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वेश्याओं ने दिया पहली चुदाई का सुख

Posted on:- 2024-11-12


नमस्कार दोस्तों और सुनाइए कैसे आप सब मेरा नाम वीरू है और मैं मिर्ज़ापुर  का रहेने वाला हूँ, यह कहानी मेरी पहली चुदाई की है जिसमे मेरे दोस्त साहिल  और जिगर ने दो रंडियां ज्योति और पूर्णिमा  के साथ मिलकर हम लोगो ने मस्त देसी सेक्स किया था. यह बात तब की है जब हम तीनो दोस्त कोलेज के दुसरे साल में थे. जिगर अकेले की गर्लफ्रेंड थी और मैं और साहिल  दोनों पुरे वर्जिन थे. हमारी मदद करने के लिए जिगर ने यह दो लड़कियों की व्यवस्था की थी. यह देसी चोदा पेली  साहिल  के घर पर हुआ था, आइये मित्रो मैं आपको इस देसी चोदा पेली का शब्दों सह वर्णन बताता हूँ. मै एक नंबर का चुदकड़ लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.

 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना उस दिन मैं साहिल  और जिगर कोलेज परिसर में बैठे थे और चुदाई की ही बातें कर रहे थे, जिगर हमारी मजाक उड़ा रहा था की हम लड़कियों से डरते है तभी तो अभी तक वर्जिन रह गए है, बात अब गर्म होने लगी थी और हम दोनों ही जिगर का पूरा विरोध कर रहे थे. तभी साहिल  बोला, देख हमको चूत मिली नहीं यह हमारी गलती नहीं है, हाँ चूत सामने हो और हम उसे बजाये ना तो हम जरुर डरपोक है. जिगर बोला, अच्छा इसका मतलब चूत मिली तो तूम लोग बजा लोगे…मैंने और साहिल  ने साथ में कहा हाँ….जिगर हंसने लगा और बोला अच्छा बेटे देखते है. उसने साहिल  की तरफ देख कर कहा, तेरे मम्मी डेडी बहार गए है ना और तेरे घर पे देसी सेक्स का आयोजन किया जा सकता है ना….? साहिल  बोला, हाँ मोम डेड और दीदी तीनो मिरज गए है एक हफ्ते के लिए और परसों लौटेंगे. जिगर बोला ठीक है…आज तूम लोगो की वर्जिनिटी दूर कर देते है बेटों. उसने अपना फोन निकाला और किसी को मिलाया, चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.

 अब सुनिए चुदाई की असली कहानी जिगर: हाँ, फ्री हो…?…..आओगी एक जगह….? हाँ एक घंटे में….1000 दूंगा लेकिन दूसरी को भी ले के आना. वोह थी ना लास्ट टाइम ज्योति क्यां नाम था उसका? हां वही, उसको लेके तू बस स्टॉप पे रुकना में तुझे गाडी में पिक कर लूँगा….!वहा का माहौल बहुत अच्छा था  दोस्तों.

 वहा जबरजस्त माल भी थी दोस्तों जिगर ने फोन कट किया और हमको बतायाँ की उसने एक रंडी को फोन किया था और एक घंटे में हम लोग देसी सेक्स के लिए साहिल  के घर उन्हें लेके जायेंगे. उसने कहा की उसने दो लडकियाँ ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा दोस्तों  बुलाई है तो हम पांचो मिलके आराम से ग्रुपसेक्स कर सके. देसी सेक्स का नाम सुनते ही मेरा लंड पेंट के अंदर खड़ा होने लगा, वैसे भी मैं अब मुठ मार मार के थक गया था. साहिल  और मैं उसकी बाइक लेके तुरंत उसके घर के लिए निकले और जिगर ने कहा की वोह दोनों लड़कियों को पिक कर के वहाँ पहुंचेगा. हम साहिल  के अपार्टमेन्ट में पहुंचे, यह जगह सेफ थी क्यूंकि साहिल  ग्राउंड फ्लोर पर ही रहेता था और अपार्टमेन्ट में ऐसे भी कोई क्या करता है कम ही लोग जानते है. मैं और साहिल  उसके लेपटोप पर सेक्सी क्लिप देख रहे थे, तभी जिगर की रिंग आई के वोह आ रहा है 15 मिनिट मैं. उह क्या मॉल था दोस्तों गजब.

