मुख्य पृष्ठ » ग्रुप सेक्स स्टोरीज » दो परिवारों का मिलन


दो परिवारों का मिलन

Posted on:- 2024-12-08


हैल्लो फ्रेंड्स, में अपनी छोटी बहन सिमरन (उम्र 23 साल) को रोज चोदने लगा था और माँ उषा (उम्र 48 साल) को भी चोदता था, लेकिन थोड़ा कम, क्योंकि वो ज़्यादातर अपने ऑफिस के बॉस से चुदवा कर ही वापस आती थी वहाँ उन्हें प्रमोशन और मुझसे बड़ा 9 इंच का लंड जो मिलता था. मैंने नेट पर एक नया दोस्त बनाया, उसका नाम विशाल था और उसकी उम्र 21 साल थी, जो अपनी बहन गीता (उम्र 25 साल) और माँ संगीता (उम्र 45 साल) को अपने बाप (उम्र 46 साल) के साथ चोदता था .

फिर हमने फोन पर बातें की और फिर बाद में गीता ने सिमरन से और मेरी माँ ने उसकी माँ से भी चुदाई की बातें की, तभी उसके बाप ने मेरी माँ से फ़ोन पर कहा बहन जी, आप तो हमारी फेमिली के बारे में जान ही चुकी हैं और हमें भी राज ने सिमरन और आपके बारे में बता दिया है, तो क्यों ना हम एक दिन मिल कर दोनों परिवार खुशियाँ मनायें, खूब जमेगा रंग जब मिल बैठेंगे 2 परिवारों के 3 लंड और 4 चूत.

माँ : भाई साहब मुझे कुछ सोचने का समय दीजिये.

विशाल के पापा : जितना मर्ज़ी समय लीजिये, लेकिन भाई साहब ना कहिये, मेरा तो जानेमन तुम्हारी आवाज़ सुनकर ही खड़ा हो गया है. विशाल, राज, सिमरन सब आपस में बात कर चुके हैं मेरी बीवी संगीता, तो कब से अपने नये बेटे राज से चुदवाने को मचल रही है. आप भी तो अपने बेटे राज को अपना पति मान चुकी हैं और मैंने सुना है सिमरन तो आजकल आपको घर में भाभी कहकर बुलाती है.

माँ : ह्म्‍म्म्म…यह बात है तो आपके लंड महाराज की तो सेवा करनी ही पड़ेगी, ठीक है, जैसी आप सबकी मर्ज़ी, में राज से बात करके फाइनल तारीख तय करके आपको बताती हूँ.

विशाल के पापा : अपनी बेटी को मेरे लंड का सलाम देना, थैंक्स जानेमन.

माँ : बाय डियर.

यह कहकर माँ ने फ़ोन रख दिया. माँ ने जब सारी बात मुझे और सिमरन को बताई, तो हम खुशी के मारे उछल पड़े और हम दोनों भाई-बहन ने माँ का मुँह चूम लिया. फिर सिमरन ने जींस के ऊपर से ही मेरे आधे खड़े लंड को सहलाना शुरू कर दिया और फिर शुरू हो गया चुदाई का एक नया दौर. फिर मैंने सिमरन की चूत मारी और उसने माँ की चूत को चाट कर शांत किया और चुदाई के बाद माँ बोली कि अगले शनिवार का दिन ठीक रहेगा, वो शाम को आकर हमारे साथ ही रात गुज़ार लेंगे और फाइनल प्रोग्राम बना कर मैंने विशाल को फ़ोन कर दिया कि शनिवार शाम को 8 बजे तक हमारे घर पहुँच जाना.

फिर हमने नंगे बैठ कर ही फाइनल प्रोग्राम बनाया और फिर प्रोग्राम के अनुसार वो लोग शनिवार को ठीक टाइम से 15 मिनट पहले ही पहुँच गये और वो साथ में 2 वाईन की बोतल और खाना पैक करवा कर लाये थे, जैसे ही डोर बेल बजी सिमरन ने भाग के गेट खोला और विशाल को देखते ही उसने उसे हग किया और लिप किस किया. विशाल के पापा जिनका नाम अमित था, उन्होंने सिमरन को गोद में उठा लिया और पीछे से उसकी गांड को मसलते हुए अंदर ले आये.

