मित्रों कैसे है आप सब आशा है अच्छे होंगे और चुदाई के जुगाड़ में होंगे .. में सकील एक बार फिर से आप सभी के सामने अपनी एक और सच्ची घटना लेकर आया हूँ. मेरी उम्र 24 साल है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. में नयी मुंबई में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ और में वहां पर मैंनेजर हूँ. दोस्तों मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है . अब में चुदाई का काम एकदम ठीक तरह से सीख चुका हूँ. मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.
ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना लड खड़ा ही हो जायेगा दोस्तों एक बार मेरी कोई जरूरी मीटिंग थी और मीटिंग सुबह 10 बजे की थी तो मैंने उस मीटिंग को पूरा किया और 11:30 तक फ्री हुआ. फिर मैंने सोचा कि में गुजरात एक्सप्रेस पकड़ लेता हूँ. तभी मेरी किस्मत से वो ट्रेन लेट हुई और में उसका इंतजार करता रहा और लेट होने के कारण ट्रेन में बहुत भीड़ थी.. लेकिन मेरा टिकट लोकल था.. इसलिए में बहुत मुश्किल से एक लोकल डिब्बे में जाकर खड़ा हो गया. वहाँ पर कुल 4 औरतें बैठी हुई थी. 3 औरतें और एक बूड़ा, एक साईड पर 1 लड़की और 4 लड़के दूसरी साईड में थे जहाँ पर 3 औरते बैठी हुई थी.. वहाँ एक भाभी बहुत ही मस्त जानदार, एक नंबर वाला फिगर था उसका. क्या बताऊ दोस्तों उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये दोस्तों क्या मलाई वाला माल लग रहा था.
चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए उसको देखकर मुझे बहुत मज़ा आया. उसने साड़ी पहनी हुई थी और उसका ब्लाउज बहुत गहरे गले का था.. जिसमें से उसकी पूरी गली साफ साफ दिखाई दे रही थी.. लेकिन में तो मज़े ले रहा था और में लगातार उसे ही देख रहा था और उसकी गली के दर्शन कर रहा था. फिर उसने कई बार मुझे देखा कि में उसके बूब्स को देख रहा हूँ.. लेकिन वो कुछ नहीं बोली और ना ही अपनी साड़ी का पल्लू सीधा किया. अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.
वहा का माहौल बहुत अच्छा था मित्रों तो दोस्तों मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया और स्टेशन निकल जाने के बाद वहाँ पर एक बूड़ा बैठा हुआ था और उसके पास एक बच्चा भी था और उस बच्चे का सर उस बूड़े की गोद में था और बच्चे का पैर भाभी की गोद में था. फिर में उस बूड़े की जगह पर बैठ गया. उसका बच्चा मेरे पास था और उसका पैर भाभी के पास था. में बच्चे के पैर पर हाथ लगा रहा था तो मेरे हाथ भाभी के बूब्स को छू रहे थे और में तो बहुत मज़े ले रहा था. तभी उसने मुझे एक शरारती स्माईल दी.. मेरी तो हिम्मत बड़ गयी और मैंने बिल्कुल बिंदास होकर उसके बूब्स को बार दबा दिया और वो कुछ भी नहीं बोली और ना ही उसने मेरा कोई विरोध किया. वहा जबरजस्त माल भी थी मित्रों.
ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मित्रों मैंने उनसे पूछा कि आप कहाँ उतरोगे? तो वो बोली कि मुझे मजबूरी में बोरीवली उतरना पड़ेगा.. क्योंकि यह ट्रेन विरार नहीं रुकती है ना.. तो मैंने कहा कि हाँ वो तो है और फिर मैंने उनसे पूछा कि आपको वैसे जाना कहाँ है? तो वो बोली कि मुझे विरार जाना है.. लेकिन मुझे पता नहीं है.. क्योंकि में पहली बार अपने भाई के घर जा रही हूँ और में अहमदाबाद रहती हूँ और वो बोली कि में तो उतरकर उसे कॉल करके कुछ इंतज़ाम करती हूँ. उह क्या मॉल था मित्रों गजब.
मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मित्रों में : आप बिल्कुल भी टेन्शन मत लो.. में मुंबई में रहता हूँ और आपको वहां तक पहुंचा दूँगा. वहाँ से कैसे जाना है.. वो भी में आपको बता दूंगा. कुछ भी हो माल एक जबरजस्त था.
उसको देखकर किसी का मन बिगड़ जाये फिर उसने तुरंत अपने भाई को कॉल करके कहा कि मुझे यहाँ से एक फ्रेंड मिली है तो वो मुझे थाने तक छोड़ देगी.. में बहुत खुश हो गया और फिर बोरीवली आने ही वाला था और में उसके पीछे खड़ा हो गया और अपना हाथ उसकी गांड पर रखकर मसलने लगा तो वो एकदम से पीछे मुड़ी और मुझे एक प्यारी सी स्माईल दी. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है.
ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है फिर मैंने उसके कान में पूछा कि कोई प्राब्लम तो नहीं है ना? तो उसकी और से एक और स्माईल आई और उसने अपना हाथ पीछे किया और मेरे लंड को सहलाने लगी और में भी अपना हाथ उसकी चूत के पास ले गया.. तो वो मुझे एकदम धीमी आवाज़ में बोली कि सब कुछ क्या यहीं कर लोगे? इतने में स्टेशन आ गया और हम उतर गये और फिर मैंने उसे लोज में जाने के लिए मना लिया और हम कल्याण पहुंचकर एक लोज में गये और हम जैसे ही अंदर घुसे तो मैंने उसे बहुत ही ज़बरदस्त स्मूच किया और उसके बूब्स दबाने लगा और वो मोन करने लगी.. मुऊुअहह आआहह उहह और ज़ोर से प्लीज इन्हे चूसो प्लीज. फिर मैंने उसका ब्लाउज उतारा.. उसने सफेद कलर की ब्रा पहन रखी थी और में उसके बूब्स को बहुत ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और उसका एक हाथ मेरे लंड पर सहला रहा था. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.
फिर में बहुत जोश में आ गया और मैंने उसकी साड़ी को उतार दिया.. उसने हरे कलर का पेटीकोट और काले कलर की पेंटी पहनी हुई थी. फिर मैंने वो भी उतार दिया.. उसे तो मानो मैंने फाड़ दिया और वो मेरे शरीर पर जानवरो जैसे नोच रही थी तो कुछ देर बाद उसने मेरी पेंट और अंडरवियर उतारी और घुटनों के बल नीचे बैठकर मेरे लंड को मुहं में लेने लगी.
उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मित्रों में तो मानो सातवें आसमान पर था.. उसने मेरा लंड चूसकर मुझे ऐसा अहसास दिया कि मैंने अपनी लाईफ में कई लड़कियों से अपना लंड कई बार चुसाया है.. लेकिन इस तरह किसी ने भी मेरा लंड नहीं चूसा.. जिस तरह छोटे बच्चे लोलीपोप चूसते है. वो वैसे ही मेरे लंड को चूस रही थी.. यहाँ तक जो मेरे लंड से पानी बाहर आ रहा था.. वो भी चाट रही थी. वो मुझसे बोली कि अब रहा नहीं जा रहा है.. प्लीज मुझे चोदो. फिर मैंने उसे बेड पर लेटाया.. मेरा लंड वैसे कोई बड़ा नहीं है नॉर्मल इंडियन जैसा है.. 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है और मैंने उसकी चूत के छेद पर अपने लंड को रखा और ज़ोरदार झटका मारा. उसकी बूब्स देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी.
उसके मुहं से आवाज़ निकली.. आह्ह्हहह मर गयी.. प्लीज बाहर निकालो अह्ह्ह अईईईइ माँ में मरी.. प्लीज निकालो इसे मेरी चूत से.. लेकिन मैंने उसकी एक बात नहीं सुनी और झटके पे झटके मारता रहा और लगभग 10 मिनट लगातार धक्के देने के बाद उसकी चूत का पानी निकल गया और वो एकदम ठंडी पड़ गयी.. लेकिन मेरा तो अभी सिर्फ़ आधा ही काम हुआ था तो में उसे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता गया और उसके बूब्स दबाता गया और जैसे ही मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने लंड को चूत से बाहर निकालकर पूरा वीर्य उसके बूब्स पर और उसके पेट पर डाल दिया. मित्रों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु.
उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मित्रों फिर में थोड़ी देर थककर लेट गया और सोचा कि में एक सिगरेट जला लूँ. फिर में सिगरेट पीने लगा और वो मुझसे सटकर मस्ती कर रही थी. हम दोनों पूरे नंगे बैठ हुए थे तो वो बोली कि चलो हम साथ में नहाते है और सिगरेट ख़त्म करके हम लोग बाथरूम नहाने चले गये. फिर पहले उसने मेरे बदन पर साबुन लगाया और मेरा लंड फिर से तनकर खड़ा हो गया और में उसकी गांड पर हाथ लगाकर बोला कि चलो ना प्लीज एक और बार मजा हो जाए तो वो बोली कि ठीक है.. लेकिन पीछे नहीं आगे सब कुछ चलेगा. अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मित्रों.
मित्रों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज मुझे सिर्फ एक बार पीछे करने दो ना.. तो वो बोली कि बाथरूम में नहीं और हम दोनों ने बाहर आकर टावल से अपने शरीर को साफ किया और में सीधा बेड पर गया.. वहां पर पास में तेल का पाउच पड़ा हुआ था. मैंने थोड़ा अपने लंड पर और थोड़ा उसकी गांड पर लगा लिया और लंड को अपनी जगह पर रखकर एक झटका मारा तो वो दर्द के मारे बहुत ज़ोर से चिल्लाई और बोलने लगी कि भगवान के वास्ते मुझे छोड़ दो.. ऐसा लग रहा है किसी ने मेरी गांड में लोहे का गर्म गर्म सरिया डाल दिया है.. प्लीज अब बस करो और में मर गई करती रही. उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मित्रों जैसे उसके चुत में माखन भरा हो.
उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मित्रों फिर मैंने कुछ देर बाद लंड को बाहर निकालकर उसकी चूत में डाला.. वो एकदम शांत हो गयी और में उसे ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदता रहा और अब मेरा वीर्य निकलने वाला था. फिर मैंने उससे पूछा कि में क्या करूं? तो वो बोलती है कि अंदर ही डाल दो.. में घर पर जाकर एक गर्भनिरोधक गोली खा लूंगी. फिर मैंने अपना गरम गरम लावा उसकी चूत में डाल दिया और थोड़ी ही देर के बाद हम वहाँ से निकले और में उसे उसके घर के कुछ दूर तक छोड़कर अपने घर चला गया. मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू तब तक ठीक नहीं होता एक बात और मित्रों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है.