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बीवी की चाची का कामरस

Posted on:- 2024-02-11


नमस्कार साथियों, माई नेम सूरज मैं 28 साल का हूँ. लम्बाई 5-4 इंच, अच्छी बॉडी और लंड 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है. मैं नवी मुंबई में सब्जी बेचता हूँ.

मेरा विवाह 2020 में अनीता के साथ हुआ था और मेरी पत्नी अनीता उस टाईम पढ़ रही थी तो में उसे सेक्स के लिए ज़्यादा फोर्स नहीं करता था, लेकिन उसको भी सेक्स में ज़्यादा इंटरेस्ट नहीं था तो वो ज़्यादा मेरे पास नहीं आती थी. मेरी पत्नी की चाची बहुत ही सेक्सी औरत है, अभी पिछले साल 2012 में उनकी बेटी की भी शादी हुई है, चाची का फिगर बड़ा मस्त है और उनका फिगर साईज 35-32-36, हाईट 5 फुट 2 इंच और वो दिखने में बिल्कुल जवान लगती है और सरकारी नौकरी करती है) ख़ैर अब में वापस कहानी पर आता हूँ.

इसके बाद  मैं और मेरी धर्म पत्नी उनके घर दोपहर के खाने पर गया और उस दिन घर पर चाची और उनकी जवान  बेटी ही थे. इसके बाद  हमने लंच करने के बाद खूब बातें की. इस बीच हमें वहाँ के मार्केट का भी पता चला तो मेरी पत्नी और उनकी बेटी ने मार्केट जाने का प्रोग्राम बना लिया. इसके बाद  हम लोग आराम करने के लिए दूसरे रूम में चले गये, उस रूम में अंधेरा था. इसके बाद  मेरी पत्नी ने बच्चे को सुलाया और मार्केट जाने की तैयारी करने लगी, उसने बच्चे को दीवार की तरफ सुलाया था और में बेड के दूसरी तरफ लेटा हुआ सोने का नाटक कर रहा था. इसके बाद  थोड़ी देर के बाद मेरी पत्नी अपनी चाची को बच्चे का ध्यान रखने की कहकर साली जी के साथ मार्केट निकल गई और प्यारी सेक्सी चाची जी बच्चा ना जागे इसलिए मेरे साथ आकर लेट गई, उनको लगा कि में सोया हुआ हूँ और वो कुछ देर तक लेटी हुई बच्चे को सहलाती रही.

 

इसके बाद  थोड़ी देर के बाद मैंने पलटी ली और चाची के ऊपर टांगे रखकर लेट गया और उन्हें पीछे से पकड़कर किस करने लगा तो वो कुछ बोलने लगी. इसके बाद  मैंने उनका मुँह बंद करके उन्हें चुप रहने को कहा और कहा कि आवाज़ सुनकर चाची जी आ जायेगी, चुप रहो. इसके बाद  ये कहते हुए मैंने अपने होंठ उनके होंठो पर रख दिए और अपने हाथ उनकी कमीज़ में डालकर उनके बूब्स दबाने लगा और इसके बाद  उनकी सलवार का नाडा खोलकर उनकी चूत सहलाने लगा.

अब वो बहुत ही धीरे धीरे विरोध कर रही थी, जिससे उनके मन की इच्छा भी पता चल रही थी कि वो भी क्या चाहती है. इसके बाद  मैंने अपना लंड भी बाहर निकाल लिया और उनके हाथ से रगड़ने लगा. इसके बाद  उन्होंने थोड़ा डरते हुए मेरा लंड पकड़ लिया और धीरे-धीरे से मेरे लंड को सहलाने लगी. इसके बाद  अब मेरी हिम्मत भी थोड़ी और बड़ गई और मैंने उनकी सलवार पूरी अपने पैरों से उतार दी और अपनी पेंट और अंडरवियर भी उतार फेंका और अपने लंड को उनकी चूत के मुँह पर रखकर हल्के से रगड़ने लगा.

