हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम लीना और मेरी उम्र 23 साल है और में जयपुर की रहने वाली हूँ. दोस्तों यह मेरी सेक्स की एक सच्ची घटना है और मेरा पहला सेक्स अनुभव भी है.
दोस्तों मेरी पहली चुदाई के समय मेरी उम्र 18 साल की उम्र थी और वो मेरा पहला अनुभव था, दोस्तों यह तब की घटना है जब में स्कूल में पड़ती थी और हमारे पड़ोस में एक बहुत ही मस्त सेक्सी भाभी रहती थी. उनका नाम आरती था और उनकी उम्र उस समय करीब 31-32 साल रही होगी. वो बहुत गोरी, सुंदर, उनके बूब्स के साथ साथ उनके कूल्हों का आकार भी बहुत आकर्षक था, इसलिए हमारे पड़ोस के बहुत सारे लड़को की उन पर अपनी गंदी नजर थी.
दोस्तों उनके अंदर बहुत सारी अच्छाईयां होने के साथ साथ उनका व्यहवार भी सभी के लिए बहुत अच्छा था और उस वजह से वो मुझसे बहुत हंसकर अपनी सभी तरह की बातें खुलकर कहा करती थी और इस वजह से मेरी उनसे मेरी बहुत ही कम समय में बहुत अच्छी दोस्ती हो गयी थी और हम दोनों का हर कभी एक दूसरे के घर पर आना जाना लगा रहता था. दोस्तों उनके पति किसी विभाग में सरकारी नौकरी पर थे और वो हमेशा दिन के समय घर में बिल्कुल अकेली रहती थी और इसलिए में स्कूल से आने के बाद अक्सर दोपहर के समय उनके पास चली जाती थी. फिर हम दोनों के बीच बहुत हंसी मज़ाक और गपशप चला करती थी.
एक दिन में हर दिन की तरह दोपहर के समय उनके घर पर चली गयी तो मैंने देखा कि वो उस समय एक गाउन पहने हुए थी और उस गाउन में से उनकी ब्रा, पेंटी और शरीर का बहुत सारा हिस्सा साफ साफ नजर आ रहे थे. फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या बात है आज आप अभी तक नहाई नहीं? तो वो बोली कि यार में आज ब्यूटी पार्लर जाने की सोच रही हूँ और अब मैंने उनसे पूछा कि क्यों? तो उन्होंने उसी समय मुझे अपने हाथ दिखाते हुए वो मुझसे कहने लगी कि मुझे वेक्सिंग करनी है, देखो मेरे बाल बहुत ज्यादा बड़े हो गये है.
अब मैंने उनको कहा कि क्या में आपकी कुछ मदद कर दूँ? फिर वो पूछने लगी तुम क्या मदद करोगी? मैंने कहा कि आप जो भी कहोगी में आपकी उस काम में मदद कर सकती हूँ और फिर उन्होंने कहा कि हाँ और उन्होंने मुझे उनकी वेक्सिंग में मदद के लिए बोला, उसके बाद सबसे पहले मैंने उनके दोनों हाथों में वेक्स लगाया और हाथों का काम ठीक तरह से किया, जिसको देखकर वो बहुत खुश हुई और वो मुझसे बोली कि चलो अब तुम मेरे दोनों पैरों की भी लगे हाथ सफाई कर दो, तो मैंने तुरंत उनको हाँ कर दिया और अब वो मेरे सामने अपने दोनों पैरों को पूरा खोलकर मतलब अपने गाउन को ऊपर करके मेरे सामने बैठ गयी तब मैंने देखा कि उनके पेर बहुत गोरे और सुंदर थे, मुझे उनको इस हालत में देखकर बहुत अजीब लग रहा था.
उस समय मेरी नजर उनकी चूत की तरफ चली गई तब मुझे पता चला कि उन्होंने गुलाबी रंग की पेंटी पहनी हुई थी जो बहुत ही पतले कपड़े की सेक्सी पेंटी थी, जिसमे से उनकी चूत हल्की सी नजर आ रही थी और तब में पहली बार किसी को इस तरह अपने सामने नंगी देखकर अपने आपको बहुत ही उतेज़ित महसूस कर रही थी.
