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कलेजा हलक में आ गया

Posted on:- 2024-12-21


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सुमित मिश्रा है और में 22 साल का जवान पुरुष हूँ, कद 5 फुट 9 इंच, रंग गोरा और मेरा लंड सामने से थोड़ा छोटा है, में तंदुरुस्त और हट्टा कट्टा हूँ और कोई नशा नहीं करता. ये मेरी इस साईड पर पहली कहानी है. में आपको मेरी पहली चुदाई के बारे में आपको बताना चाहता हूँ. ये कहानी बिल्कुल सच्ची है और यह बात उस समय की है जब मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं थी, हांलाकि में अपनी कोचिंग में और अपने स्कूल में ऊपर-ऊपर से काफ़ी मज़े कर चुका हूँ, लेकिन मैंने कभी चुदाई नहीं की थी. मेरी बहुत इच्छा थी कि में चुदाई करूँ, लेकिन लगता था कि किस्मत अभी मेरे पर मेहरबान नहीं हुई थी, में अक्सर चुदाई के बारे में सोचता रहता था कि करने में कितना मज़ा आयेगा और में कैसे-कैसे करूँगा? यही सब ख्याल मुझे रात भर सताते रहते थे और में सिर्फ़ छुपकर अपने रूम पार्टनर से चिपक कर मुठ मारकर सो जाता था और दिल में एक चिंता लिए हुए था.

मेरे कॉलेज में बहुत सुंदर-सुंदर लड़कियां है, लेकिन में थोड़ा शर्मीले स्वाभाव का हूँ, इसलिए कभी किसी से जाकर बात नहीं कर पाता था, में हर आती-जाती लड़की की चूची को देखता रहता था और उन्हें घूरता था कि काश वो मुझे दबाने को मिल जाए. जब में कोंचिंग में था तो कम से कम दबा लेता था, लेकिन इधर 2 साल से कुछ भी हाथ नहीं लगा है और दूसरी तरफ मेरी जवानी रोज़ रात को उफान मारती थी. मेरे दोस्त काफ़ी अच्छे है और मुझे बहुत ही उत्साहित करते है कि में किसी लड़की से बात करूँ और उसकी जमकर चुदाई करूँ, लेकिन कहते है ना कि किस्मत से पहले और वक़्त से ज्यादा कभी किसी को कुछ नहीं मिला है और मुझे लगता है कि ऐसा ही मेरे साथ भी है.

फिर ऐसे ही दिन गुज़रते गये, लेकिन कभी ना कभी तो किस्मत को खुलना ही था तो एक दिन मेरे फोन पर एक लड़की का कॉल आया. में लोगों को अपनी बातों में काफ़ी आराम से लपेट लेता हूँ, अगर वो फोन पर हो तो, लेकिन सामने से मुझे शर्म आती है खासकर लड़कियों के साथ. उस लड़की ने ग़लती से मेरा नम्बर लगा दिया था, रात का वक़्त था और उसने सॉरी बोलकर फोन कट कर दिया. फिर मैंने दुबारा से उसे कॉल किया, लेकिन उसने रिसीव नहीं किया. फिर मैंने उसे कुछ मैसेज किए और रोमांटिक शायरी भी भेज दी. ऐसे ही कुछ दिनों तक चलता रहा. फिर वो धीरे-धीरे लाईन पर आने लगी और फिर हम फोन पर रात को बातें भी करने लगे और दिन पर दिन मेरा इरादा और पक्का होने लगा था कि में इस लड़की को चोदकर ही रहूँगा.

इस लड़की का नाम प्रियंका है, लेकिन मैंने उसे पहले कभी नहीं देखा था और मैंने सोचा था कि साली वो कैसी भी हो? उसे चोद तो दूँगा ही. फिर इतना सोचना क्या कि कैसी होगी? वो दिखने में पसंद आयेंगी या नहीं? में तो इतना ही जानता था कि मुझे तो बस इस लड़की की चुदाई करनी है. फिर मैंने उसे अपने बारे में कुछ भी सच नहीं बताया था, क्योंकि मुझे उसके साथ कोई रिश्ता नहीं चाहिए था. फिर मैंने सोचा था कि अगर वो मुझे पसंद आई तो तभी में रिश्ते के बारे में सोचूँगा. फिर कुछ ही दिनों में उससे काफ़ी खुलकर बातें करने लगा और हमने फोन सेक्स भी करना शुरू कर दिया था और अब इंतज़ार था कि कब वो मिलने और चुदने के लिए तैयार होगी. फिर बहुत ही जल्द मैंने उसे तैयार भी कर लिया, वो वाराणसी में रहती थी तो उसने मुझे वहीं बुलाया. मेरा पार्टनर भी वाराणसी में रह चुका है तो उसे वहां के बारे में काफ़ी पता भी है और उसकी वहाँ पर अच्छी ख़ासी जान पहचान भी है.