इसके बाद  अब उनकी साँसे भी तेज हो चुकी थी और वो कुछ बोले बिना ही धीरे-धीरे से मेरा साथ दिए जा रही थी. इसके बाद  मैंने अपना लंड उनकी चूत के अन्दर डालना शुरू कर दिया और वो जल्दी से मेरी टी-शर्ट उतारने लगी. इसके बाद  मैंने लंड को वापस बाहर निकाला और अपनी टी-शर्ट उतार कर पूरा नंगा हो गया और उनको सीधा बैठाकर उनकी कमीज़ भी उतार दी और ब्रा खोलकर फेंक दी.

 

अब हम दोनों उस अंधेरे रूम में एकदम नंगे एक दूसरे की बाहों में झूल रहे थे और एक दूसरे के होंठो का रसपान कर रहे थे कि तभी चाची जी बोली कि मेरा स्वाद ज्यादा अच्छा लग रहा है क्या? ये सुनकर मैंने एकदम से छिपने का नाटक किया और थोड़ा पीछे होकर बोला “अरे चाची जी आप” ये कहते हुए में उठा और लाईट चालू कर दी. उस टाईम में और चाची जी एक दूसरे के सामने एकदम नंगे थे और मेरा लंड बुरी तरह से तना हुआ था. उस टाईम चाची जी सच में बहुत ही सुंदर और सेक्सी लग रही थी.

 

इसके बाद  मैंने चाची जी का हाथ पकड़ते हुए बोला कि चाची जी सच में मैंने समझा कि अनीता मेरे साथ लेटी हुई है और में ये सब उसके साथ कर रहा हूँ. अब उनके चेहरे पर एक अजीब सी स्माईल आ गई और वो मेरे हाथ को अपने बूब्स पर रखते हुए बोली कि चलो छोड़ो अभी ये सब बातें करने का टाईम नहीं है और मुझे लेकर बेड पर लेट गई.

 

इसके बाद  मैंने भी उनकी आँखों में देखते हुए उनको इसके बाद  से किस करना शुरू कर दिया और कहा कि सच में आपका स्वाद अनीता से ज़्यादा अच्छा है और उनको किस करते हुए उनका पूरा बदन चाट डाला. इसके बाद  चाची ने मेरा मुँह पकड़कर अपनी चूत पर रखा और चूत पर किस करने को कहा तो मैंने उनकी चूत को ज़ोर-ज़ोर से किस करना शुरू कर दिया. अब वो सिसकारियां लेने लगी और इसके बाद  थोड़ा मुड़कर मेरे लंड को अपने मुलायम हाथों में लेकर सहलाने लगी और बोली कि तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है, कहीं ये मेरा सत्यानाश ही ना कर दे.

 

इसके बाद  मैंने कहा कि नहीं चाची जी इससे कोई सत्यानाश नहीं होता, ये जितना ज्यादा बड़ा होगा उतना ज़्यादा आपको मजा आयेगा. ये सुनते हुए उन्होंने मेरे लंड को चूमा और इसके बाद  धीरे से चूसना शुरू कर दिया. पहली बार कोई मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूस रही थी. मुझे बहुत मज़ा आने लगा और अब में अपना लंड उनके मुँह में और अन्दर डालने लगा जो उनके गले में जाकर लगा और उनको खाँसी आने लगी.

 

इसके बाद  मैंने अपना लंड बाहर निकाला और सीधा लेटकर उनके होंठ चूसने लगा और उनकी चूत को ज़ोर- ज़ोर से सहलाने लगा. इसके बाद  थोड़ी ही देर में चाची जी इतनी गर्म हो गई कि उनके बदन की गर्मी मुझे अपने बदन में महसूस होने लगी. अब में उनसे पूरी तरह से चिपक गया और उंगली को और तेज़ी से हिलाने लगा तो वो भी मेरे साथ और ज़्यादा कसकर चिपक गई.

