नमस्कार साथियों.. मेरा नाम अवधेश जंगरा है और मैं अपनी आज की कहानी शुरू करने से पहले आप लोगों को अपने बारे में बता दूँ.. वैसे तो मैं पश्चिम बंगाल का रहने वाला हूँ.. लेकिन आजकल में नोएडा गौतमबुद्ध नगर में नौकरी कर रहा हूँ. मेरा लंड 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है और अब में आपको ज़्यादा इंतजार नहीं करवाऊंगा और सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.
मित्रगणों यह मेरी पहली कहानी है.. तो अगर मुझसे कोई भी ग़लती हो तो माफ़ करना.. यह कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड मेघा की है. मेघा 25 साल की लड़की है और वो दिखने में बहुत सुंदर तो नहीं है.. लेकिन एक पंजाबन होने के कारण उसने अपना फिगर बहुत अच्छी तरह से संभालकर रखा है और उसके फिगर का साईज करीब 36-26-36 होगा. उसके बहुत बड़े बड़े बूब्स है और बिल्कुल गोल है और वो जब चलती है.. तो गांड दोनों तरफ मटकती है और मैंने कॉलेज में बहुत बार उसको देखकर मुठ मारी है.
अब मैं अपनी आज की कहानी शुरू करता हूँ. मित्रगणों मेघा मुझे पहली बार मेरे स्कूल में मिली और जब उसने मुझे पहली बार देखा.. तो उसके देखने के तरीके से मुझे लगा कि इस लड़की को में पसंद आ गया हूँ और मैंने सोचा कि कॉलेज से जाने से पहले इसकी बुर एक बार तो ज़रूर मारूँगा.
इसके बाद शुरुआत में उससे नॉर्मल ही व्यहवार रखा और इसके बाद में दूसरे सेमेस्टर में सिंगापूर चला गया.. लेकिन मैंने लगातार उससे सम्पर्क बनाए रखा और जैसा में चाहता था.. वैसा ही हुआ और अब धीरे धीरे उसको मेरी आदत पढ़ गयी. इसके बाद में समझ गया कि अब मेरा काम हो गया और वापस जाकर इसकी बुर मिलने में मुझे ज़्यादा समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. इसके बाद जब में वापस आया.. तो हम लोग और भी ज़्यादा समय एक दूसरे के साथ बिताने लगे और धीरे धीरे अपनी ऐसी बातें जो कि किसी को नहीं बतानी चाहिए.. वो भी शेयर करने लगे.
एक दिन अच्छा मौका देखकर मैंने उसको प्रपोज़ कर दिया और उसने स्वीकार कर लिया और मैंने उसको कह दिया कि में उससे विवाह भी कर लूँगा.. जबकि वो मुझसे तीन साल बड़ी थी.. दरअसल मेरे बड़े भैया की भी लव मैरिज हुई थी और उनकी पत्नी भी उनसे बड़ी थी.. तो वो मान गयी. अब हम हर रोज़ ही अकेले घूमने जाने लगे और कभी कभी हम कॉलेज के बाहर भी जाने लगे और इसके बाद मैंने एक दिन उसको चोदने का प्रोग्राम बनाया.. वो शुक्रवार की शाम थी और हम बाहर घूम रहे थे और इसके बाद अच्छा मौका देखकर उससे बोला.
मैं : यार यहाँ तो हमे रोज़ कोई ना कोई देख लेता है और हम दोनों एक साथ ज़्यादा समय नहीं बिता पाते. ( मित्रगणों मैंने यह बहुत उदास सी आवाज में कहा )
मेघा : हाँ.. लेकिन अब क्या चाहिए तुम्हे (और उसने एक शरारती स्माईल दी)
मैं : मतलब कुछ टाईम सिर्फ़ हम दोनों और कोई ना हो.. तुम में केंडल लाईट डिनर और थोड़ी सी शेम्पियन वगेरा.
मेघा : इसमे क्या है? हम किसी दिन बाहर चलते है.
मैं : क्या सच्ची?
मेघा : हाँ मुच्ची.
मैं : तो क्या कल ही चले?
मेघा : क्या कल.. हम इतनी जल्दी कहाँ का प्रोग्राम बनाएँगे?
मैं : में हूँ ना तुम मुझ पर छोड़ दो.. तुम बस कल मार्निंग तैयार रहना.. हम कल कॉलेज बस से मार्निंग सिटी चलेंगे और में दो टिकट ले लूँगा.