फिर जब मैंने अपने पार्टनर पांडे को बताया कि में वाराणसी प्रियंका को चोदने जाने वाला हूँ तो वो भी उसे चोदने को कहने लगा, लेकिन मैंने उसे साफ-साफ मना कर दिया. अब मुझे लड़की मिल चुकी थी और जो चुदने के लिए भी तैयार थी तो में थोड़ा घमंड में आ गया और में पांडे का बहुत मज़ाक भी बनाने लगा. खैर ये तो पांडे की शराफ़त थी कि उसने पूरा बंदोबस्त वाराणसी के एक होटल में कर दिया था, वो होटल पांडे के एक दोस्त का था तो मुझे कोई चिंता भी नहीं थी. अब आख़िरकार वो दिन आ ही गया. फिर मैंने अपना बैग पैक किया और पांडे से कुछ पैसे उधार लिए और वाराणसी चला गया और हमारी तय की हुई जगह पर हम मिले. प्रियंका दिखने में तो कोई बहुत ज्यादा आकर्षक तो नहीं थी, लेकिन उसका फिगर बहुत मस्त था, उसका साईज 32-28-34 था, में तो उसे देखकर ही पागल होने लगा था और मेरा लंड भी सलामी देने लगा था.

फिर मैंने किसी तरह से उसे समझाया और शांत किया. फिर हम दोनों ने कुछ खाने पीने का सामान लिया और होटल की तरफ चल पड़े. फिर होटल में जाकर मैंने रिसेप्शन की बात पांडे से करा दी और उसने मुझे अच्छे से सब कुछ समझा दिया और हमें रूम मिल गया. फिर रूम में जाते ही मैंने उसे गले से लगा लिया, वो थोड़ा शर्मा रही थी, लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया. फिर उसने बताया कि वो मेरे लिए कुछ लाई है तो में बहुत खुश हुआ कि क्या होगा? और जब उसने बैग में से एक दारू की बोतल निकाली तो में तो देखता रह गया और फिर वो मुझे पीने को कहने लगी, लेकिन मैंने पहले मना किया. फिर सोचा कि पी लेता हूँ मैंने सुना है कि पीने के बाद काफ़ी देर तक मर्द चलता है. फिर जब हम दोनों ने पी लिया तो मेरा सर घूमने लगा और लंड भी प्रियंका को देखकर तन गया था.

फिर में उसे पकड़कर उसके नरम-नरम होठों को चूसने लगा, क्या बताऊँ दोस्तों? मुझे कितना मज़ा आ रहा था और साथ में ही में ऊपर से ही उसकी चूत पर अपना लंड भी रगड़ रहा था. अब एक तो शराब का नशा और फिर चुदाई का नशा दोनों जब मिल जाते है तो यारो क्या बताऊँ? कि कितना मज़ा आता है. फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी चूचियाँ दबाना शुरू कर दिया, वो बहुत नरम और मुलायम थी और मेरे हाथ लगते ही उसकी सिसकारियां निकलने लगी थी और वो और जोश में आने लगी थी. अब हम दोनों को सहन नहीं हो रहा था तो वो बार-बार मेरा लंड पकड़कर हिला रही थी. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया और अब वो सिर्फ़ एक काले कलर की ब्रा में लेटी थी, में ये देखकर और जोश में आने लगा और मैंने पागलों की तरह उसकी चूचियाँ दबाना शुरू कर दिया.

फिर मैंने झट से उसकी ब्रा उतार फेंकी, क्या मस्त शेप में उसकी चूची थी? अब उसके निप्पल बिल्कुल खड़े हो गये थे और मैंने उन पर अपने दांतो से हल्का-हल्का काटना शुरु कर दिया था, जिससे वो और उत्तेजित हो रही थी. फिर उसने मुझे झटके से नीचे कर दिया और वो मेरे ऊपर आ गयी और मुझे पागलों की तरह चूमने लगी और चूमते-चूमते ही उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए.