 

इसके बाद  में उनके होंठो को चूसते हुए उनकी चूत को रगड़ता रहा. इसके बाद  थोड़ी ही देर में उनका नशीला बदन अकड़ने लगा तो में समझ गया कि अब चाची जी झड़ने वाली है. इसके बाद  मैंने अपनी उंगली की स्पीड बढ़ाते हुए और तेज कर दी तो अब उनकी पकड़ टाईट होते-होते एकदम ढीली हो गई और वो झड़ गई. अब मेरा पूरा हाथ उनके रस से गीला हो गया था, अब वो मेरे सामने अपनी आँखे बंद किए हुए आराम से लेटी हुई थी. इसके बाद  मैंने उनके पूरे बदन को किस करते हुए अपना लंड उनकी चूत के पास ले जाकर सटा दिया तो अब उन्होंने मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत में डालना शुरू कर दिया.

 

अब मैंने पहले कोई ज़ोर नहीं लगाया तो वो खुद ही सारा काम कर रही थी, बस में तो उनकी टाईट चूत के मज़े ले रहा था. इसके बाद  जब मेरा लंड 2 इंच तक अंदर चला गया तो चाची जी बोली कि तुम्हारा लंड तो सच में बड़ा ज़ोरदार है मुझे तो अंदर लेते ही मज़ा आ गया. इसके बाद  मैंने कहा कि चाची जी अभी ये पूरा अंदर तक कहाँ गया है, अभी तो थोड़ा सा ही गया है, जब पूरा जायेगा तो जन्नत का मजा मिलेगा. इसके बाद  वो गहरी सांस लेते हुए बोली कि हाय जानू इसके बाद  तो इसे पूरा अंदर तक अभी ही डाल दो, में भी तो देखूं कि मेरी बिटिया रानी रोज़ कैसे लंड से खेलती है और उसे कितना मज़ा मिलता है? ये सुनते ही मैंने अपने लंड को धीरे-धीरे उनकी चूत के अंदर डालना शुरू कर दिया और उनको अपनी बाहों में कसकर उनके चेहरे को पूरा चूमना और चाटना शुरू कर दिया.

 

अब वो भी मुझे अपनी बाहों में जकड़े जा रही थी, अब जैसे-जैसे लंड अंदर जाता जा रहा था तो उनकी पकड़ और टाईट होती जा रही थी. अब मेरा लंड करीब पूरा अंदर घुस चुका था और चाची जी अपनी आँखे बंद किए हुए अपने होंठो को दबाये हुए यू ही मेरे नीचे प्यार से लेटी हुई थी और मेरे लंड का मज़ा ले रही थी. अब उनका प्यार उनके चेहरे पर पूरी तरह से दिखाई दे रहा था. इसके बाद  मैंने अपने लंड को धीरे-धीरे से आगे पीछे करना शुरू किया और नीचे मुँह करके उनके बूब्स को चूसने लगा.

 

अब उनकी उंगलियाँ मेरे बालों में घूम रही थी और अब मुझे उनकी चूत सच में बहुत टाईट और हॉट महसूस हो रही थी और चाची जी की चूत की दीवारों की रगड़ मेरे सुपाड़े को सहला रही थी. अब सच में मुझे बहुत मजा भी आ रहा था और आश्चर्य भी हो रहा था कि लगभग 40 साल में भी उनकी चूत इतनी टाईट और हॉट कैसे है? ख़ैर मुझे क्या में तो उनकी चूत मारने का पूरा मज़ा लूट रहा था. अब मैंने भी अपने लंड की स्पीड तेज कर दी थी और उनकी चूत भी गीली हो चुकी थी, जिसकी वजह से रूम में पच-पच की आवाज़ गूँजने लगी थी.