 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था दोस्तों  साहिल  ने पिज़्ज़ा ऑर्डर किया था, जिगर के आने के पहेले वो आ गया, हमने 1 पिज़्ज़ा खाया और बाकि के दो जिगर और रंडियों के लिए बचाए. जिगर के डोरबेल बजाते ही साहिल  तीर की तरह उछला और उसने जल्दी दरवाजा खोला, जिगर कके साथ 25 के करीब के उम्र की दो लड़कियां थी जिसमे एक मोटी और दूसरी थोड़ी स्लिम थी. जिगर बोला आओ पूर्णिमा , और मोटी लड़की पहेले अंदर आई इसका मतलब यही पूर्णिमा  थी और वह पतली ज्योति थी. साहिल  ने जल्दी पिज़ा निकाले और इन रंडीओने पिज़ा नहीं खाए. मेरा ध्यान इन दोनों सेक्सी लड़कियों की तरफ ही था, पूर्णिमा  के चुंचे होंगे कुछ 36 साइज़ के और उसकी गांड भी मस्त गोल गोल थी, ज्योति पतली जरुर थी लेकिन उसकी गांड और चुंचे भी बहार निकले थे, उसका फिगर किसी भी लड़की को जलाने के लिए काफी था. मेरा लंड कब का खड़ा हुआ था, ज्योति के मुहं में च्विंग गम थी शायद और उसने आँख के करीब पिअर्सिंग करके स्टील की कड़ी वह घुसाई थी, यह दोनों ही हाई प्रोफाइल कॉलगर्ल्स थी. उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये .


पिज़ा ख़त्म होते ही पूर्णिमा  बोली, चलो जल्दी करो हमें और भी कही जाना है.

 उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है  जिगर बोला, अबे तेरा तो काम ही है आना जाना, थोड़ी सबर रख लड़के नए है, तू 50-100 ज्यादा ले लेना लेकिन इनका उद्घाटन सही तरह से करना है तूम लोगो को. ज्योति हंस पड़ी और वह दौड़ के साहिल  के पास गई, उसका हाथ तुरंत ही साहिल  के जींस के उपर जा के उसका लंड सहेलाने लग पड़ा. मेरा लंड का सहारा पूर्णिमा  बनी, वोह मेरे पास आई और उसने बिना पल गवाएं मेरी जींस की बकल खोली और मेरा तोता बहार निकाल किया. देसी सेक्स का मेरा अनुभव बहुत रोमांचकारी बन रहा था, मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया था. पूर्णिमा  ने अपनी टी-शर्ट भी उतार दी, अरे क्यां मस्त चुंचे थे इसके यारो. बड़े बड़े और उसके निपल्स भी मस्त गुलाबी गुलाबी थे, उसने अपनी कोटन पेंट भी उतार दी, अब वह सिर्फ पेंटी में थी. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है.

 है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई  जिगर वहीँ दूर खड़ा था और उसने सिगरेट जला ली थी, पूर्णिमा  बहुत प्रोफेशनल निकली, शायद जिगर ने उसको बताया था की क्या करना है, उसने धीमे से मेरा लंड अपने मुहं में रख दिया. वह मेरे लंड को केडबरी डेरीमिल्क की तरह चलाने लगी, लंड बहुत ही गर्म हो चूका था, पूर्णिमा  उसे हल्के हल्के चुसे जा रही थी. ज्योति के चुंचे मुझे साफ़ नजर आ रहे थे, उसकी चुन्चिया साहिल  के मुहं में थी और वह अपने हाथ से साहिल  का लंड हिला रही थी. जिगर भी अब सिगरेट खत्म कर के आया और उसने भी अपने कपडे उतार दिए थे. जिगर सीधा ज्योति के पास गया और अपना लंड उसके मुहं में दे दिया. ज्योति उसका बड़ा काला लंड ले के चुसाई शरु कर दी. ज्योति हाथ में साहिल  का लंड रगड़ रही थी. तभी अचानक अनुपने झटके से ज्योति का हाथ हटा दियां और उसके लंड से वीर्य की पिचकारी निकल गई, ज्योति और जिगर की हंसी निकल पड़ी…पूर्णिमा  ने हंसी सुन के लंड अपने मुहं से बहार निकाला और वोह भी हंसने लगी. साहिल  खड़ा हुआ और टॉवेल से पोंछने लगा. उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था दोस्तों..

 उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी  वो सिगरेट जला के हारे हुए राजा की तरह हम दोनों जोड़ो का देसी सेक्स  देखने लगा. जिगर ज्योति के चुंचे पकड के मसल रहा था यह देख मैंने भी पूर्णिमा  के स्तन पकड लिए, लेकिन यह बड़े बड़े स्तन मेरे हाथ में नहीं आ रहे थे, शायद पूर्णिमा  देसी सेक्स कर कर के अपने चुंचे बहुत ही बड़े करवा चुकी थी. मेरा मन अब चुदाई और देसी सेक्स के खरे आनंद लेने को कर रहा था इसलिए मैंने उसे कंधे से पकड लिया और खिंचा. दोस्तों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु.

