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मीरा बाई की मछली

Posted on:- 2024-08-05


नमस्कार साथियों और प्रेमिकाओं, मेरा नाम विश्वा है और मैं करनाल में रहता हूँ. मेरी उम्र 26 साल है और मैं बैचलर ऑफ़ साइंस फाइनल ईयर में हूँ. मैंने देशीअडल्टस्टोरी डॉट कॉम की बहुत सी स्टोरी पढ़ी है और ज्यादा उम्र की औरते बहुत पसंद है.

अब मैं आपका ज्यादा टाईम ख़राब ना करते हुए सीधे स्टोरी पर आता हूँ. ये स्टोरी मेरे बाजू में रहने वाली अंकिता की और मेरे पहले सेक्स की है. पहले में आपको अंकिता के बारे में बता दूँ, वो भरपूर शरीर की महाराष्ट्रन लेडी है. अंकिता का फिगर 38-40-45 है और वो बहुत मस्त, मोटी, रसीली औरत है. अंकिता की उम्र 58 साल की है.

दोस्तों ये बात 2 हफ्ते पहले की है, मेरे एग्जॉम चल रहे थे और पढ़ाई करने के लिए मेरे पास कोई जगह नहीं थी, क्योंकि हमारे घर पर मेहमान आए थे इसलिए मुझे पढ़ाई करने में बहुत परेशानी हो रही थी. फिर मेरी मम्मी ने मेरी परेशानी समझी और मुझे हमारे पास में रहने वाली अंकिता के घर पर पढ़ाई करने के लिए भेज दिया. अंकिता अकेले ही रहती है और उसके पति की मौत 5 साल पहले हुए थी, वो घर पर साड़ी पहनती है, वो मेरा बहुत ख्याल रखती थी.

अंकिता को उसके पति की मौत के बाद से शराब पीने की आदत हो गई थी, वो रोज शाम को शराब पीती थी. अब में अंकिता के हॉल में बैठकर पढ़ाई कर रहा था और अंकिता अपने घर के काम में बिज़ी थी. अब शाम के 8 बज गये थे तो मैंने थोड़ा रिलेक्स होने के लिए टी.वी चालू किया, तो डी.वी.डी प्लेयर भी चलने लगा, तो उसमें ब्लू फिल्म चल रही थी. अब में डर गया और तुरंत टी.वी बंद करके सोफे पर बैठा गया.

फिर घर का काम ख़त्म करके अंकिता मेरे पास आ कर बैठी और मेरी पढ़ाई के बारे में पूछने लगी. फिर मैंने कहा कि मुझे और पढ़ना है, तो अंकिता ने कहा कि तू आज की रात यहीं रुक जा और में तेरी मम्मी को फोन करके बताती हूँ, तो मैंने कहा कि ठीक है.

फिर अंकिता बोली कि तू रिलेक्स हो जा में किचन में गैस बंद करके आती हूँ. अब मेरे दिमाग में बार-बार ब्लू फिल्म का ध्यान आ रहा था, अब किचन में जाते वक़्त मेरी नज़र अंकिता की गोल और मोटी गांड पर गई. अब उनकी गांड देखते ही मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था और में अपना लंड ठीक कर रहा था कि अंकिता हॉल में आ गई और मुझे देख लिया और मुस्कुराई और बोली कि कैसा लग रहा है? तो में हड़बड़ा गया और बोला कि ठीक हूँ.

फिर वो सोफे पर आकर बैठ गई और अब अंकिता का शराब पीने का टाईम हो गया था, लेकिन वो मेरे सामने कैसे पीती? फिर वो बैठी रही और बोली कि विश्वा तू पढाई करके बोर हो गया होगा, मेरे साथ मार्केट में चल डिनर के लिए फिश लेनी है. आज तू बहुत दिन के बाद मेरे घर आया है ना इसलिए, तो मैंने भी हाँ कर दी.

फिर मैंने अंकिता से बोला कि आप तैयार हो जाओ, में घर से बाइक लेकर आता हूँ, तो वो बोली कि ठीक है. हमारे घर से मार्केट बहुत दूर है और वो रास्ता बहुत सुनसान रहता है. फिर में घर चला गया और फ्रेश होकर बाइक लेकर अंकिता को आवाज़ दी.

अब वो तैयार थी, फिर वो जल्दी से घर को लॉक करके बाइक पर बैठ गई. अंकिता बहुत मोटी है इसलिए वो बाइक पर बैठते वक़्त मुझे पकड़ कर बैठ गई. फिर हम मार्केट की तरफ निकल पड़े. अब आधे रास्ते में पहुँचते ही अंकिता ने मेरी कमर को पकड़ लिया क्योंकि रास्ता बहुत खराब था. फिर वो बोलने लगी कि विश्वा एक बात बोलूं.

विश्वा : हाँ पूछो मौसी.

अंकिता : तू ड्रिंक करता है क्या?