 

अब में उनके ऊपर लेटा हुआ, उनकी चूत में पूरा लंड डाले हुए उनको जोरदार चोद रहा था. अब मुझे उनको चोदते हुए करीब 20 मिनिट हो चुके थे, अब में भी अपनी फुल स्पीड से चोदने की वजह से थोड़ा थक चुका था. इसके बाद  मैंने उन्हें चोदना रोककर उन्हें किस करता हुआ उनको पलटकर अपने ऊपर ले आया और उन्हें सेक्स करने के लिये कहा तो अब वो मेरे ऊपर लेटकर आगे पीछे हिलने लगी. इस पोजिशन में उनको खूब मजा आ रहा था तो उनके मुँह से अहहा आआआअ हाईई में मर गइईईईई अहहा जैसी आवाज़े आने लगी.

 

इसके बाद  इसी पोज़िशन में सेक्स करने के बाद वो हिलती हुई धीरे-धीरे मेरे लंड के ऊपर बैठ गई और हिलने लगी, जिससे उनके बड़े और टाईट बूब्स भी ऊपर नीचे उछलने लगे, जिन्हें देखकर मुझे बड़ा मज़ा आने लगा और में भी नीचे से उछल-उछलकर शॉट मारने लगा. इस बीच वो झड़ गई और मेरे ऊपर लेटकर मुझे कसकर पकड़ लिया और किस करते हुए बोली कि आज में कई सालों के बाद ऐसे झड़ी हूँ, सच में बहुत मजा आ गया, लेकिन इस बीच मैंने नीचे से अपना लंड उनकी चूत में हिलाना बंद नहीं किया और धीरे-धीरे शॉट मारता रहा.

 

अब वो और उनकी चूत थोड़ी ढीली हो चुकी थी तो में उठकर बैठ गया और उन्हें अपनी गोद और बाहों में लेकर किस करता हुआ चोदता रहा. इसके बाद  थोड़ी देर के बाद मैंने उन्हें वापस बेड पर लेटा दिया और उनके ऊपर आकर शॉट मारने लगा. इस बीच मैंने अपना लंड एक बार भी उनकी चूत से बाहर नहीं निकाला.

 

अब हमें सेक्स करते हुए करीब 1 घंटा हो गया था और अब में भी झड़ने वाला था इसके बाद  मैंने अपने लंड की स्पीड बढ़ा दी, जिसे वो भी समझ गई और मुझे अपनी बाहों में कसकर मेरे होंठो को चूमते हुए मेरी पीठ पर अपने हाथ ज़ोर-ज़ोर से फेरने लगी. इसके बाद  मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी और किस करते हुए में भी उनके अंदर ही झड़ गया और चाची जी ने मुझे कसकर पकड़ लिया और अपनी चूत को टाईट कर लिया और बोली कि में इसके बाद  झड़ गई हूँ.

 

अब हम इसी तरह करीब 5 मिनट तक लेटे रहे और एक दूसरे को किस करते रहे. अब मेरे लंड का तनाव थोड़ा कम हो चुका था, मगर अभी भी उसमें काफ़ी जान थी तो में अपने लंड को चाची जी की चूत से बाहर निकाले बिना धीरे-धीरे उसे ऐसे ही हिलाए जा रहा था. इसके बाद  हम जब अलग हुए तो हम दोनों बुरी तरह से पसीने से भीगे हुए थे. इसके बाद  उन्होंने एक टावल लिया और मुझे और अपने आपको अच्छे से साफ़ किया और मेरे लंड को बड़े प्यार से अपने नाज़ुक मुलायम हाथों में लेकर बड़े आराम से साफ़ किया और उसे 5-6 किस की.

 

इसके बाद  हम दोनों अलग हो गये और इसके बाद  उन्होंने अपनी बेटी को फ़ोन करके उनकी मार्केटिंग और उनके आने के बारे में पूछा. मेरी साली ने उनसे कहा कि वो अभी दूर है और उनको आने में करीब 2 घंटे लग जायेगें. इसके बाद  हम ये सुनकर बहुत खुश हो गये और एक साथ नहाने के लिए बाथरूम में घुस गये. इसके बाद  वहाँ पर हम दोनों ने खूब मस्ती की और वहाँ पर मैंने एक शॉट और लगाया.

