नमस्कार साथियों, मैं पिछले कुछ वर्षों से उत्तेजक कहानियाँ पढ़ रहा हूँ। मुझे अब तक ऐसी अनगिनत उत्तेजक कहानियों को पढ़ने में खुशी हुई है और जब मैंने आपसे संपर्क करने के लिए अपनी कहानी बनाने पर विचार किया और आज मैं आप सभी को अपनी एक वास्तविक सेक्स अंतर्दृष्टि बताऊंगा और उससे पहले मुझे बता दें कि मेरा नाम आशीष है और मैं 23 साल का हूं उम्र का हूँ और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और अभी अपनी कहानी पर ध्यान देता हूँ।
दोस्तों यह बात उन दिनों की है जब में स्कूल में पढ़ता था और तब मेरी 18 साल थी तब तक मैंने किसी के साथ सेक्स के मज़े नहीं लिए थे, लेकिन तब मेरे मन में सेक्स करने की बहुत इच्छा होती थी और में उसके लिए कोई अच्छे समय के साथ साथ किसी मेरे साथ सेक्स करने वाली का जुगाड़ करने में लगा हुआ था.
दोस्तों मेरी एक चाची थी जो कि उस समय करीब 35 साल की थी आर उनके तब दो बच्चे भी थे, लेकिन वो अपने चेहरे और उस सेक्स बदन से बिल्कुल भी नहीं लगती थी कि वो दो बच्चो की माँ है, क्योंकि वो दिखने में बड़ी हॉट सेक्सी बहुत ही आकर्षक लगती और उनको देखकर हमेशा मेरी नियत खराब होने लगती थी, क्योंकि वो दिखने में कुछ ऐसी थी कि मेरा क्या उनको देखकर किसी भी बूढ़े का भी लंड तनकर खड़ा हो जाए. उनके बूब्स बड़े ही मस्त थे वो हमेशा उभरे हुए नजर आते थे और उनका आकार बड़ा ही मस्त और वो एकदम गोलमटोल थे और मेरी चाची ऊपर से लेकर नीचे तक बहुत ही सेक्सी नजर आती थी.
दोस्तों वो हमेशा मुझसे बहुत खुश होकर हंस हंसकर बातें हंसी मजाक किया करती थी और में भी उनके मेरे प्रति उस हंसमुख व्यहवार से हमेशा बहुत खुश रहता था, उनके बूब्स बहुत ही सुंदर आकर्षक थे वो थोड़े से आकार में छोटे जरुर थे, लेकिन वो बड़े ही तने हुए थे और निप्पल खड़ी हुई थी वो चेहरे के साथ साथ अपने पूरे उस सेक्सी बदन से भी बड़ी आकर्षक लगती थी इसलिए मेरा झुकाव उनकी तरफ कुछ ज्यादा था.
उनके गोरे गोरे भरे हुए पैरों पर थोड़े से बाल थे, लेकिन वो बहुत ही सेक्सी लगते थे एकदम गोरे चिकने थे एक दिन में उसके घर पर गया हुआ था तब उन्होंने मुझे देखा और मुस्कुराने लगी वो मुझे देखकर बहुत खुश हुई और कुछ देर बाद उन्होंने मुझे भी आराम करने के लिए कहा और अब में मेरी चाची और उनके बच्चे हम सभी एक साथ ही बेड पर लेटकर आराम करने लगे.
हम सभी उस समय उनके बेडरूम में थे और मैंने देखा कि कुछ देर बाद वो अपने बच्चो के साथ गहरी नींद में सो चुकी थी और में भी सो चुका था, लेकिन तभी अचानक से कुछ देर बाद मेरी नींद किसी वजह से खुल गई. फिर मैंने देखा कि उस समय उनकी साड़ी दोनों पैर ऊपर होने की वजह से थोड़ी सी ऊपर उठ गयी है और मुझे उनके गोरे, गोरे चिकने चिकने पैर दिखाए देने लगे थे, इसलिए में बहुत देर तक उन्हे ऐसे ही घूरता हुए देख रहा था और जब मुझसे नहीं रहा गया, तब में थोड़ी सी हिम्मत करके उनके करीब चला गया और अब में भी उस बेड पर बैठ गया और में धीरे धीरे उनके चिकने पैरों पर हाथ फेरने लगा था.