विश्वा : नहीं मौसी.

अंकिता : शर्मा मत, में किसी को कुछ नहीं बोलूंगी, तू मेरे बेटे जैसा है.

विश्वा : हाँ पीता हूँ, लेकिन आप मम्मी को मत बताना.

अंकिता : नहीं बताउंगी.

विश्वा : थैंक्स, लेकिन आज आपने क्यों पूछा?

अंकिता : तू तो जानता है ना, में शाम को शराब पीती हूँ रोज अकेले पीकर अच्छा नहीं लगता है, इसलिए पूछा कि आज तू मुझे कंपनी देगा.

विश्वा : (कुछ सोचने के बाद) मैंने हाँ बोल दी.

अंकिता : आज हम दोनों साथ में पीने बैठेंगे.

अब बातों-बातों में हम मार्केट पहुँच गये, फिर मैंने अपनी बाइक साईड में पार्क की. फिर अंकिता बोली कि शराब कौनसी लेनी है? तो में बोला कि जो आपको अच्छी लगे, तो अंकिता बोली कि रम ले लेते है, सर्दी बहुत है तो हम गर्म रहेंगे. फिर में जाकर वाईन शॉप से शराब ले आया, फिर मैंने अंकिता को पूछा कि मौसी और कुछ लेना है क्या?

वो बोली कि कोल्डड्रिंक ले ले, तो में कोल्डड्रिंक भी ले आया. अब हम मार्केट में चल रहे थे और अंकिता मेरे आगे चल रही थी, अब उसकी मोटी गांड देखकर मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था.

फिर मैंने पूछा कि मौसी और क्या लेना है? तो वो बोली कि मेरे पीछे चल सब पता चल जायेगा. अब अंकिता की गांड देखकर मेरा लंड बहुत कड़क हो गया था.

फिर हम थोड़ा चलकर मछली वाले की दुकान पर पहुँच गये, दुकान पर बहुत भीड़ थी. अब अंकिता मेरे आगे खड़ी थी और में उनके पीछे खड़ा था. फिर में मौका देखकर अंकिता की गांड से चिपक कर खड़ा हो गया, अब मेरा लंड खड़ा ही था. अब अंकिता को मेरा लंड अपनी गांड पर महसूस हुआ तो उसने पीछे मुड़कर देखा और पीछे मुझे देखकर मुस्कुरा दी और मछली लेने लगी. अब हम मछली लेकर जहाँ बाइक पार्क की थी वहाँ पहुँच गये.

फिर मैंने अंकिता को सॉरी बोला तो वो बोली कि तू सॉरी क्यों बोला? तो मैंने कहा कि वहाँ बहुत भीड़ थी इसलिए मुझे आपसे चिपक कर खड़ा होना पड़ा, तो अंकिता बोली कि पागल तू मेरे बेटे जैसा है आगे से कभी सॉरी मत बोलना, तो मैंने ठीक है कहा और बाइक स्टार्ट की.

अब हम चल ही रहे थे, तो अंकिता बोली कि मेडिकल शॉप पर बाइक रोकना, मुझे पैर मालिश करने का तेल लेना है. फिर मैंने बाइक रोकी, तेल लिया और घर की तरफ निकल पड़े. अब रास्ते में हमने कोई बात नहीं की, अब बहुत ठंड बढ़ गई थी. फिर 9 बजे हम घर पहुँचे, फिर मीरा ने लॉक खोला तो हम अंदर गए.

अंकिता : एक काम कर, तू कपड़े चेंज कर ले.

विश्वा : मौसी पर कहाँ से चेंज करूँ? मेरे कपड़े तो घर पर है.

अंकिता : हाँ रे विश्वा, तू बैठ में अंकल का पजामा लाती हूँ.

अब वो इतना बोलकर अपने कमरे में गई और मेरे लिए अंकल का पजामा लाई. अब में पजामा लेकर बाथरूम में चेंज करने गया, तो वहाँ अंकिता की पेंटी रखी थी, तो में तुरंत उनकी पेंटी को अपने हाथ में लेकर सूंघने लगा, उनकी पेंटी की बहुत मस्त खुशबू थी.

फिर में चेंज करके सोफे पर बैठ गया, अब अंकिता किचन में मछली फ्राई कर रही थी, तो में भी किचन में चला गया और अंकिता के पीछे खड़ा हो गया और छुपने लगा, तो अंकिता ने कहा कि तुम बाहर बैठो में मछली लेकर आती हूँ, अब में उनकी गांड देखकर बाहर आ गया.

अब अंकिता की गांड बार-बार मेरी आँखों में घूमने लगी थी और फिर में सोचने लगा कि कैसे अंकिता को चोदूं? फिर थोड़ी देर के बाद अंकिता मछली लेकर बाहर आई और बोली कि फ्रिज से कोल्डड्रिंक निकाल और दारू की बोतल खोल, में ग्लास लेकर आती हूँ और वो फिर से अपनी मोटी गांड मटकाते हुए किचन में चली गई. अब मेरा लंड अंकिता को चोदने के लिए पूरा कड़क हो गया था, फिर अंकिता ग्लास लेकर आई और बैठ गई.

