नमस्कार साथियों, मेरा नाम महंत है और में जेवर का रहने वाला हूँ. में इस साईट का बहुत बड़ा फेन हूँ और मैंने देशीअडल्टस्टोरी डॉट कॉम की लगभग सारी स्टोरी पढ़ी है, इसलिए मेरा भी मन हुआ कि में भी अपना अनुभव आप लोगों के साथ बाटूँ. ये Hindi sex kahani मेरी और मेरी कज़िन के बारे में है. में अपनी कज़िन के बारे में बता दूँ, उसका नाम नेहा है और वो थोड़ी साँवली है, लेकिन उसका फिगर तो किसी को भी मस्त कर देने वाला है. अब में सीधे कहानी पर आता हूँ.
मित्रगणों ये आज से 2 साल पहले की बात है, में जेवर में जॉब करता हूँ और मेरी कज़िन भी जेवर में ही जॉब करती है, हमारे ऑफीस आस-पास ही थे और हम एक ही सोसाइटी में रहते थे, इसलिए सुबह जब में ऑफिस जाता हूँ तो वो भी मेरे साथ ही जाती है, क्योंकि में अपनी कार से जाता था. फिर इसी तरह साथ जाते और आते पता नहीं कब में उसे प्यार करने लगा, लेकिन में शादीशुदा हूँ और वो मेरी बहन थी, इसलिए कभी उससे कह नहीं सका. लेकिन एक दिन मेरी पत्नी अपने घर गयी हुई थी, तो मेरी कज़िन मेरे लिए डिनर लेकर आई, क्योंकि हमारा घर आस-पास ही था. में उस समय में अपने लेपटॉप पर ब्लू फिल्म देख रहा था और जैसे ही मैंने उसकी आवाज़ सुनी, मैंने झटसे अपना लेपटॉप बंद कर दिया और वॉशरूम में चला गया और जब में हाथ धो कर बाहर आया तो मेरा लेपटॉप नेहा के पास था और उसमे वही ब्लू फिल्म चल रही थी और नेहा उसे देख रही थी. में उसके पीछे खड़ा था, लेकिन नेहा को ये नहीं पता था.
मित्रगणों मैंने सोचा कि आज ही सही मौका है अपने दिल की बात उसे बताने का, लेकिन कैसे कहूँ? ये समझ नहीं आ रहा था. फिर अचानक मेरे दिमाग में एक आइडिया आया, जब तक मूवी चलती रही में चुपचाप खड़ा रहा और जब मूवी ख़त्म हुई तो मैंने नेहा से पूछ लिया कि मूवी कैसी लगी? वो एकदम डर सी गयी और कुछ भी नहीं बोली. मैंने आराम से उसका हाथ पकड़ा और फिर से पूछा कि बताओ ना मूवी कैसी लगी? तो उसने बस इतना ही कहा कि आप ख़ाना खा लेना में बर्तन बाद में ले जाउंगी. मैंने उससे कहा कि बाद में क्यों? मेरे पास थोड़ी देर बैठो ना और बर्तन साथ में ही ले कर जाना, तो वो मान गयी. मैंने खाना शुरू किया और साथ ही मैंने दोबारा नेहा से पूछा कि बताओ ना मूवी कैसी लगी? तो उसने कोई जवाब नहीं दिया और जाने लगी. मैंने उसका हाथ पकड़कर उसे रोका और एकदम से कह दिया कि नेहा में नहीं जानता जो में कह रहा हूँ वो ठीक है या ग़लत, लेकिन में तुमसे प्यार करने लगा हूँ. वो अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी.
मित्रगणों तो मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया और ज़बरदस्ती उसे किस करने की कोशिश करने लगा, लेकिन वो नहीं मान रही थी और कह रही थी कि भैया ये ग़लत है, आप मेरे भाई है और हमारे बीच में ऐसा रिश्ता ग़लत है, प्लीज़ मुझे छोड़ दो. लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और उससे पूछा कि एक बात बताओ क्या में तुम्हें अच्छा नहीं लगता, तो वो बोली कि भैया ऐसी कोई बात नहीं है, लेकिन भाई बहन के बीच में ये सब ग़लत होता है. मैंने उसे अपनी बाहों में भर रखा था और फिर मैंने उसकी चूची दबानी शुरू कर दी और वो कहने लगी कि भैया प्लीज़ मत करो, दर्द होता है.
मैं : देख तू मान जायेगी, तो इतना दर्द नहीं होगा, प्लीज़ मान जाओ ना.
