवली थी. वो दिखने में अच्छी थी और उसकी हाइट मेरे जैसी ही थी 7.7 फिट. उसके बूब्स बहुत बड़े थे. अब मैं अपनी कहानी पर आता हु. ट्रान्सफर आर्डर मिलते ही, हम सब निकल पड़े इंदौर के लिए. तब हमारे पास एक डीसी मॉडिफाइड इन्नोवा थी. जिसको बेक सीटबी बिलकुल पीछे थी और एक केबिन जैसे था. डेड ड्राइव कर रहे थे और माँ उनके बगल में बैठी हुई थी. पीछे एक सीट पर मैं था और दूसरी पर हमारी कामवाली बैठी थी. मुझे कार में सोने की आदत है, सो मैं सो गया और मेरी नीद खुली, तो २ घंटे बीत चुके थे और मेरा हेड कामवाली की जांघो पर था. मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है    .


 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये मेरी आँख खुलते ही, मेरी नज़र उसके बूब्स पर पड़ी, जोकि मेरे सिर के ठीक ऊपर थे. कुछ टाइम तक तो मैं उन तरबूजो को देखता रहा और फिर उसने मुझे देखते हुए पकड़ लिया. मुझे मुझसे हँसते हुए पूछने लगी, कि क्या देख रहे हो? मैं डर गया और बोला – कि मेरी नीद बस अभी – अभी खुली है. उसने कहा – झूठ मत बोलो. पिछले 5 मिनट से देख रही हु आपको. मेरे कहाँ देख रहे हो और बोली – आप चिंता मत करो. जो देखना होगा, सब दिखा दूंगी आपको. अब तो साथ में ही रहना है कुछ सालो के लिए. तो मेरे में हिम्मत आ गयी और मैंने कहा – दिखाओ अभी. उसने बोला – अभी नहीं. अभी आपके माँ डैड है.. आगे ही बैठे है. आवाज़ सुन लेंगे. मैंने बोला – नहीं आवाज़ जायगी. केबिन साउंड प्रूफ है और फिर मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और दबाने लगा. मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है.


मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था    करीब 5 मिनट दबाने के बाद, मैंने उसे अपनी गोदी में बैठाया और उसको फ्रेंच किस करना लगा और फिर बाकी का रास्ता ऐसे ही फ्रेंच किस करके और उसके बूब्स के साथ खेलते –  चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए खेलते बीत गया. फिर हम इंदौर पहुच गये. रात काफी हो चुकी थी. इसलिए हमने वहां पहुच कर रेडीसन होटल में २ रूम बुक करवा लिए. फेस्टिवल का टाइम था, तो हमे सिंपल रूम नहीं मिल पाए. हमने सिर्फ हनीमून स्वीट ही मिल पाए. एक में माँ और डेड और दुसरे में मैं और हमारी कामवाली पहुच गये. हम सबसे पहले फ्रेश हुए और फिर माँ ने खाना आर्डर कर दिया था, तो खाना अपनेआप रूम में आ गया था. हमने खाना खाना शुर किया और फिर मैंने कनक  की तरफ देखा और उसकी और लपका. मैंने उसका सूट उसके बूब्स के ऊपर से फाड़ दिया और उसके बूब्स पर आइसक्रीम लगा दी. फिर मैं उसके बूब्स को किसी कुत्ते की तरह चाटने लगा. वो कुछ समझ ही नहीं पायी और कुछ टाइम बाद, वो गरम हो गयी और फिर मैंने उसके और अपने कपड़े उतार दिए. साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.


 अब सुनिए चुदाई की असली कहानी हम ओरल सेक्स करने लगे. तभी मैंने उसको गोदी में उठाया और बाथरूम में ले गया और बाथटब में पानी भर कर उसको लिटा दिया. फिर मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी चूत को चाटने लगा. करीब १५ मिनट के बाद, उसकी चूत गीली हो गयी और मेरा लंड भी तैयार था. मैंने अपने लंड को उसकी चूत में जोर से घुसा दिया और पहले शॉट में हम दोनों चिल्ला पड़े. पर मैं रुका नहीं.. शॉट्स और शॉट्स मारता रहा. कुछ टाइम बाद, हम दोनों को मज़ा आने लगा. वो अहहाह अहहाह अहहाह ओओओओं की आवाज़े निकाल रही थी. वो बोल रही थी चोद मुझे… और जोर से चोद… फाड़ दे आज मेरी फुद्दी. मेरा जोश बढ़ रहा था और मैं जोर के धक्के लगा रहा था. करीब ३० मिनट बाद, हम दोनों ने अपना – अपना पानी छोड़ दिया. मैंने उसके अन्दर ही छोड़ दिया अपना पानी. वो डर गयी और बोली – गलत कर दिया तुमने. फिर मैंने उसे समझाया, कि सुबह होते ही, मैं तुम्हे आईपिल खरीद कर दे दूंगा. उस से तुम प्रेग्नेंट नहीं होगी. फिर मैंने उसको अपनी गोदी में उठाया और बेड पर लेटा दिया और अपने आपको उसके ऊपर सुला दिया. सुबह उठते ही, मैं मेडिकल शॉप पर गया और पिल्स खरीद कर उसके लिए ले आया. मैंने पिल्स बल्क में ले ली.. फ्यूचर के लिए. मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया.


 वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों   फिर दुसरे दिन, हमने अपने घर में शिफ्ट हो गए थे. सिर्फ २ बीएचके का घर था. कामवाली होने के कारण, कनक  को अलग रूम नहीं दिया. इसलिए उसको मेरे रूम में जमीन पर नीचे सोना पड़ रहा था. मेरा रूम माँ डैड के रूम के बिलकुल बराबर में था. तो मैं ज्यादा कुछ नहीं कर सकता था. लेकिन मैं रोजाना उसके दूध से दूध जरुर पीता था और वो मुझे शांत करने के लिए मेरा लंड चूसती थी. कभी – कभी मैं उसकी चूत भी चाट लिया करता था. एक दिन मेरे माँ डैड को एक शादी में जाना था आउट ऑफ़ स्टेशन. मेरे स्कूल की वजह. से मैं और कनक  घर पर ही रुक गये. हम दोनों बहुत खुश थे. उसी रात को माँ डेड की फ्लाइट थी और वो दोनों निकल गये. मैं भी बहुत थक गया था और इसलिए मैंने कनक  से कहा, कि जब मैं स्कूल से आऊंगा, तब तू नहा कर साड़ी पहन कर रखना. अभी १ मंथ, जब तक माँ डेड नहीं आते है, तब तक तू मेरी बीवी बन कर रहेगी. मैं उसके बूब्स को खोल कर उसके बूब्स के ऊपर सिर रख कर सो गया. दुसरे दिन उठ कर स्कूल गया और फिर लौट कर जब घर आया और मैंने डोर बेल बजायी, तो उसने गेट खोला. मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया..


वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों   मेरे सामने साड़ी में खड़ी थी और ऐसा लग रहा था, कि जैसे कि वो शादी के बाद पहला दिन हो. मैं जैसे ही घर में घुसा. मैंने गेट को लॉक कर दिया और सारी विंडो भी बंद कर दी. मैंने कोई भी ऐसी जगह नहीं छोड़ी, जहाँ से हमे कोई देख सके. जब सब बंद करके मैं वापस आया, तो वो डिनर टेबल पर बैठी हुई थी.. तो मैं उसके पास गया और उसके बगल वाली चेयर पर बैठ गया. फिर मैंने उसको अपने पास वाली चेयर पर खीच लिया और उसको किस करने लगा. हम दोनों अपनी किस में खो गये. मैंने धीमे – धीमे उसकी साड़ी को खोलना चालू किया. वो भी मेरे कपड़े उतार रही थी. देखते ही देखते हम दोनों नंगे हो गये और फिर मैं उसके बूब्स को चूसने लगा. करीब १५ मिनट चूसने के बाद वो गरम हो गयी और मेरे कहने पर मेरे लंड अपने मुह में ले लिया और चूसने लगी. करीब २० मिनट चूसने के बाद, मैं डिस्चार्ज हो गया और उसके मुह में झड़ गया. वो बहुत ही दिलेर थी और उस दिन बहुत कामुक भी. उसने मेरा पूरा पानी पी लिया और फिर मेरे लंड को अपने होठो में दबा लिया और उसको चूस – चूस कर पूरा का पूरा साफ़ कर दिया. फिर मैंने अपना मुह उसकी चूत पर लगा दिया और चाटने लगा. उसने मेरे लंड को दबाना शुरू कर दिया. वो चिल्ला रही थी और अपनी टाँगे इधर – उधर फेंक रही थी और उसके कामुक आहे मेरा जोश और भी बड़ा रही थी. मेरा डिक फिर से जोर मारने लगा था और अपनी पूरी ताकत में आने को बहुत बेताब था. और १० मिनट बाद, मैं फिर से रेडी था. मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया.


 ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों   फिर मैंने उसे उठाया और कुर्सी पर बैठा दिया. और उसे चुमते हुए, अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. मैं जोर – जोर से शॉट मारने लगा. कुछ टाइम के बाद, मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. उसका बैलेंस बिगड़ गया और वो कुर्सी से गिर पड़ी. मैं फिर भी चालू रहा.. वो मस्ती में मचल रही थी और अहहाह अहहाह अहहः फक मी… फक मी हार्डर… उहओहोहो… एस चोदो मुझे… और जोर से… फाड़ डालो…. एस एस एस अहहः अहहाह अहहः आहाहाह ऊहोहोहोह होहोहोहो मर गयी… और जोर से… अहः अहः जोर से चोदो… फाड़ डालो. उसके मुह से कामुक आहे निकल रही थी और वो कामुक आहे पुरे कमरे में गूंज रही थी. कुछ टाइम चोदने के बाद, मैं  ..उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब  डिस्चार्ज होने वाला था, तो मैंने पूछा कि अन्दर ही निकाल दू? तो वो बोली – मैं भी होने वाली हु. दोनों एक साथ ही अन्दर होएंगे. और हम दोनों ही जोर से अहहाह अहहाह अहहः अहहहः चिल्लाने लगे. फिर हम दोनों एक साथ ही डिस्चार्ज हो गए. फिर हम दोनों उठे और बगल के सोफे पर बैठ गये और उसकी साड़ी में हम दोनों एकसाथ लिपट कर लेट गये. हमारी नीद 8 बजे खुली और फिर मैं उसे एक डेट पर ले गया और हमने पुरे मंथ खूब मस्ती करी और एक दुसरे को खूब चोदा. मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों  .
 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया तो दोस्तों, आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. अपना फीडबैक जरुर देना.. अब मैं ग्वालियर में अकेला रहता हु और सेक्स के हर मौके के इंतज़ार और तलाश में रहता हु. अगर कोई भी सेक्सी भाभी, आंटी और लड़की को मेरे मस्त लंड की दरकार को अपनी चूत की प्यास को शांत करने के लिए, तो मुझे यहीं पर कमेंट जरुर करके बताये. मुझे आप सबका इंतज़ार रहेगा.. कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया.

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