ऐसा करके मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, फिर भी उसकी तरफ से किसी भी तरह का कोई विकास नहीं हो रहा था, इसलिए मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा विकसित होने लगी, इस आधार पर कि वह शायद तब आराम कर रही थी और इसका फायदा उठाकर मैंने शांति से उसकी साड़ी उठाई। उसके मिड्रिफ पर निर्भर और बाद में अप्रत्याशित रूप से मुझे एक बड़ा झटका लगा। क्योंकि मैंने तब देखा कि उन्होंने अपनी साड़ी के नीचे पेंटी नहीं पहनी थी और इसलिए मुझे अब उनकी वो उभरी हुई चूत बिल्कुल साफ नज़र आ रही थी और उनकी उस चूत पर थोड़े हल्के से बाल भी थे और उनकी चूत दोनों पैर ऊपर होने की वजह से मुझे उनकी चूत की गुलाबी पंखुडियां और उसके एकदम बीच में वो दाना भी साफ नजर आ रहा था और इसलिए में बहुत देर तक अपनी चकित आखों से उनकी चूत को निहारता ही रहा, क्योंकि में उस दिन पहली बार किसी की चूत को अपनी आखों से इतना पास देख रहा था और फिर थोड़ी सी और हिम्मत करके मैंने अपना एक हाथ उनकी चूत पर रख दिया और अब में धीरे धीरे उनकी प्यारी सी चूत को अपने हाथ से सहलाने लगा था और चूत को छूकर में उसकी गरमी का अहसास लेने लगा था
ऐसा करना मेरे जीवन का पहला अनुभव था. में ऐसा करने के बारे में हमेशा सोचा करता था इसलिए मुझे बिल्कुल विश्वास नहीं था कि आज मेरे हाथ में कोई चूत है जिसको में छू रहा हूँ और उसके मज़े ले रहा हूँ, लेकिन तभी अचानक से करीब पांच मिनट के बाद मेरी चाची की नींद खुल गई और उन्होंने मुझे इस हालत में देख लिया और खुद को भी देखकर वो बड़ा चकित हुई. तो में जल्दी से पास में सो रहे उनके बच्चे को सुलाने का नाटक करने लगा था, लेकिन इतना सब कुछ देख लेने के बाद भी उन्होंने मुझसे कुछ भी नहीं कहा और वो अब अपने कपड़े ठीक करके दूसरी तरफ करवट लेकर वापस सो गई और में कुछ देर बाद वहाँ से उठकर चला आया.
दोस्तों उस दिन मुझे पूरी रात नींद नहीं आई और में लेटा हुआ पूरी रात चाची की चूत के बारे में सोचता रहा और उनकी नंगी चूत मेरी आखों के सामने घूमती रही और अब में बस अपनी में यही बात सोचता रहा कि किसी भी तरह अब में उन्हे एक बार चोद लूँ और में उनकी चूत की चुदाई करके पूरे मज़े ले लूँ और इसी इंतज़ार में मेरे पूरे दो साल निकल गये और में अब XII क्लास में पहुंच गया था और अब में पहले से थोड़ा सा बड़ा भी हो गया था और अब में सेक्स के बारे में पहले से ज्यादा बहुत कुछ समझने भी लगा था. मुझे अब चुदाई कैसे करते है और उसके पूरे पूरे मज़े कैसे लिए जाते है यह सभी बातें बहुत अच्छी तरह से समझ में आ चुकी थी और में चुदाई करने के लिए पहले से ज्यादा पागल हो चुका था.
मेरे पेपर खत्म हो जाने के बाद में अपनी छुट्टियों में अपने वो दिन बिताने अपनी दादी के यहाँ पर चला गया और दोस्तों मेरी वो चाची भी वहीं पर रहती थी और वो गर्मियों के दिन होने की वजह से हम सभी बच्चे शाम को घर के सामने के पार्क में ही बहुत देर तक खेलते रहते थे.
