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तीन लंड को एक साथ संभाला

Posted on:- 2024-09-28


अपने बूर फाड् चुदाई की स्टोरी में,गुड मार्निग मित्रों आप सब कैसे है,क्या हाल चाल मित्रों कैसे है आप सब आशा है अच्छे होंगे मेरा नाम कामिनी सिंधी  है और में वाराणसी  की रहने वाली हूँ. मेरी उम्र 24 साल है और में एक सामान्य परिवार से हूँ. मेरा रंग बहुत साफ और मेरी लम्बाई 5.9 इंच है. दोस्तों चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है.    


 क्या बताऊ दोस्तों  उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये दोस्तों में आज आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची चुदाई की कहानी और मेरा सेक्स अनुभव बताने यहाँ पर आई हूँ जिसमे मैंने अपने भाई और उसके दो दोस्तों के साथ मिलकर मस्ती की और वैसे में पिछले दो सालों से अपने भाई के साथ भी बहुत कुछ कर चुकी हूँ और इसलिए में उम्मीद करती हूँ कि मेरे वो मज़े आप सभी को जरुर पसंद आएगें. दोस्तों मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है.


 दोस्तों क्या मलाई वाला माल लग रहा था     दोस्तों में बहुत गोरी और सेक्सी भी हूँ और मेरी माँ से मुझे मेरा यह हॉट सेक्सी रंग रूप मिला है और मेरे गदराए बदन का सही नाप 34-30-35 है. दोस्तों मेरे बूब्स आकार में बड़े है, लेकिन वो ज्यादा नीचे लटकते नहीं है क्योंकि में हर दिन योगा करती हूँ और उनको अपने अच्छे आकार में रखने के लिए में उनकी मसाज बहुत देखरेख करती हूँ और अब मेरी चूत की बारी वो गुलाबी रंग की फूली हुई और चिकनी भी है, क्योंकि में हर दिन उसके बालों को साफ करती हूँ. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.


 साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है दोस्तों यह घटना इस जनवरी महीने की है और मैंने जैसा कि अपना परिचय देते समय पहले ही बता दिया है कि एक अच्छी होटल में मैंने अपने चचेरे भाई और उसके दो दोस्तों के साथ अपने ज़िंदगी की सबसे हसीन और यादगार रात गुजारी. अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.


 दोस्तों एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया दोस्तों वैसे आप सभी लोग यह बात जरुर सोच रहे होंगे कि उन तीन लोड़ो को मैंने कैसे संभाला होगा? तो में आप लोगों को बता दूँ कि में इस काम में बहुत माहिर हूँ और मुझे इसका बहुत ज्यादा अनुभव है, लेकिन तीन चूत के प्यासे लंड को एक साथ संभालना मेरे लिए भी वो पहला मौका था जिसको मैंने सफल कर दिखाया और मेरे भाई चन्द्रमतोनेश्वेर  ने भी उस चुदाई के समय मन में एक पक्का निश्चय कर लिया कि वो भी मेरे इस काम को पूरा करने में अपना पूरा पूरा सहयोग देता रहेगा और उसने ठीक वैसा ही किया. वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मित्रों. 


 दोस्तों उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया  दोस्तों वैसे भी हम दोनों पिछले दो साल से हर कभी चुदाई करते आ रहे है और हम इस काम से कभी बोर ना हो इसलिए वो कभी अपने किसी दोस्त को भी बुला लेता है और हम सभी बहुत मज़े करते है. दोस्तों इसका मतलब यह था कि मैंने कई बार थ्रीसम तो किया था, लेकिन इस बार हम दोनों उसके भी बहुत आगे तक जाना चाहते थे. वहा जबरजस्त माल भी थी मित्रों.


