नमस्कार मेरे मित्रगणों और सुनाइए कैसे आप सब में दीदी का भाई.. दोस्तों में आज आप सभी के सामने एक बिल्कुल ही चकित कर देने वाली स्टोरी लेकर आया हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि आप भाइयों और बहनों को मेरी यह मेरी सच्ची स्टोरी बहुत पसंद आएगी। इस स्टोरी के कई किरदार हैं.. लेकिन कुछ अहम किरदार भी हैं। दोस्तों मेरा नाम कुणाल कुलवाणी है और में 26 साल का ठीक ठाक दिखने वाला लड़का हूँ और मेरे घर में मेरी मम्मी, पापा और मेरी एक बहन रहती हैं और हम एक अपार्टमेन्ट में रहते हैं और मेरे पापा मम्मी नौकरी करते हैं। घर पर मेरी बहन रहती है जिसकी उम्र 25 साल है.. मेरी बहन का फिगर 34-24-33 है और उसका नाम पुस्पा केलवणी है। वो दिखने में बहुत ही खूबसूरत है और सेक्सी भी.. उसके फिगर से ही आपको अंदाज़ा लग गया होगा कि वो चोदा चुदाई की एक मूर्ति। वैसे में मुठ मारने का आदी हूँ और लगभग हर दिन में एक बार मुठ मार ही लेता हूँ.. बाथरूम तो कभी रात में अपने बिस्तर पर ही। मेरे घर में तीन बेडरूम है एक डाइनिंग और एक ड्रॉयिंग रूम है.. दो अटेच टॉयलेट हैं और एक किचन है। एक बेडरूम में मम्मी और पापा सोते हैं तो दूसरे बेडरूम में में सोता हूँ और तीसरे बेडरूम में मेरी बहन सोती है। मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.
लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों दोस्तों एक दिन की बात है और वो गर्मियों का दिन था और हम लोगों को एक शादी में कुछ दिनों के लिए जाना था। मम्मी, पापा शादी में जाने की तैयारी कर रहे थे.. तभी अचानक जाने से दो दिन पहले मेरी बहन ने कहा कि वो शादी में नहीं जाएगी क्योंकि उसको कुछ अपने पढ़ाई से सम्बन्धित प्रॉजेक्ट्स पर काम करना था। तो फिर मम्मी, पापा ने मुझसे कहा कि में भी अपनी दीदी के साथ ही रहूं और फिर में भी मान गया। फिर दो दिनों के बाद पापा, मम्मी सुबह सुबह 5 बजे ही घर से निकल गये और मुझे और मेरी दीदी को समझाकर गये कि ठीक से रहना, अपना ख्याल रखना और अजनबियों से बातें ना करना। तो में दरवाजा बंद करके अपने कमरे में आ गया और दीदी से बोला कि में सोने जा रहा हूँ.. तभी वो भी मुझसे बोली कि वो भी अपने रूम में सोने जा रही है। उसके बाद में अपने कमरे में आ गया और सो गया। में 9.30 बजे सुबह उठा और अपने कमरे से बाहर निकला और मैंने देखा कि हमारे घर की नौकरानी काम कर रही थी और मेरी बहन किसी से फोन पर बातें कर रही थी। मेरे मित्रगणों क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया.
मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है फिर अचानक मेरी बहन ने मुझे देखकर फोन बंद कर दिया और बाथरूम में फ्रेश होने चली गयी और फिर थोड़ी देर के बाद में भी फ्रेश हो गया था और हमारी नौकरानी भी अपना सभी काम करके चली गयी थी। तो मैंने दीदी से कुछ नाश्ते के लिए खाने को माँगा.. तो दीदी ने दो प्लेट नाश्ता लगाया.. एक खुद के लिए और एक मेरे लिए और फिर हम टेबल पर खाने के लिए एक साथ बैठ गये। उस दिन दीदी ने एक छोटी टी-शर्ट और हाफ पेंट पहनी थी और उसमे वो एकदम मस्त माल लग रही थी। तभी अचानक दीदी ने मुझसे कहा कि कुणाल कुलवाणी आज एक लड़की घर पर आएगी.. तो मैंने पूछा कौन? तो दीदी ने कहा कि वो उसकी एक बहुत अच्छी दोस्त है और उसका नाम रिया चूतथोड़े है और वो यहाँ पर कुछ काम से आ रही है और कुछ दिन तक हमारे घर में हमारे साथ ही रहेगी। तो मैंने कहा कि ठीक है उसके यहाँ पर रुकने से मुझे कोई आपत्ति नहीं है। फिर करीब दो घंटे के बाद दरवाजे की घंटी बजी और में गेट खोलने गया और जैसे ही मैंने गेट खोला तो देखा कि बाहर गेट पर एक बहुत हॉट लड़की थी तो मुझे लगा कि वो ही रिया चूतथोड़े है.. दीदी की दोस्त। मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है.
ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना लड खड़ा ही हो जायेगा फिर मैंने उससे उसका नाम पूछा.. तो उसने अपना नाम रिया चूतथोड़े बताया। फिर मैंने उनको अंदर आने का इशारा किया। तभी इतनी देर में दीदी भी आ गयी और अपने दोस्त के गले लग गयी। फिर उनकी दोस्त दीदी के कमरे में आ गयी और अपना समान रखा और फिर हम तीनो ने एक साथ बैठकर दोपहर में खाना खाया और फिर में अपने कमरे में चला गया। तो दीदी और उसकी दोस्त रिया चूतथोड़े अपने कमरे में.. दोस्तों रिया चूतथोड़े दिखने में बहुत ज्यादा खूबसूरत तो नहीं.. लेकिन सेक्सी और बिल्कुल बोल्ड थी। तभी कुछ देर के बाद मेरे कमरे में दीदी और उसकी दोस्त आई और मेरे सामने आकर बैठ गई। तभी दीदी ने मुझसे कहा कि कुणाल कुलवाणी .. रिया चूतथोड़े को थोड़ी बहुत शॉपिंग करनी है और में उसके साथ मार्केट जा रही हूँ और में कुछ देर के बाद लौटूँगी और फिर उसके कुछ देर के बाद वो कपड़े बदल कर बाहर चले गये और में घर पर अकेला था। तभी मैंने सोचा कि क्यों ना एक बार एक शानदार मुठ मार ली जाए रिया चूतथोड़े के नाम.. जो कि दीदी की दोस्त थी। मेरे मित्रगणों चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है .
क्या बताऊ मेरे मित्रगणों उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये फिर मैंने सोचा कि रिया चूतथोड़े के नाम की मुठ मारने के लिए क्यों ना में कुछ रिया चूतथोड़े की पेंटी और ब्रा का इस्तेमाल करूँ? तो में दीदी के कमरे में गया और मैंने रिया चूतथोड़े का बेग खोला और उसका बेग खोलने के बाद उसके अंदर रखे सामानों को देखकर में तो दंग .मेरे मित्रगणों मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है ही रह गया। उसके बेग में कुछ ब्लू फिल्म की डीवीडी थी और कुछ सेक्सी किताबें थी और 8-10 पेकेट कंडोम थे। तो में सोचने लगा कि यह सब माजरा क्या है? तभी मैंने एक डीवीडी पर रिया चूतथोड़े की नंगी फोटो देखी और तब मुझे पता चला कि रिया चूतथोड़े एक रंडी है और अब मुझे अपनी दीदी पर बहुत आशचर्य हुआ कि रिया चूतथोड़े एक रांड है और यह दीदी की दोस्त कैसे बन गयी। तो में 5-6 बार मुठ मारकर अपने कमरे में आकर लेट गया और करीब रात को 8 बजे दीदी और रिया चूतथोड़े घर पर आई तो मुझे वो दोनों बहुत ही ज़्यादा खुश लग रही थी। फिर रात को हमने खाना बाहर से ऑर्डर किया और फिर हमने एक साथ खाना खाया में बार बार रिया चूतथोड़े की तरफ ही देख रहा था और अपनी दीदी की तरफ भी और खाना खाने के बाद दीदी मेरे रूम में आईं और बोली कि कुणाल कुलवाणी आज रात को तीन लोग हमारे घर पर आएँगे और कुछ दिनों तक घर पर ही हमारे साथ ही रहेंगे। तो मैंने पूछा कि वो लोग कौन है? तो दीदी ने जवाब दिया कि वो में तुम्हे कल ही बता दूंगी.. लेकिन प्लीज तुम यह बात मम्मी और पापा को मत बताना। मेरे मित्रगणों क्या मलाई वाला माल लग रहा था. .
चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए तो मैंने पूछा कि लेकिन वो लोग हैं कौन? तो दीदी ने मुस्कुराकर कहा कि वक्त आने पर तुम्हे सब पता चल जाएगा मेरे भाई। तो में कुछ नहीं बोला और दीदी वहां से अपने कमरे में चली गई तो कुछ ही देर के बाद घंटी बजी और दीदी ने दरवाजा खोला तभी मैंने देखा कि करीब 5 लोग हमारे घर पर आए और दीदी ने उन लोगों को बाहर के कमरे में बैठाया और वो खुद किचन में आकर चाय बनाने लगी। तो दीदी से मैंने पूछा कि यह लोग कौन है? तो दीदी ने सिर्फ़ मुझे एक स्माईल दी.. लेकिन मुझे उनके बारे में कुछ भी नहीं बताया और अब में उन लोगों के चेहरे ही देख रहा था.. उनमे से एक आदमी की उम्र करीब 25 साल होगी और दूसरे की 34 साल, तीसरे की 40 साल, चौथे की 41 साल और पाँचवें की 45 साल के आसपास और उनके पास बहुत ही बड़ा एक बेग था और बहुत सारा समान था। फिर दीदी ने मुझे बुलाया और अकेले में कहा कि कुणाल कुलवाणी आज की रात बहुत ही हसीन होगी और आज तेरी बहन एक रंडी बनने जा रही है। तो मैंने बहुत घबरा कर पूछा कि दीदी तुम ऐसा क्यों कर रही हो? तो उसने मुझे एक किस करते हुआ कहा कि भाई हवस के बिना ज़िंदगी का मज़ा नहीं है। साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.
तो मैंने कहा कि में मम्मी, पापा को यह सब बता दूँगा। तो दीदी ने हंसते हुए कहा कि तुम मम्मी पापा को कुछ नहीं बताओगे और अगर तुमने उन्हें कुछ बताया तो में खुद ही मम्मी पापा को फोन करूँगी और रो रोकर कहूँगी कि तुम अब सुनिए चुदाई की असली कहानी मुझसे यह सब करवा रहे हो। तो में एकदम चुप हो गया और सोचने लगा कि अब में क्या करूं.. लेकिन बहुत सोचने के बाद निर्णेय लिया कि कुछ नहीं कहूँगा और मजबूरी में वो जैसा कहेगी कर लूँगा। फिर दीदी ने मुझसे कहा कि वैसे ज्यादा मत सोचो और अगर तुम चाहो तो आज इस हवस में हमारे साथ शामिल हो सकते हो। फिर दीदी, रिया चूतथोड़े और बाकी के 5 लोग दीदी के कमरे में चले गये और कमरे में सभी लोग बहुत आवाज़े कर रहे थे और हंस भी रहे थे। तो में दरवाजे के पास गया तो मैंने देखा कि उनकी तैयारी एक ब्लू फिल्म बनाने की है। में अपने कमरे में चला आया और पूरी तरह नंगा होकर बिस्तर पर लेट गया और रात बहुत हो चुकी थी और करीब 12 बज रहे होंगे। तभी अचानक से दीदी की बहुत ज़ोर से चीखने की आवाज़ आई। तो मैंने देखा कि दीदी अपने कमरे में से बाहर दौड़कर आ रही है और उस समय वो पूरी नंगी थी और उसके शरीर से बहुत बदबू आ रही थी। मेरे मित्रगणों एक बार चोदते चोदते मेरा लंड घिस गया.
वहा का माहौल बहुत अच्छा था मेरे मित्रगणों फिर वो चीखते हुए बाथरूम में जा रही थी और वो चिल्ला रही थी कि यह तुमने क्या कर दिया.. आज में गयी उह्ह बाबा उह्ह आह। फिर दीदी कुछ 15 मिनट के बाद बाथरूम से बाहर आई और अपने कमरे में चली गयी और रात भर उनकी चुदाई और ब्लूफिल्म की शूटिंग चलती रही और में सुबह उठा करीब 8 बजे तो मैंने देखा कि रिया चूतथोड़े और दो लोग नंगे लेटे हुए थे.. लेकिन मुझे दीदी और बाकी के तीन लोग नज़र ही नहीं आ रहे थे। तो मैंने रिया चूतथोड़े को नंगे ही जगाया और पूछा कि दीदी कहाँ है? तो रिया चूतथोड़े ने मेरे लंड पर जबरदस्त अपने हाथ से मारा और मुझसे गाली देते हुए बोला कि साले तेरी दीदी अब रखैल और रंडी हो गयी है तू उसे कोठे पर जाकर देख। मैंने फिर से रिया चूतथोड़े से पूछा कि प्लीज बताए कि दीदी कहाँ है? तो रिया चूतथोड़े ने हंसते हुए कहा कि अच्छा साले अभी बताती हूँ.. लेकिन तुझे मेरी बात माननी पड़ेगी। तो मैंने कहा कि ठीक है में आपकी हर मानूंगा। तो उसने कहा कि तू मेरे साथ टॉयलेट में चल.. तो में उसके साथ टॉयलेट में गया। तो वो टॉयलेट के सीट पर बैठ गयी और फिर उसने कहा कि तू अब मेरी गांड को चाट.. तो मैंने वैसा ही किया और फिर उसने मुझे बताया कि दीदी एक ब्लू फिल्म शूटिंग हॉल में रात में 3 बजे से गयी है वो अपनी चुदाई की फिल्म बनवा रही है। मेरे मित्रगणों उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.
वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों तो में जल्दी से उस शूटिंग हॉल में गया तो मैंने देखा कि मेरी दीदी एक कमरे में 10 लोगों के साथ नंगी लेटी हुई है और दीदी ने बहुत शराब भी पी रखी थी और मैंने वहाँ पर देखा कि दीदी और बाकी सभी लोग बेसुध होकर फर्श पर सोए हुए हैं वहां पर किसी को कुछ होश नहीं था और सभी सो रहे थे। तो में वहाँ से मेरे मित्रगणों चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया.
ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों तुरंत अपने घर पर आ गया और मैंने दरवाजे पर बेल बजाई तो मैंने देखा कि रिया चूतथोड़े ने अपने बदन को बेडशीट से पूरा ढककर दरवाजा खोला। फिर में अंदर आ गया और अपने कमरे में चला गया और फिर में तुरंत अपने बाथरूम में फ्रेश होने गया तो देखा कि बाथरूम पूरा का पूरा गंदी गंदी चीज़ों से भरा हुआ था और मैंने किसी तरह सोचा कि पेशाब कर लूँ.. लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई। तो अचानक रिया चूतथोड़े ने मुझसे कहा कि अगर में चाहू तो उसके कमरे में चलकर पेशाब कर सकता हूँ और अब मेरे पास दूसरा कोई रास्ता भी नहीं था.. इसलिए में नंगा होकर रिया चूतथोड़े के कमरे में जाकर पेशाब करने लगा। तो रिया चूतथोड़े वहीं पर मेरे पास नंगी खड़ी मुझे घूर घूर कर देख रही थी। तभी वो मेरे पीछे आई और मेरे लंड को अपने एक हाथ से पकड़ कर आगे पीछे हिलाने लगी और फिर थोड़ी देर के बाद मेरे आगे आकर पेशाब को चाटने लगी। फिर मैंने अपना लंड उसके मुहं में दे दिया तो वो उसे बड़े मजे से चूसने लगी। तो में भी उसके चूचियों को दबाने, मसलने लगा। मेरे मित्रगणों एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया.
उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों गजब तभी थोड़ी देर के बाद मैंने उसको नीचे लेटाया और लंड को चूत पर टिकाकर और एक ज़ोर का धक्का दिया और पूरा का पूरा लंड चूत में डालकर उसको बड़े हरामी की तरह चोदने लगा.. में उसकी चूत पर ताबड़तोड़ धक्के दिए जा रहा था और वो सिसकियाँ ले रही थी और कह रही थी चोद और चोद मुझे और ज़ोर से चोद मुझे हाँ लगा और लगा अपने लंड का पूरा दम.. फाड़ दे मेरी चूत को.. दे और दे और ज़ोर से धक्के दे। तो में भी जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से धक्के दिए जा रहा था.. लेकिन इस चुदाई की वजह से मैंने उस समय अपने लंड कंडोम नहीं पहना था और फिर उसने मुझसे इस बारे में यह कहा कि जब में झड़ने लगूं तो अपना लंड को उसकी चूत से निकाल लूँ तो मैंने कहा कि ठीक है.. लेकिन जब में उसको चोदने लगा तो मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरा सारा वीर्य उसकी चूत के अंदर चला गया.. लेकिन उस समय चुदाई में व्यस्त होने की वजह से हमे बिल्कुल ही ख्याल नहीं रहा और हम जमकर एक दूसरे के साथ मज़े ले रहे थे। मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों.