अब में सिर्फ़ अपनी अंडरवियर में था और वो मुझे मेरी छाती पर चूमने लगी और मेरे निप्पल को काटने लगी, जिससे में बहुत तेज़ी से उत्तेजित होने लगा और साथ ही में भी उसकी चूचियों को दबा रहा था. फिर उसने मेरी अंडरवियर उतारी और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर पागलों की तरह चूसने लगी, में तो मानों अब स्वर्ग में चला गया हूँ और वो पच-पच की आवाज़ मुझे स्वर्ग का संगीत लग रह था और मुझे उसके चूसने के तरीके से लग रहा था कि वो इन सब कामों में अनुभवी है.

अब वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूस रही थी और कभी-कभी तो पूरा का पूरा अंदर ले लेती थी, अब मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लग रही थी. फिर मैंने बोला कि चूस मेरी रानी और चूस में आज से सिर्फ़ तेरा हूँ और ये लंड भी तेरा है, उसने लगभग 10 मिनट तक मेरे लंड को चूसा और अब में अपनी चरम सीमा पर पहुँच रहा था. फिर मैंने उससे बोला कि प्रियंका मेरा निकलने वाला है तो उसने बोला कि मुझे टेस्ट करना है और फिर वो और तेजी से मेरे लंड को चूसने लगी.

फिर में उसका सर पकड़कर आगे पीछे करने लगा और मेरा लावा उसके मुँह में निकल गया, जिसको वो बड़े मज़े लेकर पी गयी. फिर उसने लंड को चूस कर साफ कर दिया. अब उसकी चूत चाटने की मेरी बारी थी. फिर मैंने उसे नीचे लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को अपने कंधो पर रखकर उसकी जीन्स और चड्डी उतार दी, उसकी चूत बिल्कुल साफ थी और हल्की सी सांवली रंग की थी. फिर मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा तो वो कांप उठी. फिर में उसकी चूत पर उंगली से गुदगुदी करने लगा और उसने आवाज़े निकालनी शुरू कर दी और वो मेरा सर नीचे की तरफ दबाने लगी तो में समझ गया.

फिर मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया, वो तो बिल्कुल मधहोश होने लगी और उसकी आवाज़ तेज होने लगी थी. अब उसकी आवाज़ सुनकर में और उत्तेजित हो गया और मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा, में उसकी चूत को चाटता रहा और वो मेरे मुँह पर ही झड़ गयी. फिर में उसकी चूत का सारा रस पी गया और फिर से उसे चाटना शुरु कर दिया, इस बार मैंने उंगली भी अंदर डाल दी थी और उसे अपनी उंगली से भी चोद रहा था. अब उससे सहन नहीं हो रहा था तो वो कहने लगी कि जान अब और ना तड़पाओ, बस इस चूत की प्यास को अब मिटा दो, डाल दो अपना लंड मेरी चूत में, फाड़ दो इसे, मुझे ये बहुत परेशान करती है. फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसके दोनों चूतड़ों को फैला दिया. फिर उसने मेरा लंड पकड़ा और चूत के दरवाजे पर रखा और बोली कि फाड़ दे मेरी चूत मेरे राजा, फिर क्या था? मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया और उसके मुँह से एक चीख निकल गयी.

फिर मैंने तुरंत लंड बाहर निकाला और फिर से धक्का मारा, अब उसे बहुत दर्द हो रहा था और मुझे मज़ा आ रहा था, लेकिन वो मना नहीं कर रही थी और उसे भी इस तरह की चुदाई में मज़ा आ रहा था, जिसमें डर के साथ आनंद भी था. उसकी चूत बहुत ही गर्म थी और मुझे मेरे लंड पर एहसास हो रहा था. फिर मैंने अपने धक्को की स्पीड तेज कर दी और उसे और ज्यादा मज़ा आने लगा, अब वो गंदी-गंदी गालियाँ देने लगी थी और जो मुझे ना जाने क्यों मीठी लग रही थी? अब उसकी चूत से बहुत सारा पानी निकल रहा था और जिससे पूच-पूच की आवाज़ आ रही थी. फिर में नीचे लेट गया और उसे अपने ऊपर लेकर उसकी चूत में लंड डाल दिया.

फिर उसने मेरे सीने पर हाथ रखा और सीधा बैठकर अपनी गांड हिलानी शुरू कर दी. मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो जलेबी बना रही है और अब में उसकी चूचियों को दबा रहा था तो कभी उसके निप्पल को मसलता तो कभी उसके होंठो को चूसता, अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. वो अब झड़ने वाली थी तो में और तेज़ी से धक्का मारने लगा और वो झड़ गयी और मेरे ऊपर निढाल होकर लेट गयी, लेकिन अभी तक मेरा नहीं हुआ था.