मेघा : ठीक है.. लेकिन अभी तो मुझे होस्टल छोड़ आओ.
मैं : हाँ क्यों नहीं.. मेरी जान.
इसके बाद अगले दिन मार्निंग हम कॉलेज बस से सिटी चले गये और एक मॉल के आगे उतर गये और इसके बाद उसने कहा कि अब क्या प्लान है? तो मैंने उससे कहा कि यहाँ पीछे एक होटल है. मैंने उसमे एक रूम बुक किया हुआ है और हम दिनभर बहुत मज़े मस्ती करेंगे. उसने मुझे अजीब सी नज़रों से देखा.. लेकिन कुछ भी नहीं बोला और मैंने सोचा कि आज तो मेरा काम हो जाएगा. दरअसल मैंने रूम दो दिन के लिए बुक करवाया था. मित्रगणों इसके बाद हम होटल चले गये और वहाँ पर जाकर हमने अपने बेग साईड में फेंक दिए और बातें करने लगे.. हमने क़रीब एक घंटे तक बातें की.
इसके बाद मैंने बातों को एकदम प्यार की तरफ घुमा दिया और बात करते करते में उसके बहुत करीब आ गया और इसके बाद अचानक में उसके होंठो पर एक किस करके पीछे हट गया. उसने मुझे बहुत घूरा.. लेकिन कुछ नहीं कहा और मैंने हिम्मत करके इसके बाद अपने होंठ उसके होंठ पर लगा दिए और उसको एक लंबा सा स्मूच दिया. इस बार उसने भी मेरा साथ दिया और हमारा वो स्मूच क़रीब दस मिनट तक चला. इसके बाद जब यह खत्म हुआ.. तो मैंने उससे बोला कि मेघा में तुम्हे प्यार करना चाहता हूँ.. बहुत सारा प्यार.
इसके बाद वो बोली कि नहीं अवधेश जंगरा यह सब बहुत ग़लत है.. हमे विवाह से पहले कुछ नहीं करना चाहिए. इसके बाद मैंने इसके बाद से बिगड़ा हुआ मुहं बना लिया और बोला कि कर तो रहा हूँ तुमसे विवाह और क्या सिर्फ़ विवाह करने से ही पति, पत्नी बनते है? मेघा यह रिश्ता तो मन का होता है.. साथ फेरों से कुछ नहीं होता और तुम जानती हो मुझे यह सब पसंद नहीं. इसके बाद बहुत देर मनाने के बाद वो ओरल सेक्स के लिए तैयार हो गयी और मैंने मन ही मन सोचा कि पहले यह कर लूँ.. बाद में थोड़ा बहुत गरम होकर यह अपने आप हाँ करेगी.
इसके बाद मैंने उसको अपनी बाहों में एकदम टाईट पकड़ लिया और एक ज़ोरदार वाली किस दी और किस करते हुए में बीच बीच में उसके होंठ भी काटता.. कभी ऊपर वाला होंठ.. तो कभी नीचे वाला और अपनी जीभ को उसके मुहं में डालने लगा और अब धीरे धीरे वो भी ऐसा ही करने लगी. इसके बाद किस करते हुए ही मैंने अपना एक हाथ पीछे से उसकी टी-शर्ट के अंदर डाल दिया और उसके नंगे जिस्म पर फेरने लगा. इसके बाद धीरे धीरे वो गरम होने लगी और उसकी साँसें तेज़ होने लगी. इसी दौरान मैंने उसकी बेल्ट का बक्कल खोल दिया और उसकी जीन्स का बटन खोल दिया और मैंने अपने हाथ पीछे से उसकी जीन्स में डाल दिए और चड्ढी के ऊपर से ही उसकी गांड और फेरने लगा और मुझे ऐसा करते करते करीब आधा घंटा निकल गया.
इसके बाद मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसके बूब्स को निहारने लगा.. उसके छोटे छोटे बूब्स उसकी गुलाबी कलर की ब्रा में क्या एकदम मस्त लग रहे थे? में तो उनको देखकर एकदम पागल ही हो गया और ब्रा के ऊपर से उन्हे चूसने लगा.. में अपने मुहं से उसके एक बूब्स को चूस रहा था और दूसरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबा रहा था.