हमारे साथ में हर कभी मेरी चाची भी आ जाती थी और हर कभी खेलते मस्ती करते समय में उनके जिस्म को जानबूझ कर छू लिया करता, लेकिन वो इस बात का बिल्कुल भी विरोध नहीं करती थी और मैंने कई बार उनको पीछे से पकड़कर उठा भी दिया था, जिसकी वजह से उनके गोरे मुलायम पेट के साथ साथ मुझे उनके बूब्स को भी छूने का मौका मिल जाता था, जिसकी वजह से में खुश हो जाता और हम लोगो को खेलते मस्तियाँ करते करीब रात के 8-8:30 का समय हो जाता था.
उसके बाद घर पर आकर हाथ मुहं धोकर खाना खाने के बाद हम लोग फिर से पार्क में आ जाते थे. में वहां पर स्केटिंग किया करता था और वहीं पर कई बार थककर में अपनी चाची के पास जाकर बैठ जाता था और वो मुझसे बातें हंसी मजाक किया करती थी, क्योंकि मेरी उनके साथ बहुत अच्छी बनती थी, लेकिन फिर मैंने एक दिन महसूस किया कि वो कुछ दिनों से मुझसे कुछ ज्यादा ही खुल गयी थी.
वो अब हर कभी मुझसे लड़कियों के बारे में बातें करने लगी थी वो तब मुझसे पूछती थी कि लड़कियों में मुझे क्या अच्छा लगता है और फिर मैंने उन्हे बताया भी था कि मुझे लड़कियों के बूब्स बहुत ही अच्छे लगते है और उन्हे दबाने का मेरा बड़ा मन करता है.
वो मुझसे पूछा करती थी कि क्यों तेरी तो वहां पर कोई गर्लफ्रेंड जरुर होगी जिसके साथ तू सेक्स के साथ साथ दूसरे मज़े भी लेता होगा, लेकिन मैंने उन्हे तब बता दिया था कि में अब तक वर्जिन हूँ. मैंने अभी तक किसी के साथ सेक्स नहीं किया है, क्योंकि मुझे अब तक ऐसा कोई भी मौका ही नहीं मिला. एक दिन की बात है में उस दिन हर दिन की तरह स्केटिंग कर रहा था और में कुछ देर बाद बहुत थक गया था, इसलिए में अब उनके पास जाकर बैठ गया था जिस जगह पर चाची बैठी हुई थी वहां पर बहुत अँधेरा था और वो सभी लोग थोड़ा दूरी पर खेल रहे थे.
उन्होंने इन बातों का फायदा उठाकर धीरे से मेरे एक हाथ पर अपना एक हाथ रख दिया और वो उसको धीरे धीरे सहलाने लगी थी, दोस्तों सच कहूँ तो तब मेरी समझ में कुछ भी नहीं आया था और में चुपचाप बैठकर उनकी उस हरकत को देखता रहा और उसके मज़े लेता रहा, क्योंकि उनके नरम हाथ का स्पर्श मुझे बड़ा अच्छा लगा.
फिर कुछ देर बाद उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर उसी समय अपने एक बूब्स पर रख दिया तो में अब उनकी उस हरकत की कांपने लगा, लेकिन वो धीरे धीरे मेरे हाथ को ऊपर से दबाकर मेरे हाथ से अपने बूब्स को दबाने लगी थी और अब मुझे उनके कड़क बूब्स का स्पर्श महसूस होने लगा.
थोड़ी देर के बाद मैंने भी बिना कुछ सोचे समझे हिम्मत करके उनके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया और में लगातार कुछ देर तक वो काम करता रहा और वो लगातार मेरी तरफ मुस्कुराकर देखती रही, लेकिन तभी किसी के हमारे पास आ जाने के डर से उन्होंने मेरा हाथ अब अपनी छाती से हटा दिया. अब उन्होंने मुझसे कहा कि अगर तुम मेरे साथ और भी कुछ करना चाहते हो तो अभी यहाँ पर नहीं आज रात को तुम मेरे रूम में आ जाना.