फिर मैंने उनके पैरों पर वेक्स लगाना शुरू किया. तब मेरी बहुत इच्छा हो रही थी कि में उनसे सेक्स के बारे में कुछ बातें करूँ और चुदाई के बारे में कुछ बातें पूछ लूँ, लेकिन में उतनी हिम्मत नहीं कर पा रही थी और में बार-बार उनकी पेंटी से बाहर झांकती और उनकी साफ चूत को देखकर सोच रही थी कि इसमे हर रात को भाईसाहब का लंड जाता होगा और में जिन पैरों को छू कर रही हूँ उन्हे किसी मर्द ने भी मुझसे पहले बहुत बार छुआ होगा और में यह सभी बातें सोचकर गरम हो रही थी. तभी आरती मुझसे कहने लगी कि में भी उससे वेक्सिंग करवा लूँ, लेकिन मैंने उसको मना कर दिया और फिर वो अचानक मुझसे पूछने लगी कि क्या में अंदर के बाल साफ करती हूँ? तो में उसके मुहं से वो बात सुनकर शरमाने लगी.
उसके बाद मैंने उसको बताया कि कैची से में कभी-कभी अपने बालों को काटती हूँ. अब वो मुझसे पूछने लगी क्या मेरा कोई बॉयफ्रेंड है? तब मैंने वो बात सुनकर हंसकर उसको मना कर दिया और फिर वो मुझसे बोली कि तुम केंची से बाल मत कटा करो, वरना वो कड़क हो जाएँगे. फिर मैंने कहा कि मेरे बहुत कम बाल है और वो मुलायम भी बहुत है. दोस्तों में मन ही मन में सोच रही थी कि काश आरती एक बार मेरी चूत को देखे और उसको वो अपने हाथ से सहलाए और में उसकी पेंटी के अंदर अपने हाथ को डालकर मज़ा लूँ, फिर में यह बात सोचकर डर गयी कि उसके पास तो एक जवान पति है वो मेरे साथ ऐसा क्यों करेगी?
फिर मैंने उनकी वेक्सिंग का काम पूरा करके उससे पूछा कि वो अंदर के बाल कैसे साफ करती है? तो उसने मुझसे कहा कि उनके पास एक क्रीम है जिससे उनकी चूत बिल्कुल मुलायम रहती है ऐसा करने से मज़ा भी बहुत आता है. अब मैंने उससे पूछा कि अंदर के वो बाल साफ करने के लिए क्या भाईसाहब आपकी मदद करते है?
तभी वो हंसते हुए बोली हाँ, लेकिन वो ऐसा कभी कभी करते है हमेशा तो मुझे पूरी मेहनत करनी पड़ती है और अब मैंने उनसे थोड़ी सी हिम्मत करके बोला हाँ भाई साहब को आपके बाल चुभते होंगे इसलिए वो भी आपकी चूत को साफ करने में आपकी मदद करते है और वैसे तो मुझे अभी इसकी बिल्कुल भी जरूरत ही नहीं है.
आरती बोली कि में तो शुरू से ही यह काम करती चली आ रही हूँ. में उससे अपने दोनों हाथों के और चूत के बाल साफ करती हूँ. अब मैंने उससे कहा कि हाँ शायद जैसा आप कह रही हो वैसे ही आपकी चूत के बाल मुलायम होंगे इसलिए आप इतना दबाव देकर बता रही हो. फिर मेरी इस बात पर आरती बोली कि हाँ ऐसा ही है अगर तुम्हे मेरी बात पर विश्वास नहीं होता तो क्या तुम एक बार मेरे बालों को देखना चाहोगी, तुम कहो तो में दिखा दूँ? अब मैंने उसके मुहं से यह बात सुनकर तुरंत कहा कि हाँ और उन्होंने मेरे बस कहने की देर थी.
