मुख्य पृष्ठ » देसी सेक्स स्टोरीज » पति के दोस्तों के साथ ग्रुपसेक्स


पति के दोस्तों के साथ ग्रुपसेक्स

Posted on:- 2024-08-29


नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब , मेरा नाम शिवानी  है और मेरी शादी को पूरे दो साल हो गए है. मेरे चूचियों  का साईज 38 है और मेरे चूचियों  आकार में बहुत बड़ा है, लेकिन दोस्तों मेरे पति का लंड बहुत छोटा है और इसलिए में बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि वो कभी भी मुझे चोदकर अच्छी तरह से संतुष्ट नहीं कर सकते. उन्होंने मुझे आज तक चुदाई का वो सुख नहीं दिया जिसके लिए में अब तक तड़प रही थी. दोस्तों आज में अपनी एक सच्ची चुदाई की कहानी आप सभी को सुनाने जा रही हूँ जिसमे में बताउंगी कि कैसे मैंने अपनी सालों से प्यासी चूत को चुदवाकर संतुष्ट किया. मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया.


 मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है दोस्तों मेरे पति एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करते है और में मेरे घर के काम किया करती थी मतलब कि में एक सीधीसाधी ग्रहणी थी और जब हम अपने नये घर में आए जो हमे मेरे पति की कम्पनी ने दिया था तो वहां पर अड़ोस पड़ोस में बहुत सारे लोग रहते थे. वो सभी बहुत अच्छे लोग थे उनका व्यहवार भी मेरे लिए बहुत अच्छा था और उन में से ही एक मेरे पति का बहुत अच्छा दोस्त बन गया था. वो कभी कभी मुझसे भी हंसी मजाक किया करता था, लेकिन मुझे उसकी नजरे हमेशा अपने जिस्म पर ही नजर आती थी. वो मुझे बहुत घूरकर देखता था, लेकिन में उससे ऊपर ना जाने क्यों कुछ भी नहीं कहती थी और उसको आगे बढ़ने का मौका मिलता रहा. मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है.


 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा  दोस्तों वो हर रोज मेरे घर पर आता था. एक दिन वो जब मेरे घर पर आया तब मेरे पति घर पर नहीं थे और उस समय घर पर में बिल्कुल अकेली थी. वो मुझसे अब बहुत हंस हसंकर बातें करने लगा और बातों ही बातों में उसने मुझसे उस दिन कहा कि में बहुत सुंदर हूँ और मेरे फिगर का आकार बहुत अच्छा है. अब मुझे उसकी यह सभी बातें सुनकर बहुत अछा लगा. में उसकी बातें सुनकर थोड़ा शरमा गई और अपना सर झुककर वहां से किचन की तरफ चली गई और अपना काम करने लगी. मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है    .


 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये वो कुछ देर कमरे में अकेला बैठकर चला गया, लेकिन उस दिन के बाद फिर वो जब भी मेरे घर पर आता तो मुझे हमेशा भूखी नज़रो से देखता और मेरे जिस्म को छूने की कोशिश करता. मुझे अब उसकी सभी हरकते धीरे धीरे अच्छी लगने लगी थी क्योंकि में भी बहुत प्यासी थी और मुझे भी कोई बड़ा लंड चाहिए था जो मेरी चूत को चोदकर उसे ठंडा कर दे और मुझे संतुष्ट कर दे. अब में भी उसे अपने चूचियों , कमर, गांड दिखाने लगी और ज्यादा बड़े गले के कपड़े पहने लगी जिसमे से मेरे बड़े बड़े चूचियों  उसे दिखने लगे और में उसे अपनी तरफ आकर्षित करने लगी. वो अब मेरे जाल में फंसता जा रहा था और उसको भी यह सब देखने और कभी कभी छूने में बहुत मज़ा आता था. फिर एक महीने के बाद मेरे पति को किसी जरूरी काम से तीन दिन के लिए बाहर जाना था तो में उस समय घर पर बिल्कुल अकेली थी और हम दोनों उस समय हमेशा मैसेज से बातें किया करते थे. मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है.


 मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था     जब मेरे पति बाहर गये तो वो उसी दिन शाम को मेरे घर पर आया और फिर वो मेरे बिल्कुल पास में बैठकर मुझे अपने मोबाइल में कुछ सेक्सी फोटो दिखाने लगा. में उन्हें देखकर अब धीरे धीरे गर्म होकर जोश में आती जा रही थी और वो मेरी जांघ पर अपना एक हाथ धीरे धीरे घुमाता हुआ आगे बड़ रहा था. तभी उसने अचानक से मुझे पकड़ कर सोफे पर लेटाया और अब वो मेरे चूचियों  को दबाने लगा. में तो जोश में बिल्कुल दीवानी हो गई और उस समय मैंने सिर्फ़ मेक्सी पहनी हुई थी और उसने अंदर कुछ भी नहीं पहना हुआ था. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.


 साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है वो मेरे चूचियों  को अब कपड़ो के ऊपर से ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और फिर मेरे ऊपर लेट गया और मुझे किस करने लगा. में तो पहले से ही सेक्स की बहुत प्यासी थी और मुझे जैसे आज जन्नत मिल गई थी. में एकदम पागल हो रही थी और अब वो कुछ देर चूचियों  दबाने के बाद मुझे अपनी गोद में उठाकर मेरे बेडरूम में ले गया और उसने मुझे मेरी मेक्सी उतारकर पूरी नंगी कर दिया था और अब वो खुद भी नंगा हो गया. दोस्तों में तो उसका लंबा मोटा लंड देखकर ही डर गई. उसका लंड करीब 8 इंच लंबा था और तीन इंच मोटा था जिसको देखकर में डरकर वहीं पर खड़ी हो गई. अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.


 मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया फिर उसने मुझसे बोला कि रंडी अब डरकर कहाँ जा रही है? तूने अब इसे खड़ा किया है तो अब चूस भी ले और उसने मेरे बाल पकड़कर अपना लंड जबरदस्ती मेरे मुहं में डाल दिया और फिर वो मेरा मुहं चोदने लगा. उसका लंड मेरे मुहं में सिर्फ़ तीन इंच ही अंदर जा रहा था. मेरी तो आंख से आंसू बाहर निकल गये थे और वो मुझे गालियाँ दे रहा था आअहह रंडी, भोसड़ी की हाँ और ज़ोर से चूस मेरा लंड, साली तेरा मर्द तुझे नहीं चोदता, साली छिनाल, लेकिन आज में तेरी चूत को चोद चोदकर इसका भोसड़ा बना दूंगा. में आज तेरी चूत को फाड़ दूंगा. दोस्तों में उसकी यह बातें सुनकर बहुत डर गई और मन ही मन सोचने लगी कि यह मैंने क्या किया. आज तो में मर ही जाउंगी, इसका मोटा लंड मेरी चूत फाड़कर भोसड़ा बना देगा और मुझे बहुत दर्द होगा. वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों  .


 मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया फिर दस मिनट के बाद उसने मुझे बेड पर गिरा दिया और वो मेरे ऊपर बैठ गया और अब उसका लंड मेरे चूचियों  के बिल्कुल बीच में था और वो अब अपने लंड से मेरे चूचियों  को चोदने लगा और मेरे चूचियों  को ज़ोर ज़ोर से दबाने मसलने लगा. करीब दस मिनट के बाद मेरे दोनों पैर अपने कंधो के ऊपर करके उसने मेरी चूत के पास उसका 8 इंच का लंड लगाया और फिर उसने एक ज़ोर का झटका मारा जिसकी वजह से मेरे मुहं से चीख निकल गई. में तो उस दर्द की वजह से धीरे धीरे बेहोश सी होने लगी, लेकिन वो जालिम अब कहाँ रुकने वाला था. वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों  .


 मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया अब में उससे आग्रह करने लगी कि प्लीज अब इसे बाहर निकालो वरना में मर जाउंगी उह्ह्ह्हह्ह आईईइ प्लीज मुझे बहुत दर्द हो रहा है उफफ्फ्फ्फ़, लेकिन वो नहीं माना और लगातार धक्के देता रहा. फिर उसने एक झटका दिया तो उसकी वजह से में बेहोश हो गई, लेकिन फिर भी वो मुझे लगातार चोदता रहा और फिर पांच मिनट के बाद जब मुझे होश आया तो मैंने देखा कि वो मुझे अभी भी लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोद रहा था और में रंडी की तरह तड़प रही थी. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों . 


     मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया वो मुझे अब और भी ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा और कहने लगा कि में आज तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा और सभी लोगो से तुझे चुदवाऊंगा में तुझे छिनाल बनवाऊंगा. दोस्तों वो मुझे करीब तीस मिनट तक लगातार चोदता रहा इस बीच में तीन बार झड़ चुकी थी और अब वो भी झड़ने वाला था. मैंने उससे बोला कि प्लीज अपना वीर्य अंदर मत डालना. फिर वो मुझसे बोला कि साली रंडी क्यों तू मेरा लंड लेने को तैयार है, लेकिन मेरा वीर्य नहीं? में तो आज चूत के अंदर ही डालूँगा साली छिनाल. उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब 


 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों   फिर उसने अपना वीर्य मेरी चूत के अंदर ही डाल दिया और में उसके वीर्य की एक एक बूंद को अपनी चूत में महसूस कर रही थी. में उसकी इस चुदाई से बहुत संतुष्ट थी और मुझे आज चुदाई का वो पूरा सुख मिला था जिसको में अपने पति से चाहती थी, लेकिन वो यह सब सुख मुझे देने में बिल्कुल असमर्थ थे. दोस्तों उसने उस दिन मुझे शाम के 5 बजे से लेकर रात के 11 बजे तक 4 बार लगातार चोदा. जिसकी वजह से तो में अगले दिन ठीक तरह से चल भी नहीं पा रही थी, लेकिन मुझे उससे अलग अलग तरीकों से चुदवाकर बहुत मज़ा आया. उसके बाद वो उठकर बाथरूम गया और अपने लंड को साफ किया और फिर अपने घर पर चला गया. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया.


 कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था  फिर मैंने अगले दिन रात को दो बजे उसको फोन किया और उसे अपने घर पर बुलाया और जब में दरवाजा खोलने गई तो मैंने देखा कि वो अब अपने साथ अपने दो और दोस्तों को मेरी चुदाई करवाने के लिए लेकर आया जिनको देखकर में बहुत हैरान थी, लेकिन मन ही मन बहुत खुश भी थी. मैंने उससे पूछा कि तुम इन दोनों को यहाँ पर क्यों लाए हो? तो वो मुझसे मुस्कुराते हुए बोला कि मेरी रानी तेरी चूत फाड़ने के लिए यह आज यहाँ पर मेरे साथ आए है. दोस्तों उस समय में सिर्फ़ टी-शर्ट और पेंटी में थी. दोस्तों वो दोनों मुझे दारू पिये हुए लग रहे थे, लेकिन में उनके हट्टे कट्टे बदन को देखकर बहुत खुश थी कि आज से मुझे अब नये नये लंड से अपनी चूत को चुदवाने का मौका मिल रहा है और में उम्मीद कर रही थी कि जैसे वो दिखने में लंबे चौड़े है तो हो सकता है उनके लंड भी वैसे ही मोटे लंबे हो और फिर मैंने उन तीनो को अंदर बुलाया, लेकिन वो लोग अंदर आने से मना करने लगे और वो बोले कि हम तुझ जैसी रंडी को तो यहीं गार्डन में खुले में ही चोदेगे. उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये .


 मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है फिर मैंने उनसे बोला कि देखो रात का समय है और कोई अगर हमारी आवाज़ सुनेगा तो बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी. तुम सभी प्लीज अंदर आ जाओ और फिर तुम्हे मेरे साथ जो कुछ भी करना है कर सकते हो में तुमसे चुदने के लिए तैयार हूँ. तभी उसमे से एक ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे गोद में उठाकर अंदर ले गया और उसने मुझे डाईनिंग टेबल पर लेटा दिया और अब मेरी पेंटी को खींचकर उतार दिया और वो मेरी चूत को चाटने लगा. दो मेरे पास में आजू बाजू खड़े हो गये, उनमे से एक ने मेरी टी-शर्ट को पकड़ा और ज़ोर से खींचकर फाड़ दिया और अब वो मेरे चूचियों  को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और वो लोग मुझे बहुत गालियाँ दे रहे थे और मुझसे बोल रहे थे कि यह साली रंडी छिनाल हमे इससे पहले क्यों नहीं मिली? इसकी गांड तो अब तक एकदम सील पेक है. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है.


 मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया फिर उसमे से एक ने अपना 8 इंच का लंड बाहर निकाला और मेरे मुहं में जबरदस्ती घुसा दिया. में उसे लोलीपॉप की तरफ चूसने लगी कि तभी उनमे से एक बोला कि देख साली कैसी रंडी कुतिया है कितने मज़े से इसका लंड चूसकर मज़े ले रही है, अब आ जा मेरे लंड का भी थोड़ा मज़ा ले. फिर उसने अब इतना कहकर अपना लंड बाहर निकालकर मेरी चूत के मुहं पर रखकर एक ही जोरदार धक्के में पूरा अंदर डाल दिया जिसकी वजह से में उस दर्द से चीखने लगी, लेकिन मेरे मुहं में तो उनमे से एक का उसका लंड था जिसकी वजह से मेरी चीख मेरे मुहं में ही दबकर रह गई और अब मेरे दोनों छेद उनके काम में लगे हुए थे. फिर कुछ देर चोदने के बाद उन्होंने मुझे वहीं टेबल पर कुतिया बना दिया और अब वो मुझे दोनों तरफ से धक्के देकर चोदने लगे. मेरे मित्रगणों  चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए.


 ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है दोस्तों मुझे उनके चोदने के तरीके से चुदकर बड़ा मज़ा आ रह था, क्योंकि वो सभी मिलकर मुझे चोद रहे थे. फिर कुछ देर बाद तीसरे ने अपना लंड बाहर निकाला तो में उसका वो काला, मोटा, लंबा लंड देखकर एकदम डर गई क्योंकि उसका लंड तो इन दोनों से भी ज्यादा बड़ा और मोटा था. अब वो मेरे नीचे आ गया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर धीरे धीरे धक्के मारने लगा. उनमे से एक ने अपना लंड मेरी मुहं में डाला दूसरा मेरी गांड फाड़ने में लग गया और तीसरा मेरे नीचे घुसकर मेरी चूत को शांत करने लगा. एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया.


 है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई दोस्तों में शब्दों में आप सभी को क्या बताऊँ? में तो आज उनकी इस चुदाई से आसमान के ऊपर थी और मुझे इतना मज़ा कभी भी सेक्स करने में नहीं आया था. में भी अब उनका पूरा पूरा साथ दे रही थी और वो अपने अपने कामों में पूरी ईमानदारी से लगे हुए थे. फिर कुछ देर चोदने के बाद वो तीनों बारी बारी से झड़ने लगे और उन सभी ने अपना अपना वीर्य मेरे अंदर ही छोड़ दिया, जिसकी वजह से मेरा मुहं, चूत, गांड उनके गरम गरम वीर्य से पूरी तरह भर गई और कुछ देर रुकने के बाद मैंने उन सभी के लंड को चाटकर साफ किया और अपनी चुदाई के लिए एक बार फिर से तैयार किया. दोस्तों उन्होंने अपनी जगह बदल बदलकर मुझे बहुत बार चोदा और उसके बाद उनका मेरे घर पर आना जाना और मेरी चुदाई करना लगा रहा. अब में उनकी चुदाई से बहुत संतुष्ट हूँ. मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया मेरे मित्रगणों  कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया.

What did you think of this story??






अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें


हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !


* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।