फिर मैंने उसे नीचे लेटा दिया और उसके पैरों को अपने कंधो पर रखकर लंड चूत में पेल दिया. फिर लगभग 5 मिनट के बाद में झड़ने के करीब आ गया और अब वो भी दुबारा झड़ने वाली थी तो मैंने उससे पूछा कि डार्लिंग कहाँ निकालूँ तो उसने बोला कि अंदर ही निकल दो. फिर 20-25 झटको के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और बिस्तर पर थककर पड़ गये. फिर कुछ देर तक बातें करने के बाद हम फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गये और हमने दो बार और चुदाई का खेल खेला. फिर हम जाने के लिए नहाकर तैयार हो गये, तभी कोई गेट पर दस्तक देता है तो में डर गया कि कौन है? लेकिन फिर सोचा कि लगता है पांडे का दोंस्त है तो में आराम से गया और गेट खोला और गेट खोलते ही मेरी तो फट गयी.

फिर मैंने देखा कि होटल में पुलिस की फ़्लाइंग आ गई थी और मेरे रूम में दो पुलिस वाले थे, एक हवलदार था और दूसरा इनस्पेक्टर था. अब वो लोग मेरे कमरे में घुस गये और पूछताछ करने लगे तो मेरी और प्रियंका की हालत तो भीगी बिल्ली की तरह हो गयी थी. अब हम दोनों की डर से गांड फट रही थी और पसीना छूट रहा था और पुलिस वाले हमें जैल ले जा रहे था. अब में उनके सामने गिड़गिडाने लगा और उसने हम दोनों का फोन भी ले लिया था, जिससे में किसी को कॉल भी नहीं कर सकता था और वो पांडे का दोस्त मादरचोद पता नहीं कहाँ था? फिर मेरे काफ़ी गिड़गिडाने के बाद वो बोला कि में इस लड़की की चूत मारूँगा, तभी तुम जैल जाने से बच सकोगें नहीं तो ब्लू फिल्म बनाने के जुर्म मे अंदर डाल दूँगा. फिर मैंने प्रियंका की तरफ देखा तो वो डरी हुई थी. फिर उसने कुछ सोचा और वो तैयार हो गई.

फिर इनस्पेक्टर ने उसे बेड पर ले जाकर किस करना शुरू कर दिया था और में और हवलदार थोड़ी दूरी पर खड़े हुए ये सब देख रहे थे. तभी हवलदार इनस्पेक्टर के पास गया और उसके कान में कुछ फुसफुसाने लगा और कमीनों वाली मुस्कान लेकर मेरे पास आ गया और बोला कि तुम तो बिल्कुल कुछ हर्जाना दिए बगैर छूट जाओगे, ये तो इंसाफी नहीं होगी. फिर उसने मेरी गांड पकड़ ली और बोला कि मुझे लड़को की गांड मारने का बहुत शौक है, तेरी गांड तो बहुत फूली हुई और नरम दिख रही है. फिर में ये सुनकर बहुत ज्यादा डर गया कि अब तो मेरी गांड मारी जायेंगी तो में रोने लगा कि प्लीज मुझे छोड़ दो प्लीज, लेकिन वो मानने को तैयार ही नहीं थे और वो अपने कपड़े उतारकर खड़ा हो गया, उसका लंड बहुत बड़ा और मोटा था, मेरी तो गांड और फट गयी. उधर दूसरी तरफ प्रियंका मादरचोद मज़े ले लेकर चुदवा रही थी, उस रंडी को तो बहुत मज़ा आ रहा था, साली कुत्तिया मादरचोद मेरी हालत पर हंस रही थी और बोली कि सुमित करवा लो बहुत मज़ा आयेगा, अब लंड खाकर देखो कितना मज़ा आता है.

फिर उस हवलदार ने मेरी पेंट उतार दी और में रो रहा था, लेकिन वो मेरी सुन नहीं रहा था और फिर मेरी चड्डी भी उतार दी और बोला कि चुपचाप से गांड मारने दो नहीं तो पूरे डंडे को तेरी गांड में डाल दूंगा. फिर मैंने सोचा कि अब में नहीं बचूँगा तो में बोला कि दो मिनट रूको फिर करना. फिर मैंने अपने आँसू पोंछे.

