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शादी के दो दिन बाद ही रंडी बन गई

Posted on:- 2024-09-29


नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम रजनी है और आप सभी का बहुत बहुत स्वागत है. दोस्तों मैं बचपन से ही थोड़ी शरारती रही हूँ और मैं पहली बार अपने एक फिज़िक्स के टीचर से चुदी थी और जब में 17 साल की थी, टीचर धीरे धीरे चूत में ऊँगली अंदर बाहर कर रहा था और मैं आहाहह उउउ अहहाअ की आवाज कर रही थी. .

मित्रगणों, आज में आप सभी को जो कहानी बताने जा रही हूँ, वो मेरे शादी होने के बाद की है और अब में सबसे पहले थोड़ा अपने बारे में बताती हूँ. में शुरू से ही बहुत खुले विचार की एक बहुत सुंदर लड़की हूँ और मुझे छोटे छोटे, लेकिन बिल्कुल टाईट कपड़े पहनने में कभी कोई शर्म नहीं आती. मेरे फिगर का आकार 38-28-34 है और बहुत सारे लड़के हमारी मोटी चूतर और बड़े बूब्स के शुरू से ही बहुत दीवाने थे और में जब 27 साल की थी तब हमारी शादी हुई और हमारी शादी मेरे माता पिता के कहने पर हुई थी और वो लड़का जिसका नाम जगरूप, वो बाहर रहता था, मुझे शुरू में उसके बारे में कुछ भी पता नहीं था और इसलिए शादी के दिन जब हमने उसको पहली बार देखा तो में बहुत खुश हो गई, क्योंकि वो दिखने में बहुत अच्छा था और उसके बड़े बड़े मसल्स दमदार शरीर को देखकर हमारी साड़ी के अंदर हमारी चड्ढी अब धीरे धीरे गीली हो रहो थी. इसके बाद शादी के अगले ही दिन हम बाहर चले गये, हम बहुत रात को अपने घर पर पहुंचे थे और हम दोनों बहुत थकने की वजह से घर पर जाते ही सो गये.

इसके बाद हमने वहां पर पहुंचकर देखा कि हमारा घर बहुत बड़ा था, जगरूप एक बहुत बड़ा बिजनेसमेन था और उसका एक स्कूल भी था और एक मेगज़ीन का अपना खुद का बिज़नस भी था. इसके बाद में थोड़ा थकी होने की वजह से सुबह थोड़ी देर से उठी तो हमने देखा कि जगरूप तब तक नीचे रूम में जा चुके थे. दोस्तों जगरूप ने अब तक मुझे छुआ भी नहीं था, इसलिए हमने सोचा कि में उसको थोड़ा चकित कर देती हूँ, इसलिए हमने अपने सारे कपड़े उतारे और एक नीले कलर की ब्रा, चड्ढी पहन ली और उसके ऊपर एक काले रंग की शर्ट जो कि बिल्कुल हमारी चूतर पर जाकर खत्म हो रही थी.

इसके बाद में अपनी मोटी चूतर को मटका मटकाकर नीचे चली गई और तब हमने देखा कि दो एकदम काले अफ्रिकन मर्द बैठे हुए है और उनमें से एक ने मुझे अपना नाम जॉन बताया और दूसरे ने स्टेवेमैन उस छोटी शर्ट में जिससे हमारी आधी चड्ढी और आधी चूतर नज़र आ रही थी और में उसमें खड़ी हुई थी. इसके बाद उन दोनों ने मुझसे कहा कि वो जगरूप के दोस्त है और उससे मिलना चाहते थे तो इसलिए चले आए. इसके बाद हमने तुरंत उनसे कहा कि वो अभी घर पर नहीं है और में अब शर्म के मारे मरी जा रही थी और जगरूप मुझे कहीं भी नहीं दिखाई दिए तो मुझे लगा कि वो शायद बाहर गये है. दोस्तों में उस काले मर्द के लंड का मज़ा नहीं गँवाना चाहती थी.

इसके बाद एक अफ्रिकन आदमी ने मुझे बैठने को कहा और वो थोड़ा सरक कर साईड हो गया. अब में एकदम डरी सहमी सी उन दोनों काले मर्द के बीच में जाकर बैठ गई और बैठते हुए हमारी छोटी शर्ट मेरे पेट तक चढ़ गई, जिसकी वजह से हमारी पूरी नीले कलर की चड्ढी उन्हे साफ साफ नज़र आ रही थी. इसके बाद हमने अपने दोनों हाथों से उसे छुपाने की बहुत नाकाम कोशिश की, लेकिन ऐसा हो ना सका जैसा में चाहती थी. दोस्तों हमारी शादी होने के दो दिन बाद में दो काले मर्द के बीच आधी नंगी बैठी हुई थी और तभी अचानक से एक काला मर्द उठा और उसने अपनी पेंट को गिरा दिया, उसने अंदर कोई अंडरवियर नहीं पहना हुआ था और में उसका लंड देखकर एकदम पागल सी हो गई, क्योंकि उसका वो बिल्कुल काला सा लंड मेरे एक हाथ के बराबर लंबा था और उसे देखकर वो दूसरा भी नंगा हो गया और अब वो दोनों काले मर्द मेरे सामने अपना बड़ा लंड पकड़कर खड़े हुए थे. वह दिन आज भी मुझे याद है.