क्या बताऊ मेरे मित्रगणों मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया फिर एक घंटे लगातर उसे चोदने के बाद हम दोनों बहुत थक गए थे और फिर हम दोनों फ्रेश हुये और रिया चूतथोड़े नहाकर कपड़े बदलकर मेरे पास आई और मुझसे कहा कि उसे बहुत भूख लगी है.. क्योंकि पुस्पा केलवणी (मेरी दीदी) का तो कोई पता नहीं था कि वो कब तक कुछ. भी हो माल एक जबरजस्त था आएगी। तो मैंने उससे कहा कि अगर उसे खाना बनाना आता है तो किचन में जाकर बना ले.. तो रिया चूतथोड़े ने कहा कि चलो हम बाहर किसी होटल में जाकर खा लेते हैं। तो मैंने भी हाँ कर दिया और फिर हम दोनों होटल में खाना खाने चले गये और खाने के बाद हमने सोचा कि पुस्पा केलवणी के पास चलें। तो हम उस शूटिंग हॉल में चले गये जहाँ पर मैंने दीदी को देखा था और जब हम वहाँ पर पहुंचे तो देखा कि वहाँ कोई भी नहीं था और दीदी भी नहीं बस वहाँ पर दीदी के फटे हुए कपड़े थे। तभी पुस्पा केलवणी ने एक फोन लगाया और पता चला कि पुस्पा केलवणी (मेरी दीदी) रेलवे स्टेशन के पास एक प्राईवेट रूम में कुछ लोगों के साथ चुद रही थी। उसको देखकर किसी का मन बिगड़ जाये .
मेरे मित्रगणों मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है तो रिया चूतथोड़े ने फोन रखने के बाद मुझे बताया कि मेरी दीदी आज कुल मिलाकर 18 लोगों से चुदी है और बात सुनकर में तो बहुत ही दंग रह गया। फिर में और रिया चूतथोड़े एक रेस्टोरेंट में गये और मैंने वहाँ पर रिया चूतथोड़े से उसके बारे में पूछा.. तो रिया चूतथोड़े ने मुझे बताया कि वो एक रांड है और उसकी मुलाकात मेरी दीदी से तीन महीने पहले हुई थी और उसने बताया कि मेरी दीदी हमेशा से एक रंडी बनाना चाहती थी और इसी दौरान वो मेरी दोस्त बन गयी। रिया चूतथोड़े ने अपनी स्टोरी बहुत विस्तार में बताई और फिर रिया चूतथोड़े ने कहा कि क्यों ना हम एक नया प्लान बनाए और मैंने कहा कि क्या? तो रिया चूतथोड़े ने कहा कि चलो आज हम एक पब्लिक टॉयलेट में चुदाई करते हैं। तो में भी मान गया और फिर हम एक छोटे से पब्लिक टॉयलेट में गये.. लेकिन वो टॉयलेट बहुत ही छोटा सा था और उस टॉयलेट का गेट टूटा हुआ और वो लकड़ी का था और उस टॉयलेट में सिर्फ़ एक आदमी ही बैठ सकता था और जैसे ही हमने टॉयलेट का गेट खोला तो देखा की टॉयलेट की सीट पर गंदगी फैली हुई है.. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है.
मेरे मित्रगणों एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया लेकिन रिया चूतथोड़े ने कहा कि कोई बात नहीं हम कर लेंगे। फिर में टॉयलेट की सीट पर बैठ गया और रिया चूतथोड़े मेरे ऊपर अपनी चूत में मेरा लंड डालकर बैठ गई और हमने अपने कपड़े उतार दिए थे। तो में उसे नीचे से धक्के देकर चोदने लगा और वो भी थोड़ा बहुत ऊपर नीचे होकर मेरे लंड से अपनी चूत को ठंडा करने में लगी रही और फिर करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद मैंने उसकी चूत में अपना सारा का सारा वीर्य डाल दिया। फिर हम कपड़े पहनकर वापस घर पर आ गए। दोस्तों उसके बाद मेरा मुठ मारने का काम बिल्कुल बंद हो गया.. में जब जी चाहे उसको चोदने लगा। मैंने अब उसके घर पर जाकर भी उसको चोदना शुरू कर दिया है ।। मेरे मित्रगणों चोदते चोदते कंडोम के चीथड़े मच गए मेरे मित्रगणों कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया.