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कंप्यूटर वाली रीमा मैडम को चोदा

Posted on:- 2024-12-08


नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब अन्तर्वासना `कहानियो  पर यह पहली सच्ची कहानी है। इसलिए आपको यह कहानी कैसी लगी इसके बारे में जरूर बताना। बात तब की है जब मैं नया-नया कंप्यूटर सीखने लगा था मेरी कंप्यूटर टीचर का नाम रीमा। मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.

वो मुझसे उम्र 5 साल बड़ी थी। मुझे रीमा मैडम बहुत मस्त लगती थी। क्या मस्त मादक देह थी उसकी..!

 लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों उसको देख कर तो हर उम्र के लोगों का लौड़ा खड़ा हो जाए और उसके चूतड़ तो पूछो मत… क्या गजब के उठे हुए चूतड़ थे…! वो जब कभी किसी सवाल को हल करने के लिए मेरे जिस्म के साथ छू जाती तो नीचे मेरा लण्ड खड़ा हो जाता और दिल करता कि अभी इसको पकड़ कर चोद दूँ, पर क्या करूँ मजबूरी थी। एक दिन मेरे एक दोस्त ने मुझे ब्लू-फिल्म की डिस्क दी। वो डिस्क मैंने अपनी कॉपी में रख ली। मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया.


 मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है मैंने कंप्यूटर सेंटर में जा कर थोड़ा काम किया कुछ समय के बाद मैं गुसलखाने में गया और जब वापिस आया तो देखा कि रीमा मैडम मेरे कंप्यूटर पर बैठी हुई थी। जब हमारे बैच का समय पूरा हुआ और हम जाने लगे तो मैडम ने मुझे रोक लिया कि तुमसे मुझे कुछ काम है। इतने में अगले बैच वाले स्टूडेंट आ गए। मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है.


 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा  कुछ समय के बाद रीमा मैडम मुझे ऑफिस के अन्दर ले गई और मुझे बैठने को कहा और खुद बाहर चली गई। कुछ समय के बाद ऑफिस में आई और आते ही मुझसे बोली- अभिजित मैं तो तुमको इतना अच्छा लड़का समझती थी।.

तो मैंने पूछा- मैडम क्या हुआ?

रीमा मैडम ने मेरी कॉपी उठाई और उस में से ब्लू-फिल्म वाली डिस्क निकाल कर पूछा- ये क्या है?

मैं घबरा गया, मैंने बोला- मैडम ये मेरी नहीं है।

इतनी बात सुन कर वो हँसने लगी- डर क्यों रहे हो? ये सब तो चलता है।

इतना सुन कर मेरी घबराहट कुछ कम हुई।

मैडम ने पूछा- तुमने ये फिल्म देखी है?

मैं बोला- नहीं देखी।

वो बोली- ठीक है.. अब तुम जाओ।

मैं ऑफिस से बाहर आ गया। उसके बाद 2-3 दिन हमारे बीच कोई बात नहीं हुई।

 मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है     यहाँ यह बात बता दूँ कि हमारा सेन्टर शनिवार और रविवार को बन्द रहता है, शुक्रवार को जब मैं अपनी क्लास खत्म कर जाने लगा तो मैडम बोली- अभिजित कल तुम 11.00 बजे मेरे घर आना, मुझे कुछ काम है।.

मैंने ‘ठीक है मैडम !’ बोला और आ गया।

 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये शनिवार को जब मैं 11.00 बजे मैडम के घर पहुँचा तो देखा कि मैडम के घर में और कोई नहीं था और वो नहा कर निकली थी। क्या मस्त माल लग रही थी रीमा मैडम..! मैडम ने पजामा और टी-शर्ट पहन रखी थी, मैडम के मम्मे टी-शर्ट को फाड़ कर बाहर निकलने को बेताब थे। मेरा लण्ड पैन्ट में ही मचलने लगा, मैंने किसी तरह लौड़े पर संयम रखा और मैडम से पूछा- क्या काम था मैडम?.

रीमा मैडम मेरे सामने सोफे पर बैठ गई और बोली- उस दिन मैंने तुम्हारी कॉपी में ब्लू-फिल्म की सीडी देखी तो मेरा दिल भी मचलने लगा था पर वहाँ पर मैं कुछ नहीं बोल पाई, इसलिए तुमको आज यहाँ बुलाया है। मम्मी-पापा और भाई बाहर गए हुए हैं तो मैंने सोचा कि आज तुमसे बात करूँ। मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है


 मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था     इतना बोल कर वो उठ कर मेरे बगल में बैठ गई। मेरा दिल ख़ुशी से झूम उठा, मैडम ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने कठोर मम्मों पर रख दिया, मुझे करंट सा लगा। मैडम बोली- अभिजित मेरी प्यास बुझा दो… मैं कब से तड़प रही हूँ। चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.


 साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है इतना बोलते-बोलते मैडम ने मेरी पैन्ट के ऊपर से ही मेरे लण्ड को सहलाना शुरू कर दिया। मेरा हाथ भी मैडम के मम्मों पर चल रहा था, वो मुँह से अजीब-अजीब आवाज निकल रही थीं। मेरा लण्ड भी अब पूरा तन चुका था। कुछ समय के बाद वो उठी और मेरे घुटनों में बैठ गई मेरी पैन्ट की चैन खोल कर मेरा 7″ का लण्ड बाहर निकाला और एकदम से उस पर टूट पड़ी… जैसे कोई भूखा खाने पर टूटता है। यह मेरा पहला मौका था कि किसी लड़की ने मेरा लण्ड अपने मुँह में लिया था। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। वो मेरे लण्ड को पूरा मुँह में ले कर चूसे जा रही थी। अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.


 मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया अचानक मुझमें तेजी आ गई और मैंने जोर-जोर से लण्ड को उसके मुँह में आगे-पीछे करना शुरू कर दिया। फिर ऐसा लगा जैसे गर्म-गर्म लावा मेरे शरीर से निकल रहा हो। मेरा पूरा माल रीमा पी गई। फिर कुछ समय हम ऐसे ही बैठे रहे। मैंने धीरे-धीरे रीमा के मम्मों पर हाथ फेरना शुरू किया जिससे उनमें फिर से कठोरता आ गई और मेरा लण्ड भी तन गया। वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों.  


 मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया मैंने रीमा के कपड़े उतार दिए और साथ में अपने भी कपड़े उतार दिए। अब हम जन्मजात नंगे थे। मैंने मैडम के संतरे अपने मुँह में ले कर चूसना शुरू कर दिए और हाथ की ऊँगली उस की गर्म-गर्म चूत में डाल दी। उसकी चूत ऐसे लग रही थी जैसे गर्म ज्वालामुखी दहक रहा हो। वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों  .


 मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया करीब 7-8 मिनट में ही रीमा झड़ गई। फिर मैंने अपना लण्ड उसके मुँह में डाल दिया, कुछ समय लण्ड चूसने के बाद रीमा उठ गई और अपने गोल-गोल मम्मे मेरे मुँह पर रगड़ने लगी। मैंने उसकी कठोर चूची मुँह में लेकर चूसनी शुरू कर दी। फिर रीमा बोली- अब और मत तड़पाओ… अब मेरी चूत में अपना लण्ड डाल दो। ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों  .


 मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया मैंने भी देरी नहीं की और रीमा को घोड़ी बना कर उसकी चूत में अपना मोटा लण्ड पेल दिया। वो तड़प उठी ‘उह्ह्ह हाह्ह्ह ह्ह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह’ और बोली- इस लोहे के सरिए को बाहर निकालो… मैं मर गई..! मैंने देर नहीं की और फटाक से अपना पूरा लण्ड चूत में पेल दिया और उसकी कमर को कस कर पकड़ लिया और जोर-जोर से चूत चोदने लगा। पहले तो वो तड़प रही थी, पर अब उसको मज़ा आ रहा था और उसके मुँह से ‘उह्ह… अह्ह्ह.. जोर से चोदो.. फाड़ दो.. फुद्दी को… ओउछ्ह्ह.. मर गई आह ओह्ह्ह..!’ निकल रहा था। उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब .


 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों   उसे ऐसा करते देख मैं और जोर से धक्के मारने लगा। फिर रीमा ने मुझे जोर से पकड़ लिया और अपनी बुण्ड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी, मैं पूरे उत्साह के साथ उसको चोद रहा था। करीब 10 मिनट बाद वो झड़ गई और उसकी चूत से पानी बाहर निकला और मेरे टट्टों पर लग गया। मैंने फिर उसको बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और उसकी टाँगें ऊपर करके उस की पानी से नहाई हुई चूत में अपना लण्ड डाल दिया। क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया.


 कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था  अब उसको पूरा मज़ा आ रहा था और वो बोल रही थी- आज फुद्दी देने का मज़ा आया है। फिर मुझे लगा कि अब मैं भी झड़ने वाला हूँ, तो मैंने पूरी ताकत के साथ धक्के मारने शुरू कर दिए। मेरे मुँह से भी अब ‘अह्ह्हह उह्ह ह्ह’ की आवाज आ रही थी। उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये .
 मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है फिर एक गर्म पिचकारी उसकी चूत में पड़ी और मेरा सारा मज़ा अन्दर ही निकल गया। मैंने अपना लण्ड निकाला और रीमा के मुँह में डाल दिया। उसने जो मज़ा मेरे लण्ड पर लगा था, चाट कर पूरा साफ कर दिया। उसके बाद तो मैंने रीमा मैडम की बहुत फुद्दी और गांड मारी। गांड वाली कहानी फिर लिखूँगा। उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है.


दोस्तो, मेरी यह कहानी कैसी लगी, मुझे बताना जरूर। मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया मेरे मित्रगणों  कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया.

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