में तुम्हे वहां पर पूरे मज़े दूंगी जिसको तुम पूरी जिंदगी याद रखोगे. फिर मैंने उनसे कहा कि यह सब काम कैसे हमारे बीच हो सकता है आपके कमरे में तो इस समय अंकल भी होंगे? तब उन्होंने बताया कि वो अभी कुछ देर पहले अपने किसी जरूरी काम से कहीं बाहर गए हुए है और वो दो दिन बाद वापस आएँगे तब तक में अकेली ही रहूंगी, इसलिए अब हम अपनी मर्जी से कुछ भी कर सकते है.
फिर मैंने उनकी पूरी बात को सुनकर बहुत खुश होकर उसने कहा कि हाँ ठीक है और फिर हम दोनों वापस खेलने लगे, लेकिन अब मेरे दिमाग़ में बस वही बातें घूम रही थी और मेरा किसी भी काम में अब मन नहीं लग रहा था.
मेरे मन में तो अपनी चाची के साथ उनकी चुदाई के वो विचार बार बार आ रहे थे, क्योंकि मुझे इतने लंबे इंतजार के बाद उस दिन अपनी चाची के साथ इतना आगे भी कुछ काम करने का मौका मिला था और में उस बात को मन ही मन सोच सोचकर पागल हुआ जा रहा था.
फिर रात को खाना खाने के बाद में अपने कमरे में सोने चला गया और में घर के सभी लोगों के सोने का अब इंतज़ार करने लगा था और फिर सभी लोग जैसे ही सो गये वैसे ही में अपने कमरे से उठकर चाची के कमरे में चला गया. मैंने देखा कि उस समय उनके कमरे में छोटा सा कम रौशनी वाला एक बल्ब जल रहा था और उस समय मेरी हॉट सेक्सी चाची करवट लेकर लेटी हुई थी. में हिम्मत करके उनके करीब चला गया और अब मैंने उनके गले में हाथ डाल दिया और में उन्हे सहलाने लगा.
अब मैंने देखा कि वो नींद में नहीं थी और अब उन्होंने करवट लेकर मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और वो मुझे चूमने लगी थी और में भी जोश में आकर उनके किस का जवाब अपनी तरफ से देने लगा था, बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरे के होंठो को चूसते चूमते रहे. फिर उन्होंने उसी समय मेरा एक हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिया और वो अपने बूब्स को ज़ोर से दबाने लगी थी और अब में उनका वो इशारा तुरंत समझ गया और में भी उनके बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा था. फिर धीरे धीरे मुझे अपने आप में गरमी का अहसास होने लगा था और में बहुत गरम हो गया और मेरा लंड भी तब तक तनकर खड़ा हो चुका था और वो मेरी पेंट से बाहर आने के लिए अब बहुत तड़पने लगा था.
मैंने अब बिल्कुल भी समय खराब करना उचित नहीं समझा और मैंने तुरंत ही उनका ब्लाउज पूरा उतार दिया और उसके बाद मैंने उनकी ब्रा को भी उनके गोरे सेक्सी बदन से अलग कर दिया था, जिसकी वजह से अब उनके वो दोनों बूब्स मेरे सामने बिल्कुल नंगे थे वो बड़े ही आकर्षक नजर आ रहे थे जिनको देखकर मेरी लार टपकने लगी थी.
में उनको देखकर ललचा रहा था और अब में एक बूब्स को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और दूसरे बूब्स को दबा भी रहा था मेरे ऐसा करने से चाची के मुहं से अब गरम होने की वजह से सिसकियाँ निकलना शुरू हो गयी थी.
मैंने इस तरह दोनों स्तन चूसे और उनकी साड़ी को चूसने से उनके शरीर से भी अलग-थलग पड़ गया और उसके बाद मैंने उनकी अंडरस्कर्ट और अनडीज भी निकाल लीं, जिससे अब आंटी मेरे सामने पूरी तरह से एक्सपोज हो गई और मेरे बिना उसकी चूत के कपड़े साफ दिख रहे , फिर भी मैंने फिर बड़ी मेहनत से देखा कि आज उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, शायद उसने अपनी चूत के बालों को प्रभावी ढंग से साफ कर लिया था, जिसका मतलब साफ था कि वो भी मुझसे आज अपनी चूत की चुदाई के पूरे मज़े लेना चाहती थी वो बिना कपड़ो के बिल्कुल काम की देवी नजर आ रही थी वो मेरे सामने पूरी नंगी थी जो मेरा बहुत समय से देखा हुआ एक सपना था जो आज पूरा हो चुका था और बस अब उनकी चुदाई ही बची हुई थी जिसके लिए हम दोनों पूरी तरह से जोश में आकर तैयार थे. अब मैंने अपनी एक उंगली को उनकी चूत में डाल दिया था जो एक ही बार में फिसलकर पूरा अंदर जा पहुंची थी और में अब उसको धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा था और वो ज़ोर ज़ोर से आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अब बस भी करो चिल्लाकर कहने लगी थी.