 

इसके बाद  बाथरूम में मैंने उन्हें कभी घोड़ी बनाकर तो कभी खड़े होकर तो कभी गोद में लेकर चोदा. हम करीब 25 मिनट तक शॉवर के नीचे ये सेक्स का खेल खेलते रहे. इसके बाद  हम दोनों अच्छी तरह से नहाकर रूम में आ गये और इसके बाद  चाची जी ने मेरे बच्चे को दूध पिलाया. इसके बाद  वो मेरे लिए चाय बनाकर ले आई. इसके बाद  हमने चाय पीने के बाद इसके बाद  से उसी रूम में जाकर खूब प्यार की मस्तियाँ की. इसके बाद  मेरी पत्नी और साली के आने के बाद हम आराम से बैठे और कुछ देर तक बातें करने के बाद डिनर करके हम घर वापस आ गये.

 

इसके बाद हमें एक और मौका करीब 1 साल के बाद मिला जब में ऑफिस के काम से वहाँ गया था. मैंने मौका अच्छा समझकर चाची को फोन किया. मैंने सोचा था कि मेरे बारे में सुनकर वो जल्दी ऑफिस से आ जायेगी और हम आज इसके बाद  से मज़े करेगें, लेकिन मेरी किस्मत उस दिन कुछ ज़्यादा ही अच्छी थी. चाची जी ने कहा कि में तो आज घर पर ही हूँ और में उनके घर के बिल्कुल पास में ही था तो में जल्दी से उनके घर पहुँच गया और उस दिन चाची जी घर पर अकेली थी और नहाने की तैयारी कर रही थी.

 

इसके बाद  जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला तो में उन्हें देखता ही रह गया, वो सिर्फ़ पेंटी पहने हुए मेरा इंतजार कर रही थी. अब दरवाजा खोलते ही उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अंदर खींच लिया और दरवाजा बंद करते ही उन्होंने मुझ पर किस की बरसात कर दी और झट से मेरे पूरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए और सिर्फ़ 1 मिनट में उन्होंने मुझे चूमते हुए पूरा नंगा कर दिया.

 

अब में अभी तक कुछ भी नहीं कर पाया था, लेकिन अब मेरी बारी थी तो मैंने भी चाची जी को बाहों में भर लिया और किस करते हुए उनकी पेंटी भी उतार फेंकी और गोद में उठाकर उसी रूम में ले गया और उन्हें बेड पर पटककर उनके ऊपर चढ़ गया और उनके पूरे बदन को किस करता हुआ बूब्स और कूल्हों को दबाते हुए उनकी चूत में उंगली करता रहा.

 

इसके बाद  जैसे ही मैंने अपने लंड को चूत के मुँह पर रखा तो वो पीछे हो गई और मेरे लंड को पकड़कर अंदर डालने को मना करने लगी. ये सुनकर में हैरान हो गया और इसके बाद  वो बोली कि में अभी तक नहाई नहीं हूँ तो हम बाथरूम में जाकर आज नहाते हुए सेक्स और प्यार करते है. इसके बाद  हम दोनों बाथरूम में चले गये. बाथरूम में जाते ही उन्होंने झट से शॉवर चालू कर दिया और मुझे लेकर शॉवर के नीचे बैठ गई और मेरे पूरे बदन पर किस करते हुए मुझे वहीं पर ही लेटा दिया. अब वो मेरे भीगे हुए बदन को अपनी जीभ से चाटने लगी और वो मेरे नंगे बदन से बहते हुए पानी को पीकर अपनी प्यास बुझा रही थी. उनकी इस हरकत से में बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गया और उनके बाल पकड़कर उन्हें अपने ऊपर खींच लिया.