विश्वा : मौसी कितना-कितना पेग बनाऊं?

अंकिता : तुझे जैसा ठीक लगे बना.

विश्वा : ठीक है.

फिर मैंने हम दोनों के पेग बनाये और पीने लगे, अब 1 पेग ख़त्म हुआ.

अंकिता : आज तेरे साथ शराब पीकर बहुत अच्छा लग रहा है.

विश्वा : थैंक्स मौसी.

अंकिता : मछली तो खा, खास तेरे लिए बनाई है.

फिर हमने और एक पेग पिया, अब मुझे नशा चढ़ने लगा था, लेकिन अंकिता को कुछ असर नहीं हुआ था, फिर 3 पेग में अंकिता को भी नशा चढ़ने लगा था.

अंकिता : विश्वा बेटा मछली खाना.

विश्वा : खा तो रहा हूँ.

फिर मैंने अंकिता को पूछा कि मौसी क्या में सिगरेट पी सकता हूँ? तो अंकिता बोली कि पी ना और मुझे भी दे. अब में एक और पेग बनाकर अंकिता को देने ही वाला था, तो मुझे मीरा के ब्लाउज में से उसके 2 मोटे बूब्स दिखाई दिए और में एकटक देखने लगा, तो अंकिता ने मुझे देखा और हँसने लगी तो मैंने अपना मुँह नीचे कर लिया और मछली खाने लगा.

अंकिता : तूने तो पूरी मछली खा ली.

विश्वा : मुझे मछली बहुत पसंद है.

अंकिता : अच्छा है, मछली खाकर बॉडी बना और आगे बोलते हुए रुक गई.

विश्वा : और क्या करूँ?

अंकिता : कुछ नहीं, तू पी में तेरे लिए गर्म मछली लाती हूँ और किचन में चली गई. अब मेरा लंड पूरा खड़ा हुआ था, फिर में भी किचन में पहुँच गया और अंकिता के पीछे चिपक गया, अब मुझे नशे में कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या कर रहा हूँ?

अंकिता : क्या हुआ?

विश्वा : मुझे मछली खानी है बोलकर में और अंकिता की गांड से चिपक गया.

अंकिता : ला रही हूँ ना, गर्म करके.

तो फिर मैंने अंकिता के कंधे पर हाथ रखा और कहा कि मुझे मोटी और रसीली मछली खानी है.

अंकिता : मोटी और रसीली मछली अभी कहाँ से लाऊँ?

विश्वा : तुम हो ना मछली जैसी.

फिर मैंने अंकिता के मोटे पेट पर हाथ फेरते हुए कहा, तो अंकिता बोली कि तू बाहर जा में मछली लाती हूँ. फिर वो मछली लेकर आई, लेकिन कुछ बोली नहीं, फिर हमने दारू पी और सोने चले गये. अब में हॉल में ही सो रहा था और मीरा अपने बेडरूम में सोने चली गई. फिर 15 मिनट के बाद अंकिता आई और बोली कि विश्वा बेटा मेरे पैर पर मालिश कर दे, तो में बोला कि ठीक है आप चलो में आता हूँ, अब अंकिता बेड पर लेटी हुई थी.

अंकिता : पैर बहुत दर्द कर रहे है, दबा दे बेटा.

विश्वा : ठीक है, अब में तेल को अपने हाथ में लेकर उनके पैर को हल्के-हल्के से दबा रहा था.

अब अंकिता को अच्छा लग रहा था और बोली कि थोड़ा और ऊपर आकर दबा, तो में अंकिता की जांघो तक पहुँच गया और उनकी जांघो को सहलाने लगा, तो फिर अंकिता बोली कि थोड़ा और ऊपर आ जा, अब मेरी सांसे तेज़ होने लगी थी, उसकी बहुत मोटी और नरम जांघे थी.

अंकिता : कैसा लग रहा है बेटा?

विश्वा : बहुत अच्छा लग रहा है, मौसी.

फिर अंकिता बोली कि मछली खायेगा क्या? तो मैंने बोला कि हाँ, तो फिर अंकिता ने अपनी साड़ी ऊपर उठा ली और बोली कि ये ले मेरी पूरी मछली अर्थात  बुर  खा ले. अब मेरी धड़कन रुक गई थी, इतनी मोटी और काली चूत मैंने पहली बार देखी थी. फिर मैंने उनकी बुर को चूसा और लंड डालकर खूब चोदा. अब तो वो मुझसे चुदवाती ही रहती है और हम दोनों खूब मजा लेते है. आज अंकिता बुर मरवाने की शौक़ीन हो चुकी है.

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