अंदर आते ही मैंने सबकी आपस में पहचान करवाई, जैसे ही मैंने दोनों माँ को आपस में मिलवाया तो वो आपस में लिप किस करके गले मिली और कहा कि मुबारक हो आपको यह नये लंडो की मस्ती और ये बोल कर दोनों हंसने लगी. फिर सिमरन और गीता ने भी किस किया, फिर सिमरन ने गीता का हाथ पकड़कर मेरी पेंट की चैन पर रख दिया और बोली यह लो गीता आपका वेलकम गिफ्ट, गीता बोली माल तो बड़ा ही ज़बरदस्त लग रहा है. उधर विशाल के पापा माँ के बूब्स दबा रहे थे, विशाल पीछे से माँ की पीठ पर किस कर रहा था.

फिर विशाल की माँ संगीता बोली अरे रुको पहले डिनर तो कर लो, पूरी रात अपनी है, जमकर मस्ती करना. फिर मेरी माँ भी बोली हाँ यही ठीक रहेगा. फिर माँ, संगीता आंटी, सिमरन और गीता सभी किचन में चले गये. हमने ड्रॉइग रूम की टीवी पर एक ब्लू फिल्म लगा ली, उसमें 2 कपल की चुदाई का सीन चल रहा था. फिर विशाल बोला कि यार राज हम तो बाप बेटा आपस में खुले हुए हैं तुझे कोई प्रोब्लम तो नहीं है ना? नहीं यार विशाल में भी अपनी माँ की चूत तक लंड चूस कर ही पहुंचा हूँ.

विशाल : वो कैसे?

में : मेरी माँ के बॉस माँ को खूब चोदते थे. जब कहीं जगह नहीं मिलती थी तो घर में ही माँ की बैंड बजाने लगे. जब मुझे पता चला तो वो बोले तू भी कर ले, ये माँ की मज़बूरी थी या वासना पता नहीं पर वो दो चार बार नाटक करके मान गयी.

फिर बॉस ने एक शर्त रखी कि मुझे उनका लंड चूस कर अपनी माँ की चूत में डालना पड़ेगा. पहले तो अजीब लगा. फिर कुछ दिन के बाद मुझे लंड चूसने में मज़ा आने लगा. माँ की चूत से बॉस की मलाई खाने में तो जन्नत का मज़ा आता है.

विशाल : वाऊऊउ.

यह कह कर विशाल और उसके पापा ने अपने पजामे निकाल दिए. दोनों ने ही अन्दर अंडरवेयर नहीं पहना था. फिर मैंने भी अपने कपड़े और अंडरवेयर निकाल दिया, तो ब्लू फिल्म में एक लड़का एक लड़की को चोद रहा था और दूसरा लड़का पहले लड़के को अपना लंड चुसवा रहा था और चुदने वाली लड़की दूसरी लड़की की गांड चाट रही थी. यह देख कर हमारे तीनों के लंड तन गये, मेरा और विशाल का लगभग एक ही साईज़ का था, लेकिन उसका ज़्यादा काला था और विशाल के पापा का हम दोनों से लम्बा और मोटा था. लगभग 9 इंच का तो होगा. फिर हम तीनों एक दूसरे के लंडो को देख ही रहे थे कि तभी सारी लेडीस अंदर आ गयी.

संगीता : आज, तो तुम सब सब्र कर लो इन कामों से, इतनी मस्त रंडियों के होते हुए.

विशाल : माँ अब आप तो जानती ही है कि पापा की रबड़ी कितनी टेस्टी है.

गीता : वो तो है.

में : डाइनिंग टेबल पर डिनर और ड्रिंक्स तैयार था, लेकिन हम सब आज नंगे हो कर डिनर करेंगे.

गीता : ग्रेट आइडिया.

सबने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए, माँ और सिमरन की ब्रा अमित अंकल ने खोली और मैंने संगीता आंटी की पेंटी उतारी और उनकी शेव चूत पर किस किया. जब सब नंगे हो गये, तो सिमरन ने ड्रिंक्स सर्व करना शुरू किया और जल्दी ही सबने 2-2 पैक वोडका के गटक लिए, अब सब मस्ती मे आ चुके थे.

सिमरन : माँ देखो, अमित अंकल का कितना सुंदर और तगड़ा है.

माँ : हाँ बेटी, मुझे पता है तेरी चूत इसे लेने के लिए पानी छोड़ रही है.