 दोस्तों चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया फिर जनवरी की गुलाबी सर्दियों में चन्द्रमतोनेश्वेर  में अपने दो दोस्त जिनका नाम आदर्श मोलेश्वेर  और कोलेश्वेर नाथ  को किसी भी तरह से हमारे इस प्लान में शामिल होने के लिए मना लिया था और वैसे मनाने की ज्यादा ज़रूरत नहीं थी, क्योंकि किसी भी लंड को कोई भी चूत मिल जाए तो वो कहीं भी दौड़े भागे चले आते है. फिर हम सभी लोग महाबलेश्वर में शाम के समय पर पहुँचे और फिर करीब सात बजे हमने रात का खाना खाकर हम बाहर घूमकर आ गए. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मित्रों.
 

 दोस्तों एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया करीब 8.30 के आसपास हम सभी लोग होटल में वापस आए तो मैंने बातों ही बातों में चन्द्रमतोनेश्वेर  को पहले से ही बोल रखा था कि मुझे 4-5 इंच के लंड नहीं चाहिए क्योंकि इतने छोटे लंड कुछ काम के नहीं होते है इसलिए में आशा कर रही थी कि कोलेश्वेर नाथ  और आदर्श मोलेश्वेर  के लंड करीब करीब 6 या 7 इंच के तो होंगे ही? अब हमारे उस बेडरूम में चन्द्रमतोनेश्वेर  ने बड़ी धीमी सी आवाज में गाने लगा दिए थे और अपने लेपटोप पर उसने एक नंगा वीडियो लगा दिया था और में उसके बाद तुरंत बाथरूम में चली गई, लेकिन दोस्तों में सच कहूँ तो आज अपनी दमदार चुदाई के बारे में सोच सोचकर तो मेरी चूत पहले से ही बहुत गीली हो गई थी और फिर मैंने जब बाहर आकर देखा तो वो तीनों मेरे सामने पूरे नंगे खड़े थे और वो अपने अपने लंड को हाथ में लेकर हिला रहे थे. उह क्या मॉल था मित्रों गजब. 


 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मित्रों  तब मैंने ध्यान से देखा कि कोलेश्वेर नाथ  और आदर्श मोलेश्वेर  के लंड तो आकार में कुछ ज़्यादा ही बड़े और मोटे भी थे, वो करीब 6-7 इंच के तो ज़रूर होंगे. अब अपने सामने खुले तनकर खड़े तीन तीन लंड को देखकर मुझसे भी अब रहा नहीं गया और मैंने भी तुरंत अपने सारे कपड़े उतार दिए और मेरी मोटी गांड, बड़े बूब्स और गुलाबी चूत को देखकर आदर्श मोलेश्वेर  और कोलेश्वेर नाथ  के मुहं से अपने आप वाह मज़ा आ गया शब्द निकल पड़े. फिर में तुरंत उनके पास आकर उनके पैरों में अपने घुटनों के बल नीचे बैठ गयी और अब में कोलेश्वेर नाथ , आदर्श मोलेश्वेर  के लंड को पागलों की चूसने लगी, वो तो बहुत रसीले और गरम थे और मेरे ऐसा करने से उन दोनों की तो आहे निकल रही थी. दोस्तों मेरे उस भाई को चुदाई करते वक़्त गालियाँ देना बहुत पसंद है और वो उस रात को भी शुरू हो गया वो कहने लगा वाह छिनाल आज तुझे नये नये लंड मिल गये तो तू मेरा लंड भूल गयी क्या? ले मेरे लंड को भी चूस. क्या बताऊ दोस्तों मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया.


 कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था  फिर मैंने उससे कहा कि में तेरा लंड पिछले दो साल से चूस रही हूँ और मैंने तेरा लंड चूस चूसकर इतना बड़ा कर दिया है फिर भी तुझे क्या चैन नहीं आया? चल अब आजा में तेरे भी लंड को थोड़ा सा मज़ा दे हूँ. अब आदर्श मोलेश्वेर  और कोलेश्वेर नाथ  उस रंग में आने लगे थे जिसकी वजह से वो दोनों बड़े उतावले हो रहे थे. तभी कोलेश्वेर नाथ  में मुझे अपनी गोद में उठा लिया और बेड पर लेटा दिया जिसके बाद कोलेश्वेर नाथ  ने मुझ पर भूखे की तरह टूटकर मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाना और चूसना शुरू कर दिया और चन्द्रमतोनेश्वेर  ने मेरे दोनों पैरों को फैला दिए और वो मेरी गुलाबी चूत को चूमने चाटने लगा और तभी अचानक आदर्श मोलेश्वेर  मेरे ऊपर आ गए और उसने अपना 6 इंच का लंड मेरे मुहं में डाल दिया. उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये. 