नेहा : प्लीज़ भैया, प्लीज़ मुझे छोड़ दो, मुझे जाने दो. इतने में मैंने उसकी टी-शर्ट में हाथ डाल दिया था और उसकी चूचीयों को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा.
मैं : नेहा तेरे बूब्स तो बहुत अच्छे है. प्लीज एक बार मान जा, में तुझे आज सितारों की सैर करवाऊंगा और फिर में उसकी टी-शर्ट ऊपर करने लगा, वो मना कर रही थी, लेकिन अब उसका विरोध कुछ कम हो गया था. शायद उसके भी अरमान जागने लगे थे और फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को और ब्रा को ऊपर कर दिया और उसकी चूची चूसने लगा, थोड़ी देर में नेहा के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी.
नेहा : आआआह्ह्ह्ह भैया बहुत दर्द हो रहा आराम से करो.
मैं : जानू आराम से ही करूँगा, बस अब तू मान गयी है तो अब दर्द कम होगा और मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया और बेड पर लेटा दिया और खुद उसके ऊपर आकर उसकी चूचीयाँ चूसने लगा. अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी और मेरे बालों में अपना हाथ फेर रही थी और कह रही थी.
नेहा : भैया में भी आपको बहुत प्यार करती हूँ, लेकिन कभी कह नहीं पाई, क्योंकि हमेशा बस इतना ही सोचती रही कि उसके बाद में भाभी से कैसे नज़र मिला पाऊँगी. लेकिन आज आपने ऐसा करके मेरे सोये हुए अरमान जगा दिए, आआआह्ह्ह्ह्हह भैया प्लीज़ थोड़ा आराम से चूसो, ये मेरा फर्स्ट टाइम है और में भी तो आपकी ही हूँ, आराम से करो ना, प्लीज.
मैं : जानू में, तो कब से जानता था कि तू मुझे चाहती है और में भी तुझे बहुत चाहता हूँ, लेकिन बस कभी कह नहीं पाया, आज मौका मिला है. में एक हाथ धीरे-धीरे नीचे लेकर जाने लगा और उसकी नाभि में घुमाने लगा.
फिर धीरे-धीरे वो मस्त होती गयी, लेकिन इतने में डोर बेल बज गयी और हमें अलग होना पड़ा. मैंने बाहर आ कर देखा तो आकाश नेहा का भाई खड़ा था और वो पूछने आया था, क्योंकि नेहा को बहुत देर हो गयी थी, तो मैंने उससे कहा कि बस में खाना खा रहा हूँ और नेहा अभी बर्तन लेकर आ जायेगी और मैंने उसे वापस भेज दिया. लेकिन अब नेहा को भी जाना था, क्योंकि अब इतनी देर रुकना ठीक नहीं था, नहीं तो और किसी के आने का डर था, लेकिन फिर मैंने रूम में आकर देखा तो नेहा अपने कपड़े पहन चुकी थी और वो अब जाने लगी थी, लेकिन उसके चेहरे पर भी एक उदासी साफ नज़र आ रही थी. मैंने नेहा को गले लगाया और उससे कहा कि प्लीज़ जैसे भी हो सके आज नाइट को आ जाना, में अब तुमसे अलग नहीं रह पाऊँगा.
नेहा : भैया, में भी कहाँ आपसे अलग रह पाऊँगी, लेकिन अगर मम्मी आने देगी तभी आ पाऊँगी और फिर वो चली गयी.
मित्रगणों मुझे बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं था कि नेहा नाइट को वापस आ पायेगी. नाइट के 11 बजे थे और डोर बेल बजी और जब मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि सामने नेहा खड़ी थी. मैंने उससे पूछा कि कैसे आई हो तो उसने बताया ककी उसने मम्मी को यानी मेरी मौसी से बोला कि भैया और में मूवी देखने वाले है और में मूवी देखकर वापस आ जाऊँगी. लेकिन पहले तो मम्मी ने बोला कि रहने दो नाइट को अच्छा नहीं लगता, लेकिन फिर मैंने कहा कि मेरे पास दिन में टाईम ही कहाँ होता है? तो मम्मी मान गयी. मैंने जल्दी से नेहा को घर के अंदर लिया और दरवाजा बंद कर दिया.
मैं : जानू मुझे नहीं पता था कि तुम मुझसे इतना प्यार करती हो.