माँ ने एक उंगली सिमरन की चूत में डाली और सबको उसका पानी दिखाया, सिमरन माँ की राईट साईड में बैठी थी और अमित अंकल लेफ्ट में बैठे थे. उन्होंने माँ की उंगली को चूसना शुरू कर दिया और अपनी एक उंगली माँ की चूत में डाल दी.

अमित अंकल : सिमरन की चूत का टेस्ट तो राज सच में लाजवाब है, लेकिन तुम्हारी माँ की चूत भी बहुत गर्म महसूस हो रही है.

डाइनिंग टेबल की दूसरी तरफ मेरे और विशाल के बीच में संगीता आंटी बैठी हुई थी. मैंने और विशाल ने उनका एक एक बूब्स हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया. संगीता ने विशाल का और मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और सिमरन और अमित अंकल ने 1-1 पैक सबके लिए और बनाया. फिर हमने वो पिया और डिनर स्टार्ट किया.

फिर डिनर करने के बाद हम बेडरूम में जाने लगे, तो माँ बोली कि क्यों ना यहीं फ्लोर पर गद्दे लगा कर सारे एक साथ सेक्स करें. तो अमित अंकल बोले गुड आइडिया, फिर मैंने और विशाल ने जब तक गद्दों की सेंटिंग की. तब तक अमित अंकल ने माँ की ऑयल मसाज करनी शुरू कर दी. सिमरन अंकल का लंड चाट रही थी, संगीता आंटी सिमरन की गांड चाटते हुए अपनी चूत में उंगली कर रही थी.

में : किसी को कंडोम की ज़रूरत तो नहीं है.

गीता : हमारी फेमिली में तो सबको बिना कंडोम के ही पसंद है.

माँ : में और गीता भी सेक्स करने के बाद आई-पिल लेते है तो बिना किसी चिंता के खुलकर मज़े लो बेटा.

माँ का गोरा बदन ऑयल की मसाज के बाद चमक रहा था.

विशाल : वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहा था और बोल रहा था कि किसी को कोई प्रोब्लम तो नहीं है ना.

माँ : नहीं, बेटा बिल्कुल नहीं ये, तो मीठी यादें स्टोर करने का एक तरीका है. मुझ पर फोकस ज़रूर करना जब में तुम्हारे पापा का लंड चूसने लगूं.

अमित अंकल : अब सब बातें ही करते रहोगे या फिर पहला राउंड शुरू किया जाये.

सब नंगे, तो पहले से ही थे. फिर बारी बारी माँ ने और सिमरन ने अमित अंकल का लंड चूसना शुरू कर दिया. अमित अंकल ने माँ के बाल पकड़कर खींचे और बोले कि साली कुतिया तू मेरी रांड है. चूस मेरा लंड में आज तुझे माल पिलाऊंगा.

सिमरन बोली जानू मुझे भी अपनी रांड बना लो, तो अमित अंकल ने माँ के मुँह से लंड निकालकर सिमरन के मुँह में डाल दिया, वो गप गप करके उसे चूसने लगी और माँ उनके लंड के अंडे सहलाने लगी. ऊधर गीता आंटी मेरा और विशाल का लंड चूस रही थी, वो एक का लंड मुँह में लेती तो दूसरे का लंड अपने हाथ से हिलाती, उनके मुँह से लार टपक रही थी और दूसरे हाथ से वो मेरी गांड में एक उंगली डालने की कोशिश कर रही थी.

संगीता आंटी : मेरा कौनसा बेटा आज पहले अपनी माँ की चूत का उद्घाटन करेगा.

विशाल : माँ ये हक़ तो मम्मी आज राज को ही मिलना चाहिए.

संगीता : तुझे अपना वादा याद है ना विशाल?

में : कैसा वादा?

संगीता : विशाल ने जब तुम से मरवाने की बात की थी तो तुमने वादा किया था कि वो खुद तुम्हारा लंड पकड़कर चूसकर मेरी चूत में डालेगा.

में : वाउ, विशाल आ जा जल्दी से.

फिर विशाल ने मेरा लंड मुँह में लिया और संगीता ने जब तक अपनी टाँगें फैला दी. फिर विशाल ने उसकी चूत पर थूक दिया और फिर अपनी जीभ फेरने लगा, संगीता की फूली हुई चूत पूरी लाल हो चुकी थी. फिर विशाल ने मेरा लंड चूत पर लगाया और बोला बेस्ट ऑफ लक भाई, फिर मैंने संगीता की आँखों में वासना कैद की और देखा, जैसे उसकी आँखे कह रही हो कि जल्दी डाल मेरे कसम और मुस्कुराते हुए एक ही धक्के में मैंने 3 इंच लंड चूत में डाल दिया. ऊधर अमित अंकल सिमरन की चूत चोद रहे थे.

