हैल्लो दोस्तों, मेरा दोस्त मुकेश झा एक सरकारी कर्मचारी है और उसके दो बहनें है, वो दोनों उससे छोटी है. एक का नाम रुनझुन है और दूसरी का नाम कोकिला है. कोकिला लॉ की स्टूडेंट है, वो 20 साल की मस्त और जवान लड़की है और काफ़ी फ्रेंक है और सेक्स तो उसमें लबालब भरा हुआ है. मुकेश झा पहली क्लास से मेरे साथ पढ़ता आया है, वो काफ़ी स्मार्ट और गुड लुकिंग है. में अक्सर उनके घर आता जाता था और कोकिला मुझे भैया कहती थी. हम दोनों में मज़ाक भी चलती थी और सब नॉर्मल था.
फिर एक दिन घर पर कोकिला अकेली थी, तो में उनके घर चला गया. अब कोकिला काफ़ी खुश थी, फिर उसने चाय बनाई और वहीं सोफे पर मेरे साथ बैठ गयी. अब में उसकी जवानी देखकर पागल हो रहा था और मेरा दिल चाहता था कि इसको दिल भरकर चोदता रहूँ. अब टी.वी ऑन थी और टी.वी पर स्टार मूवी चैनल लगा हुआ था. अब वो कोई इंग्लिश मूवी देख रही थी.
तभी उसने मुझसे पूछा कि जॉब लग गयी? तो में बोला कि हाँ. फिर वो बोली कि अब शादी के लिए कोई लड़की ढूंढ लो, तो में बोला कि मेरे घरवाले ढूंढ लेंगे. फिर वो बोली क्या घरवालों की लाई हुई लड़की से शादी करोगे? तो में बोला कि हाँ, तो वो बोली कि हमें भी थोड़ी मदद हो जाएंगी. फिर में बोला कि तुमने ढूँढ लिया क्या? तो वो बोली कि हाँ, तो में बोला कि कौन है? तो वो बोली कि वो मेरे साथ कॉलेज में पढ़ता है. फिर में बोला कि अच्छा, लेकिन थोड़ा सोच विचार कर लेना कहीं बाद में पछताओ.
फिर वो बोली कि वो बहुत अच्छा है और फिर वो बोली कि आप भी कोई लड़की ढूंढ लो, तो में बोला कि कोई लड़की पटी ही नहीं. तो वो बोली कि आप इतने हैंडसम हो तो कोई भी लड़की आपकी गर्लफ्रेंड बन जाएंगी और फिर वो बोली कि जब तक नहीं मिलती में आपकी गर्लफ्रेंड बन जाती हूँ और फिर वो मुझसे हाथ मिलाने लगी. फिर में बोला की नहीं, तो वो बोली कि क्यों?
मैं बोला कि ऐसे थोड़ी गर्लफ्रेंड बनती है. अगर मेरी गर्लफ्रेंड होती तो बहुत से चीज़े होती, में उसे हग करता. फिर वो बोली कि ओके तुम मुझे हग कर लो, वो बहुत फ्रेंक थी तो मैंने उसे बड़े आराम से हग किया. फिर मैंने उसे गले लगाते हुए ही कहा कि मेरी गर्लफ्रेंड मुझे किस करती, तो उसने मेरे गाल पर एक प्यारा सा किस किया. अब मेरे लंड महाशय तो खड़े होने की तैयारी करने लगे थे. फिर में बोला कि वो मुझे लिप किस करती और फिर मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए, तो वो थोड़ी घबराई, लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा.