उन्होंने जोश में आकर उसी समय मेरी पेंट और उसके बाद एक झटका देकर अंडरवियर को भी उतार दिया था और अब वो मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर उसको सहलाने के साथ साथ मसलने भी लगी थी और अब मुझे उनके ऐसा करने की वजह से मज़े लेकर ऐसा लगने लगा था जैसे में आज असली स्वर्ग का आनंद प्राप्त कर रहा हूँ और फिर कुछ देर बाद उन्होंने मेरे लंड को पूरा अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू कर दिया और मैंने भी उनके बूब्स को दबाना सहलाना शुरू कर दिया था और अब वो मेरा पूरा लंड अपने मुहं में गले तक डालने की कोशिश करने लगी.
वो कभी पूरा अंदर तो कभी बाहर निकालकर टोपे पर अपनी जीभ को घुमाने लगी थी. वो मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूस रही थी और वो किसी अनुभवी रंडी की तरह मेरा लंड लगातार कुछ देर चूसती रही जिसकी वजह से कुछ देर बाद में भी बहुत ज्यादा गरम हो गया और वो भी पूरी तरह से जोश में आ चुकी थी. फिर उन्होंने अपने मुहं के थूक से मेरे लंड को पूरा चिकना कर दिया और अब लंड को उन्होंने अपनी चूत के मुहं पर लगाकर चूत को भी थूक से चिकना कर दिया.
उसके बाद दोबारा उसको अपने मुहं में भर लिया और चूसने लगी थी, तब में उनकी चूत के दाने को अपनी एक ऊँगली से टटोलने उसको सहलाने लगा था जिसकी वजह से उनके मुहं से हल्की हल्की आईईईइ स्सीईईईई की आवाज आने लगी थी और फिर दोबारा चाची ने मेरा लंड अपने मुहं से बाहर निकालकर उसको पकड़कर अपनी चूत के मुहं पर रख दिया और अब उन्होंने मुझसे कहा कि आजा मेरे राजा आज तू मेरी चूत का बजा दे बाजा.
अब में उनकी बात का मतलब समझ गया कि वो अब मुझसे चुदना चाहती है और फिर देर किए बिना मैंने अपने लंड को उनकी गीली कामुक चूत के अंदर धक्का देना शुरू कर दिया और जैसे ही मेरा थोड़ा सा लंड उनकी चूत में गया तो वो सिसक उठी आह्ह् ऊऊह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ अब बस करो तुम्हारा बहुत मोटा है आईईईईइ मुझे इससे बहुत दर्द हो रहा है इतना कहते हुए वो मुझे पीछे धकेलते हुए अपने ऊपर से हटाने की पूरी कोशिश करने लगी थी, लेकिन में नहीं माना और मैंने उनकी पतली गोरी कमर पर अपनी मजबूत पकड़ बनाते हुए धक्के देते हुए अपना पूरा का पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया और जब पूरा लंड चूत की जड़ में जा पहुंचा तो उन्होंने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और में कुछ सेकिंड वैसे ही रुका रहा.
कुछ देर बाद अब में धक्के देने लगा था, लेकिन वो मुझे धक्के मारने से रोकने लगी थी. वो मुझसे कहने लगी कि उफ्फ्फफ्फ्फ़ ऊउईईईईइ प्लीज मुझसे अब यह दर्द सहन नहीं हो रहा है, तुम थोड़ी देर रुक जाओ.