उसी समय अपने गाउन को पूरा ऊपर करके अपनी पेंटी को नीचे उतार दिया. उसके बाद वो मुझसे कहने लगी कि देखने से पता नहीं चलेगा, अपना हाथ मेरे बाlलों पर एक बार फेर कर देख. अब मैंने मन ही मन खुश होकर अपना हाथ उनकी चूत पर फेर दिया तब मुझे पता चला कि उनकी चूत बहुत चिकनी थी और वो बड़ी मस्त मुलायम भी थी, जिसको छुकर मुझे बड़ा मस्त मज़ा आनंद आया और फिर मैंने बोला कि आप एक दिन मुझे भी आपका यह बाल साफ करने का दे देना में भी इसको इस्तमाल करके देखूंगी.
वो मुझसे कहने लगी कि तू अभी इसी समय चल बाथरूम में भी तेरी मदद कर देती हूँ, लेकिन मैंने उससे साफ मना करके कहा कि नहीं में पहले से ही नहा चुकी हूँ और अब मेरी ब्रा, पेंटी मुझे अपने घर से लाना भी ठीक नहीं लगेगा. तो वो कहने लगी कि उसकी कोई भी समस्या नहीं है तुम मेरे पहनकर अपने बाल करा लो और फिर घर पर जाते समय वापस अपनी ब्रा पेंटी पहन लेना या फिर बाथरूम में जाकर पूरी नंगी होकर बालो को साफ कर लो और फिर हाथ मुहं धोकर वापस अपने कपड़े पहनकर बाहर आ जाना.
दोस्तों में भाभी के मुहं से वो जोश भरी बातें सुनकर बहुत गरम हो गयी थी और तभी उन्होंने मुझसे बोला कि में एक बार उन्हे अपनी चूत दिखाऊँ, में अब थोड़ा सा शरमा रही थी, लेकिन उसी समय उन्होंने मेरी सलवार का नाड़ा खींच दिया और एक ही झटके में मेरी सलवार को नीचे उतार दिया और अब वो मेरी नीले रंग की पेंटी को भी उतारने लगी, मैंने उनको मना किया. में बोली कि भाभी आप रहने दो मुझे बहुत शरम आ रही है. फिर वो बोली कि में जब तेरे सामने नंगी हो सकती हूँ तो तुझे क्यों मेरे सामने नंगा होने में शरम आ रही है? मैंने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन आप ज़रा दूर से ही देखना इतना कहकर मैंने धीरे से अपनी पेंटी को नीचे सरका दिया.
फिर उन्होंने झट से मेरी पेंटी को खींचकर बहुत नीचे मेरे घुटनों तक कर दिया और में अपना कुर्ता हाथ से पकड़कर उसको ऊपर करके खड़ी हुई थी, इसलिए अब उनको मेरी मस्त कुंवारी चूत साफ नजर आने लगी थी और उस समय मेरी चूत पर छोटे छोटे से भूरे रंग के बाल थे और अब उन्होंने अपना एक हाथ मेरी चूत पर फेरना शुरू किया तब वो मुझसे बोली कि वाह यह तो बहुत ही सुंदर चूत है और वो मेरी चूत के छेद पर अपनी उंगली को रखकर चूत के दाने को हल्का सा सहलाकर बोली कि इसमें जब पहली बार तुम्हारा पति उसका वो डालेगा तब उसको बहुत मज़ा आएगा.
दोस्तों अब में वो बातें सुनकर बहुत उत्तेजित हो रही थी और मेरे शरीर में उनके मेरी चूत पर हाथ लगाने से एक अजीब सा मज़ा जोश आ रहा था.
फिर वो मुझसे बोली कि तुम अब अपने सभी कपड़े उतारकर बाथरूम में चली जाओ, क्योंकि में आज तुम्हारी इस प्यारी सुंदर चूत के बालों को साफ करके नहा लूंगी, अब मैंने उनसे हाँ कह दिया और उसके बाद में बाथरूम में जाकर पूरी नंगी हो गयी और वो अपने गाउन को उतारकर उस समय अपनी पेंटी ब्रा में ही बाथरूम में मेरे पीछे पीछे आ गयी और अब वो मेरी चूत पर क्रीम लगाकर एक कपड़े से साफ करने लगी और में उसके सामने अपने दोनों पैरों को पूरा फैलाकर खड़ी हुई थी और वो अब नीचे बैठकर मेरी चूत के बाल बहुत प्यार से कपड़े से साफ कर रही थी.
