गुड मार्निग मित्रों आप सब कैसे है,क्या हाल चाल मित्रों कैसे है आप सब आशा है अच्छे होंगे और चुदाई के जुगाड़ में होंगे अनिल सिंह है. मै जयपुर का रहने वाला हु और मेरी उम्र 21 वर्ष है. मेरे परिवार में हम तीन लोग है मेरे मम्मी पापा और मै. मम्मी पापा जॉब करते है. मै कॉलेज चला जाता हु और छुट्टी के बाद पूरा दिन घर में अकेले ही रहता था या फिर दोस्तों के साथ बहार कही घुमने चला जाता . हमारा घर में दो फ्लोर बने हुए है ऊपर वाले फ्लोर हमने किराये पर दे रखा है. किरायेदार नाम परमेश है. उनके परिवार मे उनकी वाइफ और एक 5 वर्ष की लड़की है. परमेश अंकल प्राइवेट जॉब करते है. इसलिए वो रात को लगभग लेट नाईट लोटते है. और उनकी वाइफ को सभी बबिता आंटी कहते है. यह कहानी मेरी और बबिता आंटी की पहली चुदाई की हैं जिसमे मैंने अपना लंड उसकी चूत और गांड में दिया था. मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.
ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना लड खड़ा ही हो जायेगा बबिता आंटी सेक्सी और सुंदर है. मैंने कभी भी आंटी के बारे गन्दा नही सोचा था. बबिता आंटी के साथ मेरी अच्छी पटती थी और आंटी मेरे साथ बातो में काफी दिलचस्पी लेती थी. एक दिन दोस्त के घर गया और वहा उसने मैंने और मेरे दोस्त ने सेक्सी फिल्म देखी. उस फिल्म में दो कपल्स सेक्स कर रहे थे. इससे पहले मैंने चोदा फिल्म कभी नही देखि थी. फिल्म देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया फिर हम दोनों वहा हस्त मैथुन किया और मै वह से फिर घर आ गया. वो चोदा फिल्म की सीडी मै साथ ले आया और पुरे रस्ते में वो चोदा फिल्म मेरी आखो के आगे घूम रही थी. फिर घर पंहुचा और खाना खाया. उस टाइम घर मै कोई नही था और बबिता आंटी भी कही गयी हुई थी। मै सीधा अपने रूम में चला गया और सीडी देखने लगा. मेरा पूरा ध्यान फिल्म पर था मैंने अपना लंड निकल रखा था और साथ ही हस्तमेथुन कर रहा था की अचानक मैंने पीछे देखा तो बबिता आंटी मेरे पीछे खडी थी और वो मुझे देख रही थी. मै डर गया. मैंने झट से पेंट की चैन कहीं बंद कर ली. क्या बताऊ दोस्तों उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.
बबिता आंटी : ये क्या कर रहे हो. मुझे तेरी सिकायत लगानी पड़ेगी.
मै और डर गया और आंटी के पैर पकड़ लिए और बोला की आंटी आज के बाद नही देखूंगा. प्लीज किसी को मत बताना.
कुछ देर बाद आंटी मान गयी और बोली : एक सर्त पर किसी को नही बताउगी.
मै : आ बोलो आंटी जो भी सर्त है वो मै मानुगा.
बबिता आंटी : तुम मुझे चोदोगे…..!
दोस्तों क्या मलाई वाला माल लग रहा था यह सुनते ही मै खुश हो गया और बोला : हा. क्यों नही आंटी. पर पहले किसी लड़की के साथ मैंने सेक्स नही किया आज पहली बार ये सीडी देखा है. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए
बबिता आंटी : कोई बात नही मै तुम्हे सब सिखा दुगी.
अब सुनिए चुदाई की असली कहानी फिर मैंने बबिता आंटी को अपनी बाहों मै ले लिया और किस करने लगा वो भी मेरा साथ दे रही थी. फिर मै बलाउज के उपर से ही चूचिया दबाने लगा कुछ देर बाद मैंने बलाउज खोल दिया और उनके चूचिया अब बिलकुल मेरे सामने थे और मई उन पर टूट पड़ा पागलो की तरह उनसे चूमने लगा और दातों से काटने लगा. आंटी बोली काटो मत थोडा प्यार से मुझे दर्द हो रहा है. फिर मैंने उन्हें पूरा नंगा कर दिया. फिर आंटी ने भी मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरा लंड देख कर बोली. वहा का माहौल बहुत अच्छा था मित्रों
बबिता आंटी : इतना लम्बा ?
मै : क्यों अंकल का लम्बा नही है क्या ?
बबिता आंटी : नही है. उनका तो इसका आधा है. मज्जा आ जायेगा आज तो असली मर्द मिला है.