मैंने कहा कि हाँ ठीक है और में अब रुककर उनके बूब्स को दबाने सहलाने लगा था, साथ ही साथ में उनके नरम रसभरे होठों को चूसने भी लगा था, थोड़ी देर के बाद जब वो खुद ही अपने दर्द के कम हो जाने पर अपनी गांड को उछालने लगी तब में समझ गया कि अब यह मस्ती में आ चुकी है और फिर मैंने अपनी तरफ से उनको ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए.
मेरे तेज गति के उन धक्को की वजह से उनका पूरा बदन हिलने लगा था और में उनकी कमर को पकड़कर लगातार तेज धक्के देता रहा कुछ देर बाद वो मुझसे कहने लगी उफफ्फ्फ्फ़ हाँ और अंदर जाने दो आह्ह्हह्ह हाँ ऐसे ही मुझे अब बहुत मज़ा आ रहा है तुम अच्छे चुदाई कर रहे हो हाँ पूरा गहराई तक डालो मुझे आज बड़े दिनों के बाद ऐसा मोटा लंबा दमदार लंड मिला है जो मेरी उम्मीद से भी ज्यादा ताकतवर निकला वरना अब तक तुम्हारे चाचा जी तो कब के ठंडे होकर मेरी चुदाई को अधूरी ही खत्म कर चुके होते.
दोस्तों में उनकी वो जोश भरी बातें सुनकर ज्यादा तेज धक्के देने लगा था जिससे वो खुश थी और मुझे भी अपने लंड को उनकी कसी हुई चूत के अंदर बाहर करने में बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था दो बच्चे हो जाने के बाद भी उनकी चूत किसी कुंवारी चूत की तरह थी और फिर करीब दस मिनट तक और धक्के देने के बाद हम दोनों ही एक के बाद एक झड़ गये और अब में थककर उनके ऊपर ही लेट गया और में उनके बूब्स को चूसने लगा था.
वर्तमान में वह आप की सराहना करते हैं कि क्या अच्छे कारण के लिए मुझे पूछ शुरू किया मुझे चुंबन? फिर, उस समय मैंने अपना सिर इशारा किया और उसे हाँ कर दिया और बाद में मैंने उसका पालन किया। अब उसने मुझे बताया कि इस बकवास में मुझे भी बहुत मज़ा आया था, क्योंकि आपका कॉकरेल कुछ समय के लिए रह सकता है, इसने मुझे पूरी तरह से ठंडा भी कर दिया है, आप इस तरह अब बहुत मज़ा के साथ खेलने आते हैं जो कुछ भी तुम्हारा है अगर आपको मुझे पेंच करना है, तो आप मुझे पेंच कर सकते हैं, आज से यह चूत तुम्हारी हुई और इस पर तुम्हारा भी पूरा पूरा हक है, क्योंकि मुझे भी तुम्हारे लंड से अब प्यार हो गया है उसको अपनी चूत में लिए बिना मुझे भी अब नींद नहीं आने वाली.
साथी उस पहला चुंबन के बाद से, अब मैं उसे आमतौर पर खराब कर दिया है जब तक है, जिसमें वह मुझे पूरी मदद दी और मैं पूरी तरह उसे पंगा लेना द्वारा पूरा और उसी रात पर मैं उसे खराब कर दिया है कई बार, कि मेरे कमरे में रात बदले में देर के बाद बड़ी-बड़ी जंजीरें दर्जन भर हो गईं और अगली सुबह मेरी मौसी ने आकर मुझे अपने आराम से जगाया और शाम को जब घर में सब लोग अपने-अपने कमरों में आराम कर रहे थे तब भी मैंने उनको एक छोटी कम समय की चुदाई के मज़े दिए और अब में उनकी गांड में भी एक बार अपना लंड डालना चाहता हूँ, लेकिन वो हर बार मुझे इस काम को करने के लिए साफ मना कर देती है, वो कहती है कि उनको जब पहली बार चुदी हुई चूत में मेरा लंड लेने में इतना दर्द हुआ था तो अब गांड में लेकर तो वो मर ही जाएगी, क्योंकि उन्होंने आज तक कभी भी किसी का लंड अपनी गांड में नहीं लिया है.