फिर थोड़ा पानी पिया और थोड़ा ठीक हुआ, अपने आपको संभाला और अपने आपको मानसिक रूप से चुदने के लिए तैयार किया. अब दूसरी तरफ प्रियंका घोड़ी बनकर चुद रही थी और मादरचोद हवलदार अपने लंड पर तेल लगाकर तैयार खड़ा था. फिर हवलदार ने मुझे घोड़ा बनाया और मेरी गांड के छेद पर तेल लगाया और फिर मेरी गांड के छेद पर अपना लंड रख दिया, मेरी तो फट रही थी. फिर मैंने अपनी आँखे बंद कर ली और दाँत दबा लिए. फिर उस मादरचोद ने एक ज़ोरदार धक्का मारा और उसका आधा लंड मेरी गांड में अंदर चला गया और मेरा कलेजा मुँह में आ गया और मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था.

फिर में चिल्लाने लगा और रोने लगा, मुझे बहुत दर्द हो रहा था और मुझे लग रहा था कि मेरी गांड से खून निकल जायेगा, लेकिन उस हैवान ने मुझे छोड़ा नहीं. फिर दूसरा धक्का मारा तो मुझे और ज्यादा दर्द हुआ और उसका पूरा लंड मेरी गांड में चला गया था. अब मुझसे दर्द सहन नहीं हो रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था कि में बेहोश हो जाऊंगा. फिर मैंने उससे बोला कि थोड़ा रूको, खैर वो मान गया और रुक गया. फिर जब मेरा दर्द कम हुआ तो वो फिर से चालू हो गया और धक्का मारने लगा. फिर कुछ देर के बाद मेरा दर्द कम हो गया और मुझे थोड़ा-थोड़ा मज़ा भी आने लगा था. फिर मैंने रोना बंद कर दिया था, प्रियंका मादरचोद मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी और तभी इनस्पेक्टर झड़ गया था, लेकिन मेरा वाला हरामी अभी तक लगा हुआ था. फिर कुछ देर के बाद वो भी मेरी गांड में झड़ गया, अब मुझे दर्द हो रहा था.

फिर पुलिस वालों ने अपने कपड़े पहने और चुपचाप मुस्कुराते हुए जाने लगे और मुझसे बोला कि कभी किसी का मजाक मत करना और वो कमरे से बाहर चले गये. अब मुझे कुछ समझ नहीं आया कि उसने ऐसा क्यों बोला? ख़ैर जाने दो में तो दर्द से तड़प रहा था और मेरा दिमाग़ काम नहीं कर रहा था. फिर मैंने भी अपने कपड़े पहने और बेड पर लेट गया, अब प्रियंका मेरे पास आई और बैठ गयी, लेकिन वो कुछ नहीं बोली. फिर मैंने थोड़ा आराम किया, अब शाम हो गयी थी और मुझे वापस होस्टल भी जाना था.

फिर हम लोगों ने होटल छोड़ दिया और पांडे का दोस्त रिसेप्शन पर नहीं था तो में दूसरे लड़के को चाबी देकर वहाँ से चला गया और प्रियंका अपने होस्टल चली गयी और मैंने कुछ खाया और फिर बस स्टेंड चला गया. फिर थोड़ी देर के बाद बस आई और में उस पर चढ़ गया और रास्ते में यही सब सोच रहा था, मुझे चलने में तकलीफ़ भी हो रही थी. फिर मैंने तय किया कि में इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताऊंग. रास्ता काफ़ी लंबा था तो में सो गया, लेकिन वो मादरचोद हवलदार मुझे मेरे सपने में भी आकर चोद रहा था और मेरी आँख खुल गयी.

फिर मैंने देखा कि रात हो गयी थी और बस इलाहबाद पहुँचने वाली थी. फिर मैंने बस स्टैंड से ऑटो किया और होस्टल पहुँच गया और रूम खुलवाया. फिर पांडे ने दरवाज़ा खोला और जैसे ही में अंदर घुसा तो फिर से मेरा कलेजा मुँह में आ गया था और मैंने देखा कि वही दो पुलिस वाले रूम में बैठे है, लेकिन वो वर्दी में नहीं थे. फिर मैंने पूछा कि तुम लोग यहाँ कैसे पहुंचे? तभी पांडे ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगा और उसने बताया कि ये लोग मेरे वाराणसी के दोस्त है और तुम्हारे साथ आज जो भी हुआ है वो सब मुझे पता है और मैंने ही ये सब प्लान किया था, क्योंकि तुमने मेरा बहुत मज़ाक बनाया था और मुझे बेइज़्ज़त किया है, मेरी खिल्ली उड़ाई है और मैंने इन सबका बदला लिया है. में चुपचाप खड़ा था और मुझे गुस्सा आ रहा था और बाकी सब मुझ पर हंस रहे थे और में अब जाकर समझा था कि पुलिस वाले ने जाते वक़्त ऐसा क्यों बोला था?

 

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