अब में उनके लंड को देखकर और अपनी तड़पती हुई चूत को शांत करने के लिए हमने अपनी शर्म को छोड़कर तुरंत अपनी शर्ट को उतार दिया और में सिर्फ़ अपनी ब्रा, चड्ढी में अपने घुटनो पर बैठकर दोनों काले लंड का मज़ा लेने लगी. इसके बाद हमने एक लंड को करीब दस मिनट तक चूसा और दूसरे को हाथ से सहला रही थी और मुझे यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था और हमारी चूत धीरे धीरे और भी कामुक हुई जा रही थी. इसके बाद उसके बाद हमने दूसरे को भी उतना ही चूसा और इसके बाद हमने खड़े होकर अपनी चड्ढी और ब्रा को भी उतार दिया और अब हमारी एकदम गीली चूत और बड़े बड़े बूब्स उन दोनों के सामने आ गये थे.

अब में अपने नंगे बदन को लेकर उन दोनों काले मर्दो से लिपट गयी और तब एक लड़का सोफे पर बैठ गया और उसने हमारी तरफ इशारा किया और जिसको में समझ गई और जैसे ही में अपनी पीठ को उसकी तरफ करके उसके लंड पर बैठने के लिए उसके पास गई तो उसने अपना दस इंच का लंड हमारी चूतर में घुसा दिया और हमारी चीख निकल गई और अब उस दूसरे मर्द ने आगे से हमारी चूत में एक जोरदार धक्का देकर अपना लंड घुसा दिया और जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हुआ और में तड़पने लगी, लेकिन इसके बाद भी में उन दोनों लंड के मज़े में खो गई थी.

थोड़ी देर के बाद जॉन ने एक कैमरे को टाईमर मोड में सेट कर दिया और सामने की टेबल पर रख दिया, जिसमें हमारी चुदाई की वो सभी फोटो खींची जा रही थी और यह सब देखकर में और भी गरम हो गई और में उस कैमरे की तरफ एक शरारती स्माईल देकर और भी ज़ोर से लंड के ऊपर कूदने उछलने लगी और जिसकी वजह से उसका वो काला लंबा लंड पूरा अंदर बाहर हो रहा था.

इसके बाद कुछ देर बाद जॉन और स्टीव ने मुझे ज़मीन पर डॉगी स्टाईल में बैठा दिया और जॉन ने पीछे से हमारी चूत में लंड घुसाया और स्टीव ने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया, अब मुझे अपनी इस तरह से चुदाई होते देख बिल्कुल एक रंडी जैसा महसूस हो रहा था.

इसके बाद कुछ देर बाद अब धीरे धीरे मुझे बड़े लंड की आदत हो गई और में मज़े से उन दोनों का लंड कभी चूतर में तो कभी मुहं में तो कभी चूत में ले रही थी. दोस्तों हमारी शादी होने के दो दिन बाद ही में अपने पति से छुपकर अपने ही घर में उनके दो दोस्तों से चुद रही थी, आख़िरकार उन दोनों ने एक एक करके अपने लंड मेरे अंदर से बाहर निकाले और मुझे सोफे पर बैठा दिया और मेरे पूरे चेहरे पर वीर्य डाल दिया, में सोफे पर अपने दोनों पैरों को फैलाकर उनका माल चख रही थी.

हमने उनका माल चखा और कुछ देर बाद खड़ी हो गई. अब जॉन और स्टीव ने अपनी अपनी पेंट पहनी और जॉन ने हमारी चूतर को दबोचकर मेरे होंठो पर एक लंबा सा किस दे दिया और इसके बाद स्टीव ने अपने पूरे हाथ से हमारी चूत को दबा दिया और जिसकी वजह से में उछल गई. अब स्टीव ने मुझे अपनी गोदी में उठा लिया और एक लंबा सा किस दे दिया और इसके बाद वो वहां से दोनों चले गये. इसके बाद में अपनी दोनों आखें बंद करके अपने दोनों पैरों को फैलाकर सोफे पर ना जाने कब सो गई मुझे पता ही नहीं चला, लेकिन तभी कुछ देर बाद मुझे हमारी चूत में कुछ छूता हुआ महसूस हुआ और जैसे ही हमारी आँखें खुली तो हमने देखा कि जगरूप का मोटा लंड हमारी चूत के अंदर था.