नेहा : आपको क्या पता? में आपसे कितना प्यार करती हूँ, में तो खुद अब आपसे मिलने के लिए मरी जा रही थी.
मैं : तो जान आओ ना मेरे साथ, अब हम साथ में मिलकर मूवी देखते है और हम अपने बेडरूम में आ गये और मैंने अपने लेपटॉप पर एक और ब्लू फिल्म चालू कर दी.
नेहा : भैया, ये लड़कियाँ वो अपने मुँह में कैसे ले लेती है.
मैं : जानू एक बार तुम भी लेकर देखो, इसमें बहुत मज़ा आता है और बातें करते हुए, मैंने नेहा की टी-शर्ट में हाथ डाल दिया और उसकी चूचीयाँ दबाने लगा और एक हाथ से उसकी चूत को कपड़ो के ऊपर से सहलाने लगा. अब वो धीरे-धीरे गर्म होने लगी थी.
फिर नेहा ने मुझे किस करना शुरू कर दिया और इसी तरह हम करीब 10 मिनट तक किस करते रहे और में उसकी चूचीयाँ और चूत को सहलाता रहा और फिर मैंने नेहा की टी-शर्ट और पजामा ऊतार दिया, उसने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी हुई थी. अब वो मेरे सामने एकदम नंगी लेटी हुई थी और फिर मैंने उसके पूरे शरीर पर किस करना शुरू किया और किस करते-करते में नीचे आ गया और उसकी चूत पर मैंने जैसे ही किस किया तो उसकी सिसकारियाँ निकलने लगी.
नेहा : आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह भैया ये क्या कर रहे हो आपप्पप्पप्प बहुत मज़ा आआआआआ रहा है.
मैं : अभी, तो और भी मज़ा आयेगा जानेमन, बस तुम देखती जाओ और मैंने नेहा की चूत को चाटना शुरू कर दिया और वो ऐसे तड़पने लगी कि जैसे बिना पानी की मछली हो.
नेहा : ऊऊऊऊऊऊऊहह भैया, जोर जोर से, आज मुझे पूरी तरह से अपनी बना लो, भैया मुझे चोद कर कली से फूल बना दो, मैंने ये चूत आपके लिए ही संभाल कर रखी हुई थी.
मैं : ज़रूर जानेमन आज में तुम्हें इतना प्यार दूँगा कि तुम मुझसे दूर कभी नहीं जा पाओगी.
नेहा : ऊऊऊऊऊऊऊहह भैया थैंक यू, में अब आपसे दूर कभी नहीं जाऊँगी. इस तरह में नेहा की चूत को करीब 15 मिनट तक चूसता रहा और इतने में वो झड़ गयी, ऊऊऊऊऊऊहह भैया मुझे पता नहीं क्या हो रहा है, आईईईईईई म्म्म्मम भैया आआअहह.
मैं : जानू कैसा मज़ा आया?
नेहा : भैया आज मुझे पता चला है कि सेक्स में कितना मज़ा आता है.
मैं : डार्लिंग, ये तो अभी शुरुआत थी. आगे आगे देखो कितना मज़ा आता है, जैसे मैंने तुम्हारी चूत चूसी है वैसे ही अब तुम भी मेरा लंड चूसो और देखो कितना मज़ा है.
नेहा : प्लीज़ भैया नहीं, मुझसे ये नहीं होगा.
मैं : जानू एक बार लेकर तो देखो, अगर नहीं होगा तो रहने देना, लेकिन प्लीज़ एक बार मुँह में डालकर एक मिनट चूसो तो सही और नेहा ने मेरे कपड़े ऊतार दिए और मेरे 6 इंच के लंड को मुँह में ले लिया और लॉलीपोप की तरह चूसने लगी.
फिर धीरे-धीरे उसे मज़ा आने लगा और वो 10 मिनट तक मेरे लंड को चूसती रही. अब मेरा लंड एक हार्ड स्टील रोड के जैसा हो चुका था, मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाल लिया और उसे बेड पर लेटा दिया और में वॉशरूम में जाकर तेल की बोतल ले आया.
नेहा : भैया आप ये तेल किस लिए लाये हो?
मैं : डार्लिंग तुम्हें दर्द ना हो इसलिए लाया हूँ, तुम्हारा फर्स्ट टाईम है ना.
नेहा : हाँ भैया थैंक यू, आप मेरा कितना ख्याल रखते हो.
मैं : आख़िर तुम मेरी जान हो, में तुम्हारा ख्याल नहीं रखूँगा, तो कौन रखेगा?