वहा जबरजस्त माल भी थी मित्रों फिर आंटी ने मेरा लंड मुह में लिया और आइसक्रीम की तरह चूसने लगी. फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गये और कुछ देर तक इसी पोजीशन में थे. वो मेरे लंड को चुस रही थी और मैं उनकी चूत चाट रहा था उनकी चूत पूरी तरह गिली हो चुकी थी और मुझे भी उनकी चूत चाटने में बहुत मजा आ रहा था और पुरे रूम में उनकी कामुक आवाजे गूंज रही थी. अब वो बोली अब मुझसे नही रहा जा रहा अब बस देर मत करो अपना मोटा लंड मेरी चूत मै डाल दो और मेरी प्यास बुझा दो. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मित्रों
उह क्या मॉल था मित्रों गजब फिर मैंने आंटी को बेड पर लेटाया और उनकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा और आंटी तड़प रही थी बोल रही थी अनिल मेरी जान मुझे और मत तडपाओ. प्लीज जल्दी से लंड मेरी चूत में डाल दो. मैंने फिर अपना लंड उसकी चूत पर सटाया और एक जोरदार धक्का मारा मेरा पूरा लंड उसकी चूत में फिट हो गया और आंटी की चीख निकल गयी उई माँ मर गयी रे. और उसकी आँखों से आंसू आ गये और बोली जरा धीरे तूने तो मेरी चूत फाड़ दी फिर मै धीरे धीरे उसे चोदने लगा थोड़ी देर बाद वो कामुक आवाजे फिर से निकालने लगी और गांड उठाकर उठाकर पूरा लंड अंदर तक लेने लगी. मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से उसे चोदने लगा. थोड़ी देर इस स्टाइल चोदने के बाद मैंने अपना लंड बहार निकाल लिया तक वो बोली अनिल प्लीज अपना लंड वापिस अंदर डालो. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मित्रों
कुछ भी हो माल एक जबरजस्त था फिर डोगी स्टाइल किया और पिच्छे से लंड उसकी चूत में डाल दिया और अपने दोनों हाथों से चूचिया पकड़ लिए और जोर जोर से चोदने लगा. वो पूरा कमरा उसकी चीखो से गूंज रहा था. और बोल रही थी की और जोर से चोदो मुझे मै झड़ने वाली हु , मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी. उसको देखकर किसी का मन बिगड़ जाये
मैंने कहा : मै झड़ने वाला हु.
बबिता आंटी : झड़ जा मेरी चूत में ही.
उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है और हम दोनों एक साथ ही रस्खालित हो गये और मेने अपना पूरा माल उसकी चूत में छोड़ दिया. फिर हम थक कर बेड लेट गए. बबिता आंटी की चूत से थोडा थोडा पानी गिर रहा था फिर आंटी ने अपने रुमाल से चूत साफ की और वही लेटी रही. और हम दोनों बाते करने लगे. आंटी काफी खुश लग रही थी.
ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है आंटी : तू तो कह रहा था की तुझे चुदाई करनी आती ही नही है. तूने तो बहुत बढ़िया की. ऐसे तो तेरे अंकल ने कभी नही की और मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया है. अंकल के लायक तो छोड़ा ही नही. अब से हम रोज सेक्स करेगे.
मैंने कहा : हा क्यों नही. आज भी काफी टाइम बाकि है.
फिर हम दोनों चोदा फिल्म की सीडी देखने लगे. उसमे एक आदमी एक औरत की गांड मार रहा था. यह देख मै बोला की आंटी आपकी गांड बहुत ही सेक्सी है मै आपकी गांड मारना चाहता हु. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई
उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मित्रों आंटी : मार लेना. तूने मेरी इच्छा पूरी की है अब मै तुझे कैसे मना कर सकती हूँ. थोडा देर आराम कर लो. हम लगभग 1 घंटे तक हम नगन अवस्था में लेते रहे. फिर आंटी उठी और दो गिलास ज्यूस के लायी. फिर हम दोनों ने ज्यूस पिया और आंटी दोनों गिलाश लेकर फिर किचन में चली गयी मैं भी उनके पीछे -पीछे किचन में चला गया. फिर मैंने आंटी को पीछे से पकड़ ली और किस करने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी. फिर वहीं से किस करते करते मेरे रूम मै आ गये. उसकी चूचिया देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी.