इसके बाद उसने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि क्यों रंडी अब अपने पति से नहीं चुदेगी? और वो ज़ोर ज़ोर से ताबड़तोड़ धक्के देकर हमारी चूत को मारने लगा, जिसकी वजह से उस सोफे के साथ साथ में भी पूरी तरह से हिलने लगी. इसके बाद हमने उसे एक शरारती सी स्माईल देकर उससे कहा कि में तुम्हारे लिए ही तो रंडी बनी हूँ और अब उसे अपनी बाहों में लेकर में भी अपनी कमर से उसके लंड की तरफ हल्के हल्के झटके देने लगी. दोस्तों में बस अब मन ही मन दुआ कर रही थी कि उसने मुझे जॉन और स्टीव से चुदते हुए ना देखा हो? वैसे तो जगरूप का लंड भी बहुत मोटा था, उस पूरे दिन हम घर में बिल्कुल नंगे ही रहे और पूरे दिन में जगरूप ने चार बार हमारी चूत मारी और हम रात को नंगे ही सो गये.

इसके बाद अगले दिन सुबह उठते ही हमने जगरूप की तरफ देखा तो वो नंगा बहुत सेक्सी लग रहा था और में अब उसकी तरफ चली गई. इसके बाद हमने तुरंत उसका सोया हुआ मुलायम लंड अपने हाथ में ले लिया और इसके बाद हमने उससे कहा कि क्या बात है तुम्हारा लंड बहुत देर तक सोता है? और अब हमने उसके लंड को अपने मुहं में ले लिया और करीब पांच सेकेंड के अंदर उसका लंड अब पूरी तरह से तनकर खड़ा हो गया और उसने मुझे पकड़कर बेड पर सीधा लेटा दिया और मेरे पैरों को पूरा फैला दिया और अपना मुहं हमारी चूत में अंदर तक घुसा दिया, मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि में उसे आप सभी को शब्दों में नहीं बता सकती.

में अब थोड़ा थोड़ा हिल रही थी और इसके बाद उसने अपना लंड हमारी चूत में डाल दिया और वो मुझे चोदते हुए थोड़ा हमारी तरफ झुका और मुझे चूमने लगा और एक घंटे की चुदाई के बाद उसने एक टाईट अंडरवियर पहना और हमने एक जालीदार टॉप बिना ब्रा के और एक लाल कलर की चड्ढी पहनी. तभी एक घंटी बजती है और में जगरूप की तरफ देखती हूँ कि वो उठकर जाकर देखे कि बाहर कौन आया है? तो जगरूप ने बोला कि क्या में जाऊँ? इसके बाद हमने उससे कहा कि क्या में ऐसे जाऊँ? इस टॉप से मेरे पूरे नंगे बूब्स दिख रहे है और इसमें से हमारी चड्ढी भी दिख रही है.

इसके बाद जगरूप ने मुझे देखकर स्माईल किया और ज़ोर से हमारी चूतर पर एक थप्पड़ मार दिया और में तुरंत समझ गई और में स्माईल करके जाने लगी और अपना टॉप थोड़ा और ऊपर उठाया ताकि हमारी चड्ढी अच्छे से दिखे और हमने पीछे जगरूप को देखकर उसे आँख मारी. इसके बाद हमने दरवाजा खोल दिया और सामने एक गोरा आदमी खड़ा हुआ था, उसने मुझे एक डब्बा हाथ में दे दिया और मुझसे एक पेपर पर हस्ताक्षर करने को कहा, हस्ताक्षर करते हुए हमने देखा कि वो कैसी बड़ी बड़ी आँखों से घूर घूरकर मेरे बूब्स और चड्ढी को देख रहा था, उसकी पेंट में उसका लंड खड़ा हो चुका था और वो पेंट के बाहर से ही पता चल रहा था.

इसके बाद हमने वो पेपर उसे हस्ताक्षर करके दे दिया और अपना एक हाथ अपनी चड्ढी के अंदर डाल दिया और दूसरे हाथ से दरवाजा बंद कर दिया. तभी पीछे से जगरूप बोला तू तो एकदम रंडी निकली. दोस्तों उसके साथ गुजरे मेरे कुछ घंटे और उसके मुहं से यह शब्द सुनकर में अब पूरी तरह से समझ गई थी कि जगरूप के साथ हमारी आगे की ज़िंदगी भी बहुत मज़ेदार हो जाएगी और मुझे उसके साथ बहुत मज़ा आएगा. मेरा लंड बार बार झांटों को चीर के उसकी बुर को भेदने लगा. एक बार उसने जोश में आकर 7 इंच लंड भोसड़ी के बजाय गांड में धंसा दिया.

इसलिए आज भी कभी कभी मेरी गांड में दर्द होने लगता है.

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