 उसको पेलने की इच्छा दिनों से है दोस्तों  पूर्णिमा  मेरा मतलब समझ गई और वह बेड में अपनी मोटी झांघे फेलाके सो गई, मेरा लंड उसके हाथ में था उसने दूसरा हाथ पर्स में डाला और एक कंडोम निकाला. उसने जैसे ही मेरे लंड को कंडोम पहेनाया मेरे लंड को अलग ही मजा आ गया. पूर्णिमा  की चूत पर मैं लंड जोर से घुसाने गया और मै उसे घुसा नहीं पा रहा था. पूर्णिमा  बोली अबे यह क्या सनी लिओन की चूत है की फच से घुसा देगा, आराम से कर ना. जिगर ने ज्योति के चुंचे से मुहं हटाते हुए कहा, अबे तू रख देना उसे सही छेद पे, ये लोग कौन सा रोज देसी सेक्स करते है की सब पता होंगा इनको. पूर्णिमा  हंस पड़ी और उसने लंड को हाथ में लेकर चूत के छेद पर रख दिया, अच्छा यह है छेद और मैं तो निचे गांड के और चूत के बिच ही ठोक रहा था शायद कभी से. साहिल  फिर से उत्तेजित हुआ शायद, क्यूंकि वोह लंड लेके पूर्णिमा  के पास आया, पूर्णिमा  की चूत में मैंने लंड धीमे से घुसाया. रंडी पूर्णिमा  के मुहं पर कोई भाव नहीं आये, शायद यह उसका रोज का काम हो चूका था. पूर्णिमा  ने साहिल  के लंड को हाथ से हिलाया थोडा और एक बार पूरा खड़ा होने पर अपने मुहं में डाल दिया. अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता दोस्तों..

दोस्तों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेका ज्योति अब बकरी बन चुकी थी और उसके पीछे जिगर बकरा लगा हुआ था, उसने ज्योति की बड़ी गांड के उपर हाथ रखे हुए थे और वोह फचफच करके ज्योति की चुदाई कर रहा था, लाइव देसी सेक्स मेरे सामने हो रहा था और मैं भी यही देसी सेक्स पूर्णिमा  के साथ करने लगा. पूर्णिमा , बड़ी रंडी, एक तरफ से साहिल  का लंड चूस रही थी और दूसरी तरफ से मेरे लंड से चुदवा रही थी. पूर्णिमा  की चूत बहुत लिसी थी और शायद कंडोम की चिकनाहट उसे और भी मुलायम बना रही थी. मैं  जोर जोर से अब झटके देने लगा और उसकी चूत मैं लंड देने लगा.पूर्णिमा  अपनी बड़ी गांड हिला रही थी और वो भी मुझे देसी सेक्स का पूरा लुत्फ़ दे रही थी. सच में यारो चुदाई का यह मजा हस्तमैथुन से बहुत ही अलग था और मेरे लंड में आज इतनी उत्तेजना थी जितनी पूरी जिन्दगी में नहीं थी. यही उत्तेजना के चलते मैंने अपने झटके और तीव्र किए और इसी कारण मेरा वीर्य छटक पड़ा. मैंने लंड निकालना चाहां लेकिन पूर्णिमा  ने मेरे हाथ पकडे, क्यूंकि में शायद जल्दी खिंच रहा था लंड को बहार इस लिए उसने मुझे पकड़ा और आहिस्ता से लंड निकाला अपनी चूत से ताकि वीर्य उसकी चूत के अंदर ना निकल पड़े. मेरे देसी सेक्स का अंत हुआ और मेरी जगह पर साहिल  आ गया. उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता दोस्तों.


 मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता  साहिल  ने अपना कंडोम चढ़ा हुआ लंड इस देसी रंडी की चूत में रख दिया और वह उसे हौले हौले चोदने लगा. ज्योति और जिगर अब भी लगे हुए थे और दोनों ही ओह आह ओह अह आहा..ऐसी आवाजे निकाल रहे थे. तभी जिगर ने अपना लंड ज्योति की चूत से निकाला और उसके उपर से कंडोम हटा दियां, ज्योति ने जिगर के लंड को अपने चुन्चो के बिच रख के दोनों चुन्चो को हाथ से दबा दिए, ज्योति और जिगर अब स्तन की चुदाई करने लगा. ज्योति के चुंचे चुद गए और जिगर का लंड उनके ऊपर पानी छोड़ने लगा. एक और लंड देसी सेक्स कर के फ्री हो गया. ज्योति बाथरूम का रास्ता पूछ कर उधर गई और अपने चुंचे और चूत धोके वापस आई. इधर साहिल  और पूर्णिमा  भी अब चुदाई के चरम तबक्के पर पहुंचे थे और ज्योति के बहार आने के कुछ सेकंड्स मैं ही इस लंड का भी पतन हो गया. पूर्णिमा  ने दो लंड को निढाल किया था जब की ज्योति ने केवल जिगर से चुदवाया था. एक बात और दोस्तों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है.

उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है हम सब ने फ्रिज से कोक निकाल के पी और जिगर सिगरेट जलाता हुआ ज्योति और पूर्णिमा  के साथ बहार निकला उन्हें ड्रॉप करने के लिए. मैं और साहिल  रूम में बैठे अपने अपने मंद में इस देसी सेक्स का मजा लेने लगे दोस्तों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था.

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