 दोस्तों मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है उसका मोटा लंड तो मेरे मुहं में घुस ही नहीं रहा था इसलिए मैंने थोड़ी और कोशिश की तब जाकर उसका मोटा लंड मेरे मुहं में बहुत मुश्किल से अंदर चला गया, लेकिन में आप लोगों को क्या बताऊँ मुझे वाह क्या मज़ा आ रहा था? चन्द्रमतोनेश्वेर  अपनी गरम लंबी जीभ से मेरी चूत को बहुत अंदर तक तेज़ी से चाटे जा रहा था और कोलेश्वेर नाथ  एकदम पागलों की तरह मेरे दोनों बूब्स को दबा रहा था और चूस रहा था उसके साथ साथ चूस भी रहा था और अब मेरे मुहं में आदर्श मोलेश्वेर  का लंबा, मोटा और गरम लंड कहर बरसा रहा था. मुझे आज ऐसा लग रहा था कि यह रात कभी खत्म ही ना हो और हम सभी अपने अपने कामों में ऐसे ही पूरी जिंदगी लगे रहे ऐसे ही मज़े करते रहे. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है.


 दोस्तों एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया तभी कुछ देर के बाद सबसे पहले हम सभी में से आदर्श मोलेश्वेर  बोला कि वो अब झड़ने वाला है और वो इतना कहकर अपना लंड मेरे मुहं से बाहर निकालने वाला था, लेकिन तभी मैंने उसके लंड को पकड़ लिया और अब वो अपने लंड को मेरे मुहं में धक्के देकर झाड़ने लगा. अरे दोस्तों में तो बताना ही भूल गई कि में हर लंड के रस की कितनी बड़ी दीवानी हूँ. मुझे लंड चूसना और उसका रस पीना बहुत अच्छा लगता है और इस काम की मुझे एक आदत सी हो गई है. में बड़े मज़े लेकर इस काम को मन लगाकर पूरा करती हूँ और में ऐसा बहुत बार कर चुकी हूँ. दोस्तों चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए.


 ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है फिर मैंने उसका लंड अपने मुहं में लेकर उसका पूरा का पूरा रस पी लिया और फिर में उसके लंड के आसपास लगे हुए बचे रस को भी मैंने अच्छे से चाटकर साफ कर दिया जिसकी वजह से आदर्श मोलेश्वेर  को बड़ा मज़ा आ रहा था. अब वो कहने लगा कि साले चन्द्रमतोनेश्वेर  तूने इससे पहले कभी भी नहीं बताया कि तेरी यह बहन इतनी बड़ी चुदक्कड़ है, देख इसने तो मेरा सारा माल कितने मज़े से पी लिया और लंड को चाट चाटकर चमका भी दिया है, यह तो बहुत बड़ी छिनाल निकली. एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया.


फिर चन्द्रमतोनेश्वेर  कुछ बोले उससे पहले में बोली कि चूतिए तीन लंड को संभाल रही हूँ तो चुदक्कड़ ही हुई ना, चल अब तू मेरी चूत का रस पी ले क्योंकि तेरा लंड दोबारा से खड़ा होने में तो अभी बहुत समय लगेगा और तब तक तू चन्द्रमतोनेश्वेर  के साथ मिलकर मेरी चूत को चाट, आज तू मेरी चूत को खा जा और यह सब देखकर कोलेश्वेर नाथ  तुरंत बीच में कूद पड़ा और वो बोला कि कामिनी सिंधी  मेरी जान अब तू एक बार मेरे लंड का रस भी पी ले, इसको अभी तक किसी भी लड़की ने अपने मुहं में नहीं लिया है, ब्लूफिल्म को देख देखकर मेरी भी बड़ी इच्छा होती है कि मेरा माल भी कोई पी ले प्लीज. मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया.