उनके लंड की बड़ी साईज़ की वज़ह से सिमरन की आँखों में आसूं आ गये थे और माँ सिमरन के मुँह पर अपनी चूत देवी को रखे हुये थी. मैंने संगीता की चूत में धक्कों का तूफान मचा दिया और फिर संगीता ने विशाल को अपनी गांड में लंड डालने को कहा, फिर हमने पोज़िशन थोड़ी चेंज की ताकि वो लंड गांड में डाल सके.

संगीता : घर पर भी जब मेरे पति मेरी चूत मारते है तो विशाल को गांड में ही जगह मिलती है, क्योंकि उनका लंड तो मेरी गांड में लेना मेरे बस की बात नहीं है. लेकिन गीता एक दो बार हिम्मत करके ले चुकी है और गीता सोफे पर बैठकर अपनी चूत में उँगलियों को अंदर बाहर कर रही थी और वीडियो रिकॉर्डिंग करते करते गीता भी अब तक पूरी गर्म हो चुकी थी. सिमरन अब तक दो बार झड़ चुकी थी. फिर अमित अंकल ने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और माँ को चाटने के लिए दिया.

माँ : आपने मेरी बेटी का सही तरह से पूरा रस निकाला है अब अपनी इस रांड पर भी थोड़ा ध्यान दीजिये. यह कहकर माँ डॉगी पोज़िशन में आ गयी और फिर सिमरन ने अंकल की तरफ एक आँख मारी और अंकल का लंड माँ की गांड पर लगा दिया. फिर अंकल ने भी जल्दी से माँ के चूतड़ पकड़कर लंड अंदर धकेल दिया.

माँ : साली कुतिया बता तो देती कि शेख साहब को इस बार दुबई से आने दे, तेरी गांड का मुरब्बा ना बनवाया, तो में भी तेरी माँ नहीं.

अमित अंकल : जानेमन, हम क्या शेख साहब से कम है, देखती जाओ हमारे इस लंड महाराज का कमाल.

माँ : अब धक्के लगाओ तब देखती हूँ.

अंकल ने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी माँ तो पहले ही अनुभवी थी, इसलिए ज़्यादा दर्द नहीं हुआ, वो अब खूब इन्जॉय कर रही थी और खुद लंड को पूरा गांड में लेने के लिए अपनी गांड को आगे पीछे कर रही थी. फिर सिमरन अंकल की गांड को चाटने लगी. अब गीता से बर्दाश्त नहीं हो रहा था और अंकल ने माँ को चोदते हुए गीता के बूब्स दबाने और चूसने शुरू कर दिए.

अब सिमरन ने अपनी उँगलियों से गीता की चूत मारनी शुरू कर दी. मुझे और विशाल को संगीता को चोदते हुए 10 मिनट से ज़्यादा हो चुके थे तो में झड़ने वाला था. शायद विशाल भी झड़ने वाला था. मैंने पूछा जान कहाँ निकालूं तो संगीता बोली मेरे दोनों बेटों जहाँ लंड है वहीं निकालो.

फिर हम दोनों ने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और एक साथ संगीता की चूत और गांड में झड़ गये. गीता ने कैमरा हम पर ही फोकस किया हुआ था. जैसे ही 2 मिनट के बाद हमारा लंड सिकुड़कर बाहर निकला तो उसकी चूत और गांड में से वीर्य बाहर टपकने लगा. गीता ने कैमरा विशाल को दिया और एक परफेक्ट कुत्तिया की तरह चाटकर अपनी माँ की चूत और गांड से रसमलाई निकाल कर खाने लगी.

उसकी मस्त गांड मुझे बुला रही थी उसके गुलाबी होल को देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा. ऊधर अंकल भी सिमरन के मुँह में अपना माल झाड़ रहे थे और सिमरन ने सारा माल मुँह में ले लिया और फिर माँ से उसे शेयर करने लगी. उस रात हम सभी ने गांड और चूत की सेवा की और कब किसने किसकी सेवा की ये तो अब हमें भी याद नहीं रहा और सुबह के चार बजे हम वहीं सारे नंगे ही सो गये और हमने उस रात खूब मजा किया.

What did you think of this story??






अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें


हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !


* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।