इस बीच उन्होंने मुझे खुलकर लंड चूत और चुदाई की मज़ेदार बातें बताई, में जिनको सुनकर में बहुत उतेज़ित हो गयी थी और फिर मैंने उनसे भी पूरा नंगा होने के लिए बोला और उन्होंने भी तुरंत से खड़ी होकर अपनी पेंटी, ब्रा को उतार दिया. फिर मुझसे अब रहा नहीं गया और में उसी समय उनसे चिपक गयी और फिर हम दोनों एकदम पूरे नंगे होकर पूरी तरह से जोश में आकर अब एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे थे और हम दोनों एक दूसरे के बूब्स को भी दबाने मसलने लगे थे, जिसकी वजह से मुझे उस समय क्या और कैसा महसूस हो रहा था?
में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकती और शायद ठीक वैसा ही हाल उनका भी था, क्योंकि वो अब गरम होकर सिसकियाँ लेने लगी थी.
फिर उन्होंने मेरी चूत के दाने पर अपनी उंगली से धीरे धीरे घिसना शुरू किया, जिसकी वजह से में बिल्कुल पागल हो गयी थी और मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था, वो अपने एक हाथ से मेरी चूत और दूसरे हाथ मेरे बूब्स के निप्पल को दबाने सहलाने लगी थी. फिर उनके कुछ देर ऐसा करने के बाद अब मेरी चूत ने अपना रस बाहर निकालना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से मेरा जोश अब धीरे धीरे करके ठंडा होता चला गया और उस दिन के बाद करीब दो साल तक लगातार हम दोनों ने ऐसे ही बहुत बार सेक्स किया और बहुत मज़े लिए.
मेरे साथ सेक्स करने के साथ साथ वो अपने पति और बॉयफ्रेंड के साथ हुई अपनी चुदाई के बारे में हमेशा मुझे बताया करती थी, जिसको सुनकर में बहुत जोश में आ जाती थी और मुझे उनके साथ वो सेक्स करने में बहुत आनंद आता था.
दोस्तों मुझे वैसा आनंद मेरी शादी हो जाने के बाद अब तक अपने पति के साथ कभी भी नहीं आया और वो कई बार अपने पति की जींस और टीशर्ट पहनकर मेरे सामने लड़का बन जाती और फिर वो अपनी पेंटी में एक बेंगन या केला रख लेती थी, जिसको देखकर मुझे पेंटी के अंदर किसी लंड का अहसास होता में उनकी जींस को नीचे करके पेंटी में रखे बेंगन पर अपने हाथ को फेरकर ऐसा महसूस करती थी कि जैसे में किसी लंड को सहला रही हूँ और फिर नीचे बैठकर उनकी चूत के पास बहुत चूमती थी, जिसकी वजह से उनकी चूत कुछ देर बाद गीली होने लगती.
फिर वो मेरी पेंटी में उस बेंगन को डालकर उसको कोई लंड समझकर उससे बहुत खेलती और उसको बहुत चूसती थी और उसके बाद वो उस बेंगन को पहले मेरी चूत के अंदर डालकर मुझे शांत करती और उसके बाद में उनकी चूत में उस बेंगन को डालकर उनको चुदाई के मज़े देती, जिसकी वजह से हम दोनों ही पूरी तरह से संतुष्ट होकर शांत हो जाते.
दोस्तों फिर कुछ दिनों के बाद अब उनका कहीं दूसरी जगह तबादला हो गया है और वो अब यहाँ से चली गयी है, लेकिन वो आज भी मेरी सबसे अच्छी दोस्त है, क्योंकि उन्होंने ही मुझे सेक्स का सही मतलब उसका पूरा मज़ा कैसे लेना है चुदाई करते समय किन बातों का ध्यान रखना होता है ऐसी बहुत सारी आवश्यक बातें बातें मुझे बताई और वो मज़े भी उस समय मुझे दिए जिस समय मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था.