इसके बाद मैंने अपना एक हाथ उसकी जीन्स में आगे की तरफ डाल दिया और चड्ढी के ऊपर से ही उसकी बुर को सहलाने लगा और इसके बाद मैंने महसूस किया कि उसकी चड्ढी पहले से ही एकदम गीली थी.. इसका मतलब उसकी बुर ने पानी छोड़ दिया. इसके बाद मैंने थोड़ी देर और उसके बूब्स को चूसना जारी रखा और इसके बाद मैंने उसकी जीन्स उतार दी और अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और चड्ढी में खड़ी हुई थी और इसी दौरान मैंने अपने भी कपड़े उतार दिए और अब में सिर्फ़ अंडरवियर में उसके सामने खड़ा था. अब मैंने धीरे से उसको बेड पर लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को फैला दिया और चड्ढी के ऊपर से ही उसकी बुर को सूंघने लगा.
मित्रगणों उसकी बुर के पानी में भीगी चड्ढी ने मुझे पागल सा कर दिया और मैंने उसकी चड्ढी को चाटना और उसकी बुर को चूसना शुरू कर दिया.. लेकिन अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था और मैंने उसकी ब्रा को निकाल दिया और उसके दोनों बूब्स अपने हाथों में ले लिए और एक बार इसके बाद में उसके बूब्स पर टूट पढ़ा और उन्हे ऐसे चूसने लगा.. जैसे कि दो साल का बच्चा अपनी माँ का दूध पीता है.
इसके बाद में कभी उसके एक बूब्स को चूसता और कभी दूसरे बूब्स को अपने हाथ से दबाता और में बूब्स चूसते चूसते बीच बीच में उसके निप्पल के चारों तरफ अपनी जीभ घुमाता और मेरे ऐसा करने से वो एकदम पागल हो जाती. इसके बाद मैंने बहुत देर तक उसके बूब्स चूसे.. लेकिन में उसके बूब्स चूसते वक़्त एक बार झड़ गया और मेरा अंडरवियर गीला हो गया. इसके बाद मुझे गीले अंडरवियर से बहुत परेशानी होने लगी.. तो मैंने सोचा कि यही एकदम अच्छा मौका है और मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया.
इसके बाद मेरे लंड को देखकर वो एकदम घबरा गयी और बोली कि यह क्या है? मैंने तो सोचा था कि सिर्फ़ ब्लू फिल्म के हीरो का ही बहुत बड़ा होता है और अच्छा हुआ मैंने सिर्फ ओरल सेक्स के लिए ही हाँ की है. इसके बाद मैंने भी उसकी हाँ में हाँ मिलाई.. लेकिन मन ही मन सोचा कि बेटा रुक जा.. आज इसी लंड से तेरी भोसड़े और गांड दोनों मारूँगा और ऐसे मारूँगा कि तुझे इसका नशा सा हो जाएगा और इसके बाद तू ही मेरे आगे हाथ जोड़ेगी और कहेगी कि चोद दो मुझे.
इसके बाद में दोबारा उसको किस करने लगा और साथ में उसके बूब्स भी दबा रहा था और उसके जिस्म को चूम रहा था और इसके बाद इसी बीच मेरा लंड इसके बाद से तनकर खड़ा हो गया और मैंने जानबूझ कर अपने लंड को चड्ढी के ऊपर से ही उसकी बुर पर रगड़ना शुरू कर दिया.. इससे शायद उसको मज़ा आने लगा और उसने अपनी दोनों आखें बंद करके.. मोनिंग की आवाज बड़ा दी थी.. वो बेसुध होकर यह सब कर रही थी.
इसके बाद मैंने सोचा कि यही सबसे बड़िया मौका है और मैंने नीचे जाकर अचानक से एक ही झटके में उसकी चड्ढी निकाल दी. इसके बाद वो एकदम घबरा गई और उसने अपने दोनों पैर एक दूसरे में फंसा लिए और अपनी बुर को अपने हाथ से ढक लिया और मुझ पर चिल्लाई.
मेघा : अवधेश जंगरा मैंने बोला ना.. यह सब अभी नहीं.
मैं : हाँ जान याद है.. में वो सब नहीं कर रहा और अब अपने हाथ हटाओ और प्लीज एक बार अपनी सुंदर चिकनी बुर तो दिखाओ.
मेघा : क्या.. यह कैसे शब्द बोल रहे हो?
मैं : अरे यार अब जो बोला जाता है.. वही बोलूँगा ना. अब चलो तुम भी क्या याद रखोगी.. प्लीज़ मुझे तुम्हारी प्यारी वो दिखाओ.