  दोस्तों कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया फिर मैंने अचानक से उसका लंड पकड़कर अपने मुहं में डाल दिया और में उसको बड़े मज़े लेकर चूसने लगी थी. जिसकी वजह से कोलेश्वेर नाथ  अब लंबी लंबी आहे भर रहा था और वो बहुत जल्दी झड़ने वाला था. इस बात का मुझे अंदाजा लग चुका था. फिर तभी मैंने उसके लंड को बाहर निकालकर उससे कहा कि आ जा कोलेश्वेर नाथ  अपने लंड का सारा माल तू मेरे मुहं में डाल दे और अब वो अपने लंड को एक हाथ से पकड़कर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा. मुझे पता था कि अब कभी भी उसके रस की पिचकारी निकल सकती थी और इसलिए में अपना मुहं खोलकर उसका इंतज़ार कर रही थी. उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मित्रों.


 उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी   तभी एकदम से कोलेश्वेर नाथ  का माल पिचकारी की तरह बाहर निकला और वो मेरे मुहं में जा गिरा उसका थोड़ा सा माल मेरे नरम होंठो गाल और नाक पर भी जा गिरा और मैंने उस माल को अपनी जीभ से चाटकर वापस अपने मुहं में डाल लिया. दोस्तों में सच बताऊँ तो कोलेश्वेर नाथ  का माल आदर्श मोलेश्वेर  के माल से बहुत ज़्यादा निकाला और वो बड़ा मस्त लग रहा था, वो एकदम गरम था. अब कोलेश्वेर नाथ  यह सब देखकर तो बहुत ही मज़े में बोल पड़ा कि कामिनी सिंधी  अगर तू मेरा माल हमेशा इस तरह पियेगी तो में पूरी जिंदगी भर तेरा सेवक भी बनने के लिए तैयार हूँ. मित्रों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु. 


 उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मित्रों फिर मैंने मुस्कुराकर उसका सारा माल निगल लिया और उधर आदर्श मोलेश्वेर  और चन्द्रमतोनेश्वेर  ने मेरी चूत को लगातार चाट चाटकर फुला दिया था. में इस काम में बहुत अनुभवी हूँ इसलिए मेरी चूत में भी बहुत ज़्यादा दम लंड लेने की ताकत और सभी को झेलने की हिम्मत है और इसलिए मेरी चूत इतनी जल्दी गीली नहीं होने वाली थी, लेकिन चन्द्रमतोनेश्वेर  कुछ गोलियां हम सबके लिए लाया था और वो हम सबने ले ली. अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मित्रों.  


 मित्रों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार फिर करीब पांच दस मिनट में ही उन गोलियों का असर हमे अब दिख रहा था, उसकी वजह से मेरी उत्तेजना अब और भी ज्यादा बढ़ गयी थी और उन तीनो के लंड भी अब और भी ज़्यादा तनकर खड़े थे. उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मित्रों  जैसे उसके चुत में माखन भरा हो.


दोस्तों तब मैंने मन ही मन सोच लिया कि अब मुझे इस साले के लंड से अपनी चुदाई करनी है इसलिए मैंने कोलेश्वेर नाथ  को तुरंत नीचे लेटा दिया और फिर में उसके ऊपर आ गई. मैंने उसके लंड को पकड़कर उसको अपनी चूत में डाल दिया और में धीरे धीरे उस लंड के ऊपर बैठती चली गई जिसकी वजह से उसका सारा लंड अब मेरी चूत की गहराई में था. में उसके ऊपर बैठकर उसकी सवारी कर रही थी. मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता.


 उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मित्रों फिर मैंने चन्द्रमतोनेश्वेर  से इशारा करके कहा कि चन्द्रमतोनेश्वेर  अब तू भी आ जा और तू अपना लंड मेरी गांड में डाल दे, आज तू फाड़ दे मेरी गांड को और फिर मेरे मुहं से यह शब्द सुनते ही चन्द्रमतोनेश्वेर  तुरंत मुझ पर लपक पड़ा और उसने अपना पूरा लंड अपना पूरा दम लगाकर मेरी गांड में डाल दिया. इन सभी कामों की बहुत समय से आदत होने की वजह से उसका सारा लंड मेरी गांड में बहुत आराम फिसलता हुआ बिना किसी रुकावट के अंदर चला गया. एक बात और मित्रों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है.


दोस्तों में यह बात आप सभी औरतों और लड़कियों को बताना चाहती हूँ कि गांड मरवाने में एक अजीब सा मज़ा है इसलिए आप लोग भी इस काम को एक बार ज़रूर करके इसके मज़े लीजिए इसके बाद जैसे ही आपकी गांड में लंड जाएगा आपका सारा बदन उस मस्ती में आकर झूम उठेगा. अब मुझे एक सेक्सी वीडियो में देखा हुआ वो एक सीन याद आ गया और फिर मैंने आदर्श मोलेश्वेर  से बोला कि वो मेरे मुहं में अपना लंड डाल दे आअहह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ वाह मज़ा आ गया दोस्तों ऐसा मज़ा मैंने पहले कभी नहीं लिया था और उन तीनो लंड को भी यह सब करना बड़ा अच्छा लगा इसलिए वो तीनो अब बड़ी तेज़ी से मुझे हर एक जगह से चोदने लगे थे. उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है.


 मित्रों देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी दोस्तों कोलेश्वेर नाथ  मेरी कामुक चूत को अपने मोटे लंड से चोदकर उसका फालूदा बना रहा था और चन्द्रमतोनेश्वेर  हमेशा की तरह मेरी गांड को अपने लंड से पूरा अंदर बाहर करके फाड़ रहा था और इधर आदर्श मोलेश्वेर  अपना लंड मेरे मुहं में डालकर पूरा अंदर और फिर बाहर कर रहा था. लंड के हलक में जाने की वजह से मेरी तो साँस ही रुक रही थी, लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और हम सभी पूरे जोश में थे हमे एक अजीब सा नशा सा आ गया था और हम सभी एक अलग दुनिया में पहुँच चुके थे. मित्रों चुत को चाटेने के  समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे.  

 मित्रों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था फिर बहुत देर बाद मुझे ऐसे लग रहा था जैसे चन्द्रमतोनेश्वेर  ने अपना वीर्य मेरी गांड में डाल दिया है और कोलेश्वेर नाथ  ने भी अपने लंड का रस मेरी चूत में उतार दिया था और बस कुछ देर के बाद में भी अब झड़ने वाली ही थी कि आदर्श मोलेश्वेर  ने अपना लंड मेरे मुहं से बाहर निकाला और उसने अपने रस की पिचकारी मेरे मुहं पर उड़ाई जिसकी वजह से मेरा पूरा मुहं उसके गरम चिपचिपे वीर्य से भर गया. अब चुदाई करने को  १००% तैयार थी.  


 मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था . दोस्तों उसी वक़्त में भी झड़ गई जिसकी वजह से मेरी चूत का रस कोलेश्वेर नाथ  के लंड से भी चिपक रहा था और मैंने अब उन सभी को अपने पास में बुलाया और मैंने उन सभी के लंड पर बचा हुआ वो माल मैंने दोबारा चाटना शुरू कर दिया. तब मैंने बहुत ध्यान से देखा कि वो तीनो लंड मुझे चोदकर लाल हो गए थे और फिर उसके बाद हम सभी लोग कुछ देर मस्ती करने के बाद वैसे ही पूरे नंगे ही सो गये. अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मित्रों मै पागल सा हो गया  मै चुदाई के लिए बिल्कुल बेताब  था  मित्रों.

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