फिर मैंने नेहा की चूतर पर थोड़ा सा तेल डाला और उसकी चूत के अंदर तक 5 मिनट तक मालिश करता रहा, ताकि चूत अंदर से नरम हो जाये और उसे ज्यादा दर्द ना हो और फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और अपने होंठो से नेहा के होंठो से मिला दिया, ताकि वो आवाज़ ना कर सके.
मैं : जान अब में अंदर डालने जा रहा हूँ तुम्हें थोड़ा सा दर्द तो होगा, लेकिन प्लीज़ सहन कर लेना.
नेहा : ठीक है भैया, लेकिन प्लीज़ आराम से करना और फिर मैंने एक जोरदार धक्का लगाया और मेरा लंड 2 इंच तक नेहा की चूत में घुस गया और वो दर्द के मारे चिल्ला उठी, उउउइईईईई म्म्म्ममाआआ मर गयी, प्लीज़ भैया आराम से करो बहुत दर्द हो रहा है.
मैं : में कुछ देर के लिए रुक गया और जब नेहा का दर्द कुछ शांत हुआ तो मैंने एक और ज़ोर का धक्का लगा दिया, जिससे मेरा करीब 4 इंच लंड अंदर जा चुका था और नेहा फिर से चिल्लाना चाहती थी, लेकिन इस बार मैंने उसके होठों को अपने होठों से मिला रखा था तो उसकी आवाज़ अंदर ही दब कर रह गयी और में फिर से कुछ देर के लिए रुक गया. फिर एक आखरी झटके के साथ मैंने अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया. इस बार नेहा को दर्द तो हुआ लेकिन वो उसे सहन कर गयी. फिर मैंने धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया, तो थोड़ी देर तो नेहा को दर्द हुआ, लेकिन बाद में उसे मज़ा आने लगा और वो बड़बड़ाने लग गयी.
नेहा : ऊऊऊऊऊऊहह भैया, आज आपने मुझे कली से फूल बना दिया, आज से में आपकी रंडी बन कर रहूंगी, आप जैसे चाहो मुझे चोदना, आआऊऊऊहह.
मैं : जानेमन आज के बाद, तो में तुम्हें हर जगह चोदूंगा और तेरी चूत को चोद चोदकर भोसड़ा बना दूंगा.
नेहा : जो चाहो बना दो भैया, अब ये चूत भी तुम्हारी है और में भी तुम्हारी हूँ.
फिर में उसे करीब 25 मिनट तक चोदता रहा, इस बीच वो एक बार झड़ चुकी थी और वो दूसरी बार झड़ने वाली थी.
नेहा : भैया, प्लीज़ और तेज करो में फिर से झड़ने वाली हूँ.
फिर मैंने अपने धक्को की स्पीड बड़ा दी और 5 मिनट के बाद हम दोनों साथ में झड़ गये मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया था. फिर थोड़ी देर हम ऐसे ही लेटे रहे और थोड़ी देर के बाद जब नेहा उठी तो उसने देखा कि नीचे बिछी चादर खून ही खून में हो गई थी. उसने मुझसे पूछा कि भैया ये क्या हुआ? तो मैंने उसे बड़े प्यार से समझाया कि पहली बार अक्सर ऐसा हो जाता है. फिर हमने साथ में शॉवर लिया और फिर नेहा जाने के लिए तैयार हो रही थी तो मैंने उससे कहा कि में घर पर बात कर लेता हूँ, तुम यहीं पर रुक जाओ और मैंने अपनी मौसी को फोन करके बोल दिया कि नेहा मूवी देखते देखते सो गयी है, उसके चूतर अलग से दिखाई देते है. वो सुबह आ जायेगी.
साथियों मौसीजी ने कुछ नहीं कहा और नेहा उस नाइट मेरे साथ ही रुक गयी, हम लोग एक ही कंबल में पूरे नंगे होकर एक साथ सोते रहे. फिर कुछ देर के बाद हमारा फिर से मन हुआ और हमने फिर से चुदाई की. उस नाइट मैंने नेहा को 5 बार चोदा, जिससे उसकी बुर फूलकर मोटी हो गयी थी. मैंने नाइट में उसे दर्द की गोली दे दी, जब सुबह वो उठी तो उसके दर्द में बहुत आराम था और वो अपने घर चली गयी और उसके बाद से हमे जब भी मौका मिलता है हम लोग चुदाई करते है.