मेघा : हाँ.. लेकिन उससे पहले तुम मुझसे वादा करो कि तुम वो कुछ नहीं करोगे.
मैं : हाँ जानू.. में वादा करता हूँ.
मेघा : तो ठीक है मेरी जान और यह लो देखो.
इसके बाद यह बोलते ही मुझे उसकी बुर के दर्शन हुए.. वाह क्या बुर थी. नरम नरम गुलाबी गुलाबी हल्की सी उभरी हुई और बिल्कुल साफ उस पर एक भी बाल नहीं था और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो हर दिन शेव करती है. इसके बाद मैंने सबसे पहले उसकी बुर पर प्यारी सी एक किस दी और मुझे ऐसा लगा कि मानो उसके जिस्म को करंट लग गया हो. इसके बाद मैंने उससे पूछा कि क्यों मज़ा आया? उसने बस हुन्न्न्न किया और कुछ नहीं बोला.
इसके बाद मैंने बोला कि इसके बाद अब देखो कि तुम्हे कितना मज़ा आएगा और यह बोलते ही मैंने उसकी बुर को ऐसे चाटना शुरू कर दिया.. जैसे कि वो शहद का भंडार हो और मेरे ऐसा करते ही उसने मेरा सर अपने दोनों पैरों के बीच में दबा लिया.. लेकिन मैंने उसकी बुर को चूसना बंद नहीं किया. मित्रगणों उसकी क्या नरम मुलायम बुर थी और उसकी बुर के पानी ने मुझे दीवाना सा कर दिया और में अपनी पूरी ताक़त लगाकर चूसने लगा.
मित्रगणों वो तो मानो पागल ही हो गई और उसकी साँसों की रफ्तार करीब करीब दोगुनी हो गई और साथ साथ उसने मोन करना भी शुरू कर दिया.. ओहह्ह् अवधेश जंगरा ओहह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अवधेश जंगरा. इसके बाद उसके ऐसा करने से में और भी जोश में आ गया और मैंने पागलों की तरह उसकी बुर का पानी पीना शुरू कर दिया. में कभी उसकी बुर के दाने को चूसता.. तो कभी उसकी पूरी बुर में अपनी जीभ घुमाता और कभी कभी उसके बुर के दाने को हल्का सा काट भी लेता.. जिसकी वजह से वो एकदम सिहर जाती.. तो इस बीच मैंने सोचा कि में उंगली से चुदाई शुरू कर देता हूँ.. लेकिन मैंने देखा कि इसकी बुर की सील अभी तक नहीं टूटी है.. तो मैंने सोचा कि क्यों उंगली को तक़लीफ़ देनी.. यह काम तो मेरा लंड ही करेगा.
इसके बाद मैंने अपना काम लगातार जारी रखा और उसको अपनी जीभ से चोदने लगा और अचानक मैंने महसूस किया कि उसका शरीर एकदम अकड़ने लगा है और अब में समझ गया कि यह झड़ने वाली है और मैंने अपनी जीभ की स्पीड बड़ा दी और करीब एक मिनट के बाद वो झड़ गयी और उसका सारा शरीर एकदम ढीला पड़ गया और में उसकी बुर से निकला सारा रस पी गया. मित्रगणों वैसे मुझे बोलना तो नहीं चाहिए.. लेकिन इस दौरान में भी दो बार झड़ चुका था.. क्योंकि यह मेरा पहला सेक्स था और दो बार झड़ने के कारण मेरा लंड मुरझा सा गया था और इसके बाद में मेघा की साईड में आकर लेट गया.
उसने कहा कि मेरे मुहं में ही छोड़ दो. इसके बाद यह बात सुनकर तो जैसे में एकदम चकित हो गया और मैंने पूरे जोश में आकर उसके मुहं को चोदना शुरू कर दिया. करीब 10-15 झटको के बाद में उसके मुहं में ही झड़ गया और वो मेरा सारा माल पी गयी और थककर बिस्तर पर गिर गयी.. उसके बिस्तर पर गिरते ही मुझे उसकी बुर दिख गयी और में इसके बाद से उस पर टूट पड़ा. इसके बाद वो बोली कि यह क्या कर रहे हो? मैंने कहा कि यह मेरी बात मानने का तोहफा.. वो बस मुस्कुराई और मैंने उसकी बुर को चाटना शुरू कर दिया.