अब मैं अपने एक हाथ से उसकी कुरता में हाथ डाल कर चोली के ऊपर से उसकी चूची दबा रहा था, तो दूसरे हाथ को उसकी गांड पर फैर रहा था. अब वो गर्म हो रही थी और उसकी साँसे भर रही थी. फिर हमने 5 मिनट तक किस किया और फिर वो अपने बेडरूम की तरफ चली गयी और बेडरूम का दरवाजे के पास पहुँचकर पलट कर देखा, तो में समझ गया कि ये अब चुदेगी. फिर में कमरे में चला गया और उसे अपनी बाहों में लेकर किस करने लगा और उसकी टी-शर्ट उतार दी, अब वो ब्रा और लेगीज में थी.
फिर मैंने उसकी लेगीज भी खोल दी और अब वो सिर्फ़ पिंक कलर की ब्रा पेंटी में थी और उसका रंग थोड़ा हल्का गोरा था, जैसे बिशा का कलर और उसके बूब्स बहुत ही बड़े थे, मतलब उसकी उम्र के हिसाब से. फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और उसे बेड पर लेटा दिया और उसकी ब्रा और पेंटी उसके शरीर से अलग कर दी. वो तो बिल्कुल हुस्न की देवी थी और उसके बूब्स, ओह बिल्कुल गोलाई में एकदम शानदार थे और उसकी चूत के तो क्या कहने थे? मैंने ऐसी चूत पहले कभी नहीं देखी थी, बिल्कुल भी कोई निशान नहीं, कोई बाल नहीं और इतनी मुलायम और गुलाबी थी कि मेरी जीभ लप लपा रही थी.
इसके बाद मैंने 69 की पोजिशन बनाई और अब वो मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चूसने लगी थी और में उसकी चूत को सारी उम्र चाटने की सोच-सोचकर उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा रहा था. अब वो तड़प रही थी और अब में अपने फुल जोश में था. अब वो मेरे लंड के टॉप पर अपनी जीभ से राउंड बना रही थी और अब हम दोनों के लिए रुकना बहुत मुश्किल था. फिर वो बोली भैया अब सहा नहीं जाता, अब चोद दो ना. फिर में बोला कि हाँ और क्या तुझे बिना चोदे छोड़ दूँगा? में आज तेरी चूत को फाड़ दूँगा. तो वो बोली कि ये तो आपके लंड के लिए तड़प रही है. फिर मैंने उसे मिशनरी पोजिशन में लेटाया और अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर 2-3 बार रगड़ा. अब वो बार-बार अपनी गांड ऊपर उठा रही थी.
इसके बाद मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखकर एक हल्का सा झटका दिया तो मेरा लंड हल्का सा अंदर गया. उसकी चूत बहुत टाईट थी और फिर मैंने 2-3 अच्छे धक्के मारे तो तब जाकर मेरा लंड अंदर गया. अब वो दर्द से कसमसाने लगी थी, अब वो मेरा पूरा साथ दे रही थी और अपनी गांड उठा-उठाकर मेरे हर धक्के में मेरा साथ दे रही थी. फिर हमने करीब 10 मिनट तक चुदाई की. अब तक वो भोसड़ी मरवाने की शौक़ीन हो चुकी थी.
अचानक से डोर बेल बजी, अब दरवाजे पर मुकेश झा था, तो हमने अपने-अपने कपड़े पहने और में जाकर ड्रॉईग रूम में बैठ गया. फिर कोकिला दरवाज़ा खोलने चली गयी, तो मुकेश झा बोला कि इतनी देर क्यों लगा दी? अब मैंने अपने कान में ईयर फोन लगा रखा था, तो कोकिला बोली कि में कपड़े चेंज कर रही थी, तो में बोला कि मुझे ईयर फोन लगा होने की वजह से सुनाई नहीं दिया. अब उस टाईम तो हम बच गये थे, लेकिन मुकेश झा को शक हो गया था.
फिर एक दिन उसने हम दोनों को देख लिया, तो फिर हमने उसे भी इसमें शामिल कर लिया. अरे यार जब कोकिला जैसी जवानी कोई बुढा, बाबाजी और कोई भी देख ले तो वो नहीं रुक सकता और मुकेश झा तो एक आम लड़का है.