 

इसके बाद  मैंने उन्हें किस करते हुए नीचे फर्श पर लेटा दिया और अब में उनका बदन चाटने लगा और पास में पड़ी बाल्टी से उन पर और पानी डालते हुए अपने बदन को उनके बदन से मसलने लगा. इसके बाद  अपने मुँह को उनकी चूत के पास ले जाकर डब्बे से पानी डालते हुए चाटने लगा. में पहली बार किसी की चूत को चाट रहा था और जीभ भी अंदर तक डाल रहा था. अब चाची जी भी इसका पूरा आनन्द ले रही थी और मुँह से हल्की-हल्की आवाज़े निकाल रही थी. ये सब करते हुए हमें करीब 20 मिनट हो गये थे.

 

इसके बाद  हमने उठकर एक दूसरे के बदन को साबुन और शेंपू से अच्छी तरह रगड़ा और अच्छी तरह से साफ़ और चिकना करके वहीं पर ही सेक्स करना शुरू कर दिया. इसके बाद  उन्होंने मुझे एक पट्टी पर दीवार के साथ बैठा दिया और खुद मेरे खड़े लंड पर अपनी चूत को फैलाते हुए बैठ गई. अबकी बार मेरा लंड बड़े आराम से उनकी चूत के अंदर समा गया और वो मेरे से लिपटी हुई ऊपर नीचे होने लगी. इस बीच शॉवर का पानी लगातार हमारे ऊपर पड़ता रहा और हम भीगते हुए एक दूसरे से चिपके हुए सेक्स का मज़ा लेते रहे.

 

इसके बाद  मैंने पोजिशन चेंज करते हुए उनको अपनी गोद में उठा लिया और बाँहो के झूले में झूलाते हुए लंड अंदर बाहर करने लगा. उनके बूब्स आज मुझे अपनी छाती पर कुछ ज़्यादा ही टाईट और मखमली से महसूस हो रहे थे. अब मेरे दोनों हाथ उनकी गांड के नीचे झूले की तरह बने हुए थे और हमारे होंठ एक दूसरे के मुँह में दबे हुए थे. हमारी जीभ भी एक दूसरे के मुँह में मज़े से घूम रही थी और अब चाची जी की टाँगे मेरी कमर पर कसती जा रही थी और हम आज एक दूसरे में पूरी तरह से समाये हुए थे.

इसके बाद  कुछ देर के बाद हम अलग हुए और अपना बदन पोंछकर बेडरूम में आ गये, लेकिन में तो अभी तक भी नहीं झड़ा था तो मैंने चाची जी को पकड़कर अपना लंड उनके मुँह में दे दिया. अब वो ज़ोरदार तरीके से मेरे लंड को चूसने लगी. आज उनकी चूसने की स्टाईल भी बड़ी टाईट थी और स्पीड भी काफ़ी ज़्यादा थी तो मेरा लंड अब ज़ोर मारने लगा.

इसके बाद  मैंने कहा कि चाची जी अब मेरा वीर्य निकलने वाला है, तो उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह से निकालकर फटाफट अपनी चूत में डाल लिया और वो मेरे ऊपर लेटकर ज़ोर-जोर से सेक्स करने लगी. अब वो बीच-बीच में अपनी चूत को भींच भी रही थी, जिससे मुझे बहुत मजा आ रहा था और कुछ ही देर में उनकी चूत में झड़ गया. इसके बाद  हम कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहे और एक दूसरे को प्यार करते रहे. इसके बाद  चाची जी ने उठकर मेरे और अपने लिए चाय बनाई. इस बीच में भी जाने के लिए तैयार हो गया था. इसके बाद  हम दोनों ने चाय पीने के बाद एक दूसरे को खूब किस किया और इसके बाद  विदा लेकर में भी घर आ गया.मित्रों ये कहानी आप देशीअडल्टस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं.

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