इसके बाद कुछ देर के बाद उसने इसके बाद से मोन करना शुरू कर दिया और क़रीब 15 मिनट के बाद वो आहह उह्ह्हह्ह आईईईईईइ के साथ झड़ गयी और मैंने एक बार इसके बाद से उसकी बुर का रस पी लिया और उसके साथ बिस्तर पर आकर लेट गया.
मेघा : अवधेश जंगरा तुम बहुत अच्छे हो.. धन्यवाद. तुमने मुझे आज पहली बार ऐसा अहसास दिलाया.
मैं : क्यों अच्छा लगा ना?
मेघा : हाँ बहुत.. मुझे इससे अच्छा कभी नहीं लगा.
मैं : तुम्हे इससे भी अच्छा लग सकता है.. अगर तुम मेरी बात मानो तो.
मेघा : क्यों अब क्या बचा है?
मैं : वही जो तुमने शुरू में मना किया था.
मेघा : नहीं अवधेश जंगरा.. वो सब नहीं.
मैं : प्लीज़ मेघा हमारा हनीमून है यार और ना जाने ऐसा मौका इसके बाद कब मिलेगा?
मेघा : मिलेगा ना.. हमारी विवाह के बाद.
मैं : हाँ यार.. लेकिन उसमे अभी बहुत टाईम है और अब मुझसे इतना इंतजार नहीं होगा.. प्लीज़ में वादा करता हूँ कि तुम्हे बहुत मज़ा आएगा.
मेघा : क्या मज़ा? मैंने तो सुना है.. इसमें बहुत दर्द होता है.
मैं : वो सिर्फ 5 मिनट रहता है और उसके बाद जो मज़ा आता है.. उसके आगे यह मज़ा कुछ भी नहीं.
मेघा : ऐसा क्या ( एक शरारती हंसी के साथ ).. लेकिन तुम्हारे पास तो कंडोम भी नहीं है?
मैं : अरे यार एक पति पत्नी को कंडोम की क्या जरुरत है? और वैसे भी मुझे एड्स नहीं है.
मेघा : नहीं वो बात नहीं है.. यह सिर्फ एक सुरक्षा के लिए.
मैं : यार तुम एक कंडोम के पीछे इतना रोमेंटिक मौका खराब करोगी और सुरक्षा का क्या है? सुरक्षित रहने के लिए मार्निंग एक आईपिल खा लेना.. क्या में अब कुछ करूं?
मेघा : हाँ ठीक है ( शरमाते हुए )
इसके बाद में फ़ौरन उठकर गया और टेबल पर रखी हुई तेल की बोटल उठा लाया और बहुत सारा उसकी बुर पर लगाया और इसके बाद अपने लंड पर लगाया.. उसके बाद मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और अपने लंड को उसकी बुर के मुहं पर रखा.. उसकी बुर इतनी गरम थी.
इसके बाद जब में उठा तो मेरा लंड इसके बाद से खड़ा हो चुका था और मैंने सोते हुए ही मेघा को चोदना शुरू कर दिया.. वो जाग गयी और उसने भी मेरा पूरा साथ दिया और में इसके बाद से उसकी बुर में झड़ गया और इसके बाद मैंने मेघा को गोद में उठाया और स्नानघर में ले गया.. क्योंकि उससे खुद चला भी नहीं जा रहा था.. वहाँ पर जाकर मैंने उसकी बुर साफ की और उसको अपने हाथ से नहलाया और उसके बाद हमने स्नानघर में भी चुदाई किया.
इसके बाद मैंने अगले पूरे दिन कई बार मेघा की बुर और गांड मारी और मार मारकर उसकी गांड और बुर का भोसड़ा बना दिया और शाम को उसे एक आईपिल लाकर दे दी और आने वाले 4 महीने मैंने जी भरकर उसकी गांड और बुर मारी और अब वो मेरी पर्सनल रंडी बन चुकी थी. जब मेरा मन करता था.. में उसे ले जाकर जी भरकर चोदता था और वो भी बिना कंडोम के और ऐसे जमकर 7 महीने उसकी चुदाई करने के बाद मैंने उससे विवाह करने से मना कर दिया. यह बोलकर कि मेरे घर वाले नहीं मान रहे और उसने कुछ भी नहीं किया.. सिर्फ़ मुझसे विवाह करने के लिए मेरे आगे हाथ जोड़ती रही. आज भी वो मेरे प्यार में पागल है.. लेकिन मित्रगणों अब उसकी बुर में वो बात नहीं रही और अब उसकी बुर एक चुदी हुई रंडी जैसी हो गयी है.