मित्रों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु फिर मैंने आंटी के चूचिया को पकड़ लिया और उन्हें जोर जोर से मसलने लगा। और किस करने लगा फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत पर रख दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा. फिर मैंने एक उगली उसकी चूत में डाल दी. और अंदर बहार करने लगा. आंटी को भी मजा आने लगा और वो मिठ्ठी मिठ्ठी आहे भर रही थी. फिर मैंने अपना मुह उसकी चूत पर रख दिया और उसकी चूत को चाटने लगा. अब उसके सबर का बांध टूट रहा था और वो मेरे बाल पकड़ कर मेरे मुह को अपनी चूत पर दबा रही थी. मुझे भी आंटी की चूत चाटने में बडा मजा आ रहा था. उसकी चूत से मदमस्त सुगंध आ रही और उसकी चूत को मैं अपनी जीभ से चोद रहा था. उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मित्रों.
अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मित्रों पुरे रूम में उसकी कामुक आवाजे गूंज रही थी. कुछ ही देर में उसने अपनी चूत से पानी छोड़ दिया. उसका सारा पानी मैंने पी लिया. नमकीन और मस्त स्वादिष्ट था. मैंने अपना लंड आंटी के मुह में दे दिया और आंटी उसे चूसने लगी. मित्रों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार.
उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मित्रों जैसे उसके चुत में माखन भरा हो फिर मैंने आंटी को उल्टा लिटाया और बड के ड्रोवेर में पड़ी करीम को उठाया थोड़ी उसकी गांड पर लगाई और थोड़ी अपने लंड पर लगाई. फिर मैंने अपनी एक उगली उसकी गांड में डाल और अंदर बहार करने लगा और साथ ही किस करने लगा. उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मित्रों.
फिर ने कहा : अनिल थोडा प्यार से अपना लंड डालना. मैंने कभी भी पहले गांड नही मरवाई है।
मैंने कहा : आंटी डरो मत. मै आपको प्यार से ही चोदुगा.
मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू तब तक ठीक नहीं होता फिर मै आंटी के उपर लेट गया. फिर धीरे धीरे अपना लंड उसकी गांड में घुसाने की कोशीस करने लगा. गांड काफी टाईट थी लंड अंदर जा ही नही था फिर मैंने एक जोरदार झटका मारा लंड का सुपाडा आंटी की गांड में घुसा गया. और वो जोरसे चिल्ला पड़ी, उई माँ मर गयी फाड़ अनिल तूने मेरी गांड. और उसकी आँखों से आंसू आ रहे थे और वो छटपटाने लगी और छुटने की कोसिस करने लगी पर मैंने उसे अपने हाथो से जोर से जकड लिया और उसे हिलने भी नही दिया थोड़ी देर तक मै रुका फिर अपना लंड धीरे धीरे पूरा उसकी गांड में डाल दिया. एक बात और मित्रों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है.
उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम चुदकड़ अंदाज है आंटी को अभी भी दर्द हो रहा था पर मै रुका नही और अपना लंड उसकी गांड में अंदर बहार करने लगा. फिर मैंने धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ा दी. थोड़ी देर बाद वो चिल्लाना बंध हो गयी और कामुक भरी आवाजे निकलने लगी. अब मै अपनी फुल स्पीड से आंटी की गांड मारने लगा वो गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी. फिर मै लगभग 15 मिनट बाद रस्खालित हो गया. फिर कुछ देर तक हम मित्रों देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी किस करते रहे फिर हम दोनों एक साथ नहाये. वहाँ बाथरूम भी हमने सेक्स किया. आंटी को चलने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी. अभी तक लगभग टाइम 5:30 चुका था. मित्रों चुत को चाटेने के समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे.
मित्रों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की को बिना पैंटी के देखा था वाह क्या मजा आया था आंटी अपने रूम में चली गयी और मै भी घर से बहार घुमने चला गया. नाईट में लोटा और खाना खाकर रूम में आकर सो गया और पूरी रात दिन में आंटी के किये सेक्स को याद करता रहा.जब रात को अंकल आये तो आंटी से पूछा की क्या हुआ तो आंटी ने सिडियो से पैर फिसलने को बहाना बना दिया. अब चुदाई करने को १००% तैयार थी.
मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने को तैयार नहीं था .मेरी और बबिता आंटी की चुदाई फिर तो रोज होने लगी. बबिता आंटी बहाने से मुझे घर बुला लेती और मेरे लंड से अपनी प्यास बुझा लेती थी. चार वर्ष तक हम दोनों रेग्युलर सेक्स करते रहे. अंकल अब दूसरी कंपनी में जॉब करने लग गये और वो लोग दिल्ली चले गये. अब आंटी को एक दो महीने का लड़का भी है जो की आंटी की बात को सच माने तो मेरा हैं अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मित्रों मै पागल सा हो गया चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं चोदना चाहेगा है न मित्रों आया कुछ